कांग्रेस की यह चाल समाजद्रोह और राष्ट्रद्रोह है

मालिनी अवस्थी

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सियासी मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए कांग्रेस ने लिंगायतों को धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के रुप में मान्यता दे दी है। इसे बीजेपी के लिये बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि 17 फीसदी आबादी वाला ये समुदाय परंपरागत रुप से बीजेपी का वोटर माना जाता रहा है। दस साल पहले जब कर्नाटक में कमल खिला था, तो कहा गया था कि इसी समुदाय ने बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाया। अब कांग्रेस के इस कदम के बाद राजनीतिक विश्लेषक और दूसरे लोग इसकी समीक्षा कर रहे हैं। लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने भी अपने फेसबुक वॉल पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है, आगे पढिये उन्होने क्या लिखा है?

बांटो, और राज करो! कभी, सत्ता के लिए इन के पुरखों ने भारत का बंटवारा कर डाला था, कभी सत्ता में बने रहने के लिए इमरजेंसी लगाई थी ! Tripura Congressशाहबानो प्रकरण हो या राम मंदिर का ताला खुलवाना, सिखों का नर संहार हो या बाटला कांड का राजनीतिकरण, Congress ने हमेशा समाज और देश को तोड़ने की राजनीति की है।

लेकिन अब, हिंदुओं में विभाजन करना, कांग्रेस की नई चाल है। कर्नाटक में लिंगायत समाज को हिन्दू समाज से अलग कर कांग्रेस ने ओछी राजनीति की सभी सीमाएं तोड़ दी हैं। siddaramaiahपांच वर्ष पहले, 2013 में, UPA सरकार ने स्वयं लिंगायत समुदाय की विशिष्ट मांग को अस्वीकार किया था।

कोर्ट अस्वीकार कर चुका है लेकिन अब जब कर्नाटक में चुनाव होने वाले हैं, सत्ता वापसी के लिए Congress ने यह घृणित राजनीति की है। karnataka congressशायद कांग्रेस को इसकी परिणीति का अंदाज़ा नही है!
आज एक ऐसे समय में जब, जात पात की दीवार गिरा कर एक होने का समय है, ‘एक समाज एक राष्ट्र”होने का समय है, कांग्रेस की इस चाल को मैं समाजद्रोह कहूंगी, यह राष्ट्रद्रोह है!

(लोकगायिका मालिनी अवस्थी के फेसबुक वॉल से )
 

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