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नई दिल्ली।  केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बुधवार को कहा कि बारहवीं कक्षा की परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को फिर से जांचने पर चार हजार से अधिक मामलों में अंकों में अंतर आया है. यह फिर से जांची गई कुल कॉपियों का 0.075 प्रतिशत है.

जांच में गलतियों को लेकर आलोचना का शिकार सीबीएसई ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ‘लापरवाही से कॉपियां जांचने ’ पर 200 से अधिक शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है.

सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा, ‘बारहवीं कक्षा की 61 लाख से अधिक उत्तर पुस्तिकाओं को जांचा गया जिसमें से पहले चरण की सत्यापन प्रक्रिया के लिए 66876 आवेदन थे. अंतत : केवल 4632 मामलों में अंकों में बदलाव आया जो कुल जांची गईं उत्तर पुस्तिकाओं का केवल 0.075 प्रतिशत है.’ उन्होंने कहा कि कुल प्राप्त 66876 आवेदनों के 6.9 मामलों में अंकों में अंतर आया.

सचिव ने कहा कि 4632 मामलों में जहां अंकों में बढोत्तरी हुई है उसमें से 3200 मामले एक से पांच अंकों की बढोत्तरी की श्रेणी में आते हैं जहां सामान्यत : शून्य गलती माना जाता है.

उन्होंने कहा, ‘बोर्ड ने लापरवाही से कॉपी जांचने के लिए 214 शिक्षकों के खिलाफ निलंबन और कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. मानवीय गलती को कम से कम करने के लिए , सीबीएसई शिक्षकों , जांच करने वालों के प्रशिक्षण तथा तकनीकी हस्तक्षेप से प्रणाली को और मजबूत करेगी.’

 

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