कांग्रेस के इफ्तार से क्यों गायब रही समाजवादी पार्टी? बीजेपी से मुकाबले के लिए अखिलेश जो गठबंधन बनाना चाहते हैं उसमें कांग्रेस के लिए कोई जगह नहीं

लखनऊ। क्या कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में अनबन चल रही है? दोनों पार्टियों में सब कुछ ठीक नहीं है, ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं. राहुल गांधी के रोज़ा इफ्तार में विपक्ष के कई नेता पहुंचे. टीएमसी से लेकर बीएसपी के नेता तक लेकिन समाजवादी पार्टी रोजा इफ्तार से गायब रही.

अखिलेश यादव ने खुद कहा था कि समाजवादी पार्टी के नेता राहुल गांधी के बुलावे पर जरूर जाएंगे. पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव वहां जाएंगे, ऐसा बताया गया था लेकिन वे नहीं गए. अखिलेश यादव से जब पूछा गया कि  कल रात राहुल गांधी के इफ्तार पार्टी में आपके यहां से कोई नहीं गया? तो उन्होंने गोल मोल जवाब दिया,”शायद हमारी पार्टी के लोग गए होंगे.”

अंदर की खबर पर ध्यान दिया जाये तो  राहुल गांधी के रोजा इफ्तार पार्टी में समाजवादी पार्टी के किसी नेता को शामिल नहीं होना था. ऐसा होता तो फिर पार्टी के बॉस अखिलेश यादव ने किसी से कहा होता, फोन किया होता. समाजवादी पार्टी के एक बड़े नेता ने बताया,”हम में से किसी के पास अखिलेश जी का ऐसा कोई मैसेज नहीं था.”

आम तौर पर ऐसे कार्यक्रमों में पार्टी के महासचिव और राज्य सभा सांसद रामगोपाल यादव जाते हैं. यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव से ही समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में तनातनी जारी है. ना तो राहुल गांधी कभी कुछ बोले ना ही अखिलेश यादव लेकिन दोनों ही पार्टियों के नेता जानते हैं कि कहीं कुछ गड़बड़ है.

पिछ्ला विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मिल कर लड़ा था. कांग्रेस 109 सीटों पर और बाकी सीटों पर एसपी चुनाव लड़ी थी. दोनों बुरी तरह हारे. हार के बाद से ही समाजवादी पार्टी नेताओं एक बड़ा गुट कांग्रेस के खिलाफ हो गया. इनका कहना है कि यूपी में कांग्रेस को साथ रखने से पार्टी को नुकसान है.

अखिलेश यादव भी ऐसा ही मानते हैं. गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में जीत के बाद अखिलेश का यकीन पक्का हो गया है. बीएसपी के समर्थन से एसपी ने दोनों सीटें जीत ली. इन दोनों जगहों पर कांग्रेस की जमानत तक जब्त हो गयी थी.

बीजेपी से मुकाबले के लिए अखिलेश जो गठबंधन बनाना चाहते हैं उसमें कांग्रेस के लिए कोई जगह नहीं है. वे सिर्फ बीएसपी और आरएलडी से ही चुनावी तालमेल करने के मूड में हैं. कांग्रेस के लिए वे रायबरेली और अमेठी सीट छोड़ना चाहते हैं.

अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से सोनिया गांधी लोक सभा सांसद हैं. गठबंधन में कांग्रेस का भविष्य अब मायावती के हाथों में है. अगर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बीएसपी और कांग्रेस में विधानसभा चुनाव को लेकर समझौता हो गया तो फिर इसका असर यूपी में भी हो सकता है.

 

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