कांग्रेस के चाणक्य अहमद पटेल ने गुजरात की हार के लिए हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश पर साधा निशाना

अहमदाबाद। गुजरात में कांग्रेस की हार के बाद से लगातार ये कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने दिल जीत लिया है। हार को भी जीत बता कर पेश किया जा रहा है, ये हैरान करने वाले बयान हैं। खुद राहुल गांधी कह रहे हैं कि पार्टी के लिए नतीजे अच्छे हैं। सवाल ये है कि क्या अगले पांच साल में कांग्रेस ऐसा कुछ कर पाएगी जिस से वो गुजरात की सत्ता पर कब्जा कर सके, और क्या कांग्रेस ये समझ रही है कि बीजेपी अगले पांच साल में कुछ नहीं करेगी। कुल मिलाकर ख्याली पुलाव पकाने में कांग्रेसी नेता माहिर हैं. भले ही कांग्रेस ने गुजरात में तीन युवाओं पर भरोसा जताया हो लेकिन नतीजे आने के बाद उन्ही पर सवाल खड़े होने लगे हैं। अहमद पटेल ने जो बयान दिया है वो इसी तरफ इशारा कर रहा है।

पिछले 22 साल से सत्ता में काबिज बीजेपी ने एक बार फिर से गुजरात जीत लिया है, इसी के साथ कांग्रेस के अंदर घमासान शुरू हो गया है। अहमद पटेल ने हार के लिए अपने सहयोगियों को जिम्मेदार ठहराया, उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हर तरह के हथकंडे अपनाएं, वो जीत भले ही गई लेकिन नैतिक तौर पर हार हुई है, ये भी अजीब है कि हार के बाद कांग्रेसी नेता नौतिकता की बात कर रहे हैं। पटेल ने कहा कि बीजेपी ने ध्रुवीकरण के दम पर चुनाव जीता है, खैर इनमें कोई नई बात नहीं है, कांग्रेस के नेता इस तरह के आरोप पहले से लगाते रहे हैं। खास बात ये है कि पटेल ने कांग्रेस के सहयोगियों पर हार का ठीकरा फोड़ा है।

कांग्रेस के सहयोगी इस बार कौन थे, हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी, अल्पेश ठाकोर, क्या पटेल ये कहना चाह रहे हैं इनके कारण हार हुई है। अहमद पटेल ने कहा कि हमने अपने सहयोगियों को जो सीटें दी थी, वो हार गए, अगर उन पर कांग्रेस के उम्मीदवार लड़े होते तो नतीजा कुछ और हो सकता था। साथ ही पटेल ने कहा कि कांग्रेस के बड़े नेताओं को टारगेट किया गया, उनको हराने के लिए पूरीजान लगा दी गी थी, इन्ही सबके कारण कांग्रेस गुजरात में सरकार नहीं बना पाई है। पटेल का ये बयान साफ कर रहा है कि कांग्रेस हार के लिए तीन युवा नेताओं को जिम्मेदार मान रही है। कांग्रेस ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की थी, लेकिन तीनों युवा नेता वो नतीजे नहीं दे पाए जिसकी उम्मीद की जा रही थी।

कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले पटेल का ये बयान उन तथ्यों से पूरी तरह अलग है जिनके मुताबिक कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन इन तीनों के कारण ही संभव हो पाया है। हार्दिक पटेल फैक्टर के कारण बड़ी संख्या में पटेल बहुल सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली है। बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने में हार्दिक का बड़ा योगदान है. अब पटेल कह रहे हैं कि कांग्रेस के सहयोगियों के कारण वो हार गए हैं। वहीं सियासी जानकारों का ये भी कहना है कि अगर हार्दिक अपनी पार्टी बना कर चुनाव में उतरते तो वो ज्यादा फायदे में रहते, लेकिन उन्होंने कांग्रेस का साथ दिया, जिसके कारण उनको नुकसान उठाना पड़ा है। राज्य में जनता भले ही बीजेपी से नाराज हो लेकिन वो कांग्रेस को विकल्प अभी भी नहीं मान रही है। ऐसे में पटेल का ये बयान केवल राहुल को हार की जिम्मेदारी से बचाने की कवायद भर है।

 

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