कांग्रेस से ‘पंजा’ छीनने के लिए चुनाव आयोग पहुंचे BJP नेता, दिया ये तर्क
उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग ने पहले कांग्रेस को ‘बैलों की जोड़ी और उनके कंधे पर रखा संबंधक (योक)’ का निशान दिया था. उन्होंने कहा है कि इस चुनाव निशान के साथ कांग्रेस ने चार आम चुनावों में हिस्सा लिया था.
इसके बाद पार्टी में आंतरिक फूट और दोफाड़ के बाद चुनाव आयोग ने कांग्रेस को ‘एक गाय और उसके दूध पीते बछड़े’ का चुनाव निशान दिया.
पार्टी में एक और विभाजन होने के बाद चुनाव आयोग ने ‘हथेली’ या ‘हाथ का पंजा’ का चुनाव निशान कांग्रेस को दिया. उन्होंने कहा है कि छह राष्ट्रीय पार्टियों में से केवल एक को ही इंसानी शरीर के अंग का निशान दिया गया है. उन्होंने कहा है कि 75 राज्य स्तरीय दलों में से भी किसी को इंसानी शरीर का कोई अंग चुनावी निशान के तौर पर नहीं दिया गया है.
उन्होंने कहा है कि आचार संहिता साफ तौर पर कहती है कि मतदान की तारीख से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा. चुनाव के दिन भी मतदान स्थल के 100 मीटर के पास चुनाव निशान नहीं दिखाया जा सकता है, लेकिन कांग्रेसी उम्मीदवार अपनी हथेली दिखाकर अपने चुनाव निशान का प्रचार करते हैं.
उन्होंने ऐसी घटनाओं का भी हवाला दिया है, जब चुनाव अधिकारी से कांग्रेसी उम्मीवारों और एजेंटों की इस हरकत की शिकायत की गई थी. अश्विनी का कहना है कि चुनाव अधिकारी ने असमर्थता जताई थी कि वह किसी को अपना हाथ दिखाने से नहीं रोक सकते हैं. उन्होंने कहा है कि 2007 में एमसीडी के चुनाव में दिल्ली के तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष रामबाबू शर्मा को इसी आधार पर चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया था और बाद में चेतावनी देकर छोड़ दिया था.
बीजेपी नेता अश्विनी का कहना है कि चुनाव के दिन भी कांग्रेसी उम्मीदवार और एजेंट हाथ हिलाकर अपने चुनाव निशान का प्रदर्शन करते हैं और वोट की अपील करते हैं. उन्होंने कहा है कि ऐसा कांग्रेस को विशिष्ट चुनाव निशान मिलने की वजह से हुआ है. उन्होंने कहा है कि इसे रोकने के लिए चुनाव आयोग को कांग्रेस का निशान बदलना चाहिए और हाथ के पंजे या हथेली को चुनाव निशानों की अपनी सूची से भी हटा लेना चाहिए.
बीजेपी नेता ने कहा है कि अगर कांग्रेस के चुनाव निशान – हाथ के पंजे को नहीं बदला जाता है तो इससे संविधान के अनुच्छेद 324 और रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट 1951 की धारा 130 के अनुसार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का उल्लंघन होता रहेगा.
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