कर्नाटक सरकार गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची हिंदू महासभा

अखिल भारत हिंदू महासभा ने कर्नाटक में कांग्रेस-जदएस गठबंधन को सरकार बनाने के राज्यपाल के आमंत्रण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

नई दिल्ली। अखिल भारत हिंदू महासभा ने कर्नाटक में कांग्रेस-जदएस गठबंधन को सरकार बनाने के राज्यपाल के आमंत्रण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सोमवार शाम को कोर्ट पहुंचे हिंदू संगठन ने राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले पर स्थगन आदेश देने के लिए तत्काल सुनवाई की मांग की है।

महासभा ने याचिका में कहा है कि चुनाव बाद हुआ यह गठबंधन असंवैधानिक है। कुमारस्वामी 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले जदएस नेता और कर्नाटक के भावी मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने सोमवार को दिल्ली पहुंचकर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। यह मुलाकात करीब 20 मिनट तक चली। बताते हैं कि यह औपचारिक बैठक थी और सरकार गठन के फॉर्मूले पर अन्य नेताओं से चर्चा हुई।

सूत्रों के अनुसार बुधवार को गठित होने वाली कांग्रेस-जेडीएस सरकार में दो उप-मुख्यमंत्री होंगे, ताकि दोनों दलों में संतुलन रहे। शपथ के 24 घंटे में कुमारस्वामी विश्वास मत हासिल करेंगे। इसीलिए दोनों दलों के विधायकों को अभी भी होटलों में कैद रखा गया है।

कर्नाटक में कांग्रेस और जदएस गठबंधन की सरकार 23 मई को शपथ लेगी। उससे पहले दोनों ही दलों के बीच डिप्टी सीएम, मंत्री और विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, कुमारस्वामी से मुलाकात के दौरान कांग्रेस की ओर से सरकार में अपने लिए डिप्टी सीएम के दो पद मांगे गए हैं। हालांकि जदएस की ओर से अभी इसे लेकर कोई सहमति नहीं दी गई है।

डिप्टी सीएम के दोनों पदों पर कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेता परमेश्वरन और डीके शिवकुमार को बैठाना चाहती है। पार्टी की यह सारी कवायद खेमों में बंटी पार्टी को एकजुट रखने की है। खासकर ऐसे समय जब पार्टी विधायकों के तोड़फोड़ की कोशिश की जा रही है।

कर्नाटक में 23 मई को कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण को लेकर जिस तरीके से विपक्ष के सभी नेताओं को आमंत्रित किया गया है, उससे वहां विपक्षी दलों की एकजुटता दिखाई देगी। इसे लेकर कांग्रेस और जदएस दोनों ही अपने -अपने तरीके से तैयारी में जुटी हुई हैं। फिलहाल इस शपथ ग्रहण में अब तक जिन नेताओं को आमंत्रित किया गया है, उनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश से सपा नेता अखिलेश यादव, मायावती और आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल हैं। इसके अलावा माकपा नेता सीताराम येचुरी आदि को भी बुलाया गया है। कांग्रेस इसके जरिये 2019 को लेकर एक बड़ा संदेश देना चाहती है।

 

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