कश्मीर: केंद्र की ‘नाराजगी’ के बीच पीएम से मिलीं सीएम महबूबा, कहा- पत्थरबाजी के बीच बातचीत नहीं

नई दिल्ली/जम्मू । कश्मीर के बिगड़े हालात के बीच जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करने के लिए दिल्ली में हैं. सुबह करीब 10.30 बजे उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की. करीब आधे घंटे की बैठक के बाद वे राजनाथ सिंह से मुलाकात करने निकलीं.

वाजपेयी जी की नीति के अलावा इसे सुलझाने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर को लेकर वे पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी जी की नीति को लेकर आगे बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी की नीति के अलावा इसे सुलझाने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि अपने लोगों से बातचीत का रास्ता साफ किया जा रहा है.

पत्थरबाजी और गोलीबारी के रहते बातचीत संभव नहीं है

साथ ही सोशल मीडिया आदि का इस्तेमाल कर युवाओं को भड़काने को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार इस पर सख्त है. उन्होंने यह भी कहा कि पहले कोशिश है कि हालात सुधर जाएं. क्योंकि पत्थरबाजी और गोलीबारी के रहते बातचीत संभव नहीं है. उसके बाद बात वहीं से बढ़ानी होगी जहां पर वाजपेयी जी छोड़ गए थे.

साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के विकास पैकेज पर भी चर्चा हो सकती है

इस मुलाकात में राज्य के सुरक्षा हालात के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के विकास पैकेज पर भी चर्चा हो सकती है. वहीं ये भी सवाल उठ रहे हैं कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की अटकलों के बीच क्या केन्द्र सरकार राज्य के हालात को सुधारने के लिए पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार को एक और मौका देगी जो काफी कुछ इस मुलाकात पर निर्भर करता है.

केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में महबूबा सरकार से सख्त नाराज है

एबीपी न्यूज़ के सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में महबूबा सरकार से सख्त नाराज है. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार राज्य में कानून व्यवस्था के लगातार ख़राब होते हालात के बीच दूसरे विकल्पों पर विचार कर रही है. महबूबा सरकार से समर्थन वापसी के हालात में राज्य में राज्यपाल शासन लगाने और नए गवर्नर की नियुक्ति समेत तमाम विकल्पों पर भी विचार चल रहा है.

दूरगामी रणनीति के तहत काम करना चाहती है केंद्र सरकार 

दो साल पहले जम्मू-कश्मीर में पहली बार बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) की पीडीपी (पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) के साथ मिलकर सरकार बनी थी. सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार घाटी में हालात को सामान्य करने के लिए किसी फौरी ईलाज की तरफ नहीं जाना चाहती. बल्कि एक दूरगामी रणनीति के तहत काम करना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक सरकार किसी भी सूरत में अलगाववादियों से बातचीत नहीं करेगी.

आतंकियों और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की पूरी छूट देने के पक्ष में

मौजूदा हालात से निपटने के लिए केंद्र सरकार सेना और सुरक्षाबलों को आतंकियों और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की पूरी छूट देने के पक्ष में है. हालांकि सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की आशंका है आने वाले दिनों में घाटी में हालात और बिगड़ सकते हैं. आने वाले दिनों में सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें तेज होने की आशंका है.

 

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