किसानों की फैमिली से मिलेंगे शिवराज, सिंधिया का आज से 72 घंटे का उपवास

इंदौर/मंदसौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को मंदसौर जाएंगे। यहां वे किसान आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में मारे गए लोगों के परिवारों से मिलेंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि इस दौरान वे एक-एक करोड़ के मुआवजे का चेक भी दे सकते हैं। उधर, कांग्रेस भी सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करने जा रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दूसरे नेता भोपाल में 72 घंटे का उपवास शुरू करेंगे। बता देंं कि मंदसौर में पुलिस की फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई थी। शांति की अपील करते हुए शिवराज ने अनशन भी किया था।
लोकल एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान मंदसौर जिले में छह जगहों का दौरा कर सकते हैं। पुलिस और सरकार को लेकर लोगों में अभी भी नाराजगी है। इसलिए सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। सीएम को ज्यादातर जगह हेलिकॉप्टर से ले जाया जाएगा। मुख्यमंत्री स्टेट प्लेन से मंदसौर पहुंचेंगे। इसके बाद वे रोड के जरिए बड़वन, लोध जाएंगे। इसके बाद हेलिकॉप्टर से नयाखेड़ा, पिपलियामंडी, बूढ़ा और फिर सुवासरा के लिए उड़ान भरेंगे।
मारे गए किसान कहां से थे?
इस किसान आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में 6 किसान की मौत हो गई थी। 32 साल के घनश्याम बड़वन से थे। इसके अलावा 40 साल के कन्हैयालाल चिल्लौद पिपलिया के रहने वाले थे। 5 साल के बबलू टकरावद और 17 साल के अभिषेक बरखेड़ापंत से थे। वहीं, चैनराम नयाखेड़ा के रहने वाले थे।
सिंधिया और हार्दिक को लिया था हिरासत में
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को जावरा के रास्ते मंदसौर जाने की कोशिश की थी। पुलिस ने उन्हें मंदसौर-जावरा सीमा पर टोल के पास रोककर हिरासत में ले लिया था। सिंधिया के अलावा सांसद कांतिलाल भूरिया और पूर्व मंत्री महेंद्रसिंह कालूखेड़ा को भी पुलिस ने हिरासत में लिया गया था। एडमिनिस्ट्रेशन ने सिंधिया को सेक्शन 144 लागू होने के चलते मंदसौर में घुसने की मंजूरी नहीं दी। इससे पहले हार्दिक मंगलवार सुबह करीब 10 बजे राजस्थान-एमपी बॉर्डर से सटे नयागांव पहुंचे थे। उनके साथ जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव अखिलेश कटियार भी मौजूद थे। हार्दिक ने जैसे ही मध्य प्रदेश में एंट्री की वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। हार्दिक को रोकने के लिए पुलिस ने महू-नसीराबाद हाईवे बंद कर दिया था।
राहुल भी नहीं पहुंच पाए थे मंदसौर
राहुल गांधी भी 8 जून को किसानों के परिवारों से मिलने के लिए राजस्थान के उदयपुर से एमपी के मंदसौर के लिए निकले थे। राहुल ने पुलिस से बचने के लिए कार-बाइक से सफर किया। करीब 3 किमी पैदल भी चले। इसके बाद भी वे मंदसौर नहीं पहुंच पाए। उन्हें पुलिस ने नीमच से पहले ही हिरासत में ले लिया। पुलिस राहुल को एक गेस्ट हाउस में ले गई। वहां वे करीब 4 घंटे तक रहे। पुलिस ने उन्हें यह इलाका छोड़ने के लिए कहा, लेकिन वे किसानों के परिवार वालों से मिलने की जिद पर अड़े रहे। एडमिनिस्ट्रेशन ने उनकी बात फोन पर किसानों के परिवार से कराई। रिहा होने के बाद शाम को राहुल ने राजस्थान में परिवारों से मुलाकात की थी।
क्या हैं किसानों की मांगें, क्यों अनशन पर बैठे थे शिवराज?
महाराष्ट्र के बाद जून की शुरुआत में मध्य प्रदेश में भी किसानों ने आंदोलन शुरू किया था। मध्य प्रदेश के किसानों की मांग है कि उन्हें कर्ज माफी दी जाए, फसलों पर मिनिमम सपोर्ट प्राइस मिले, जमीन के बदले मुआवजे पर कोर्ट जाने का हक मिले और दूध के रेट बढ़ाए जाएं। 3 जून को इंदौर में यह आंदोलन हिंसक हो गया था। बाद में मंदसौर, उज्जैन और शाजापुर जैसे राज्य के बाकी हिस्सों में फैल गया। मंदसौर में पुलिस की फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई थी। शांति की अपील करते हुए शिवराज ने अनशन भी किया था।
मध्य प्रदेश में किसानों की मांग
मध्य प्रदेश के किसान कर्ज माफी, मिनिमम सपोर्ट प्राइस, जमीन के बदले मिलने वाले मुआवजे और दूध के रेट को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। सबसे पहले 3 जून को इंदौर में यह आंदोलन हिंसक हुआ था। बाद में मंदसौर और राज्य के बाकी हिस्सों में भी फैल गया। इस दौरान हुई फायरिंग में 7 किसानों की मौत हो गई। कर्ज माफी और दूध के दाम बढ़ाने जैसे मुद्दे पर किसानों का आंदोलन महाराष्ट्र में 1 जून से शुरू हुआ था। वहां अब तक 7 लोगों की मौत हुई है। राज्य में शांति के लिए सीएम शिवराज सिंह ने भोपाल में उपवास किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था, “किसान की मेहनत और परिश्रम को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। किसान को लाभकारी मूल्य देने में मध्य प्रदेश सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मर्जी के बिना किसान की जमीन नहीं ली जाएगी। किसान विरोध मुद्दों को ऑर्डिनेंस लाकर बदला जाएगा।”
कर्ज माफी पर क्या है सरकारों का रुख?
– एमपी: राज्य के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा है कि किसानों के लिए कर्ज माफी का सवाल नहीं उठता। वे इसके पक्ष में नहीं हैं।
– महाराष्ट्र:आंदोलन कर रहे किसानों को बड़ी जीत तब मिली जब महाराष्ट्र सरकार ने मापदंडों के आधार पर पूरी कर्ज माफी का फैसला लिया। यहां कर्ज माफी के लिए पैनल बनेगा।
– उत्तर प्रदेश :योगी आदित्यनाथ ने सीएम बनते ही फैसला किया था कि उत्तर प्रदेश में किसानों का कर्ज माफ किया जाए। 2 करोड़ 15 लाख किसानों के एक लाख रुपए तक कर्ज माफ करने का फैसला लिया गया।
– केंद्र: अरुण जेटली ने कहा है कि किसानों की कर्ज माफी पर केंद्र मदद नहीं करेगा। राज्यों को इसके लिए खुद पैसा जुटाना होगा।
मध्य प्रदेश सरकार ने अब तक क्या कदम उठाए?
सीएम चौहान ने किसानों पर केस खत्म करने, जमीन मामले में किसान विरोधी प्रावधानों को हटाने, फसल बीमा को ऑप्शनल बनाने, मंडी में किसानों को 50% कैश पेमेंट और 50% आरटीजीएस से देने का एलान किया था। यह भी कहा था कि सरकार किसानों से इस साल 8 रु. किलो प्याज और गर्मी में समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदेगी। खरीदी 30 जून तक चलेगी।सरकार ने यह भी एलान किया था कि एक आयोग बनेगा जो फसलों की लागत तय करेगा। उस पर किसानों को फायदा होने लायक कीमत मिले, यह सरकार सुनिश्चित कराएगी।
मध्य प्रदेश में 19 साल बाद इस तरह का आंदोलन
इससे पहले मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई में 1998 में किसानों ने इस तरह का आंदोलन किया था। 12 जनवरी 1998 को प्रदर्शन के दौरान 18 लोगों की मौत हुई थी। दरअसल, मुलताई में उस वक्त किसान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंदोलन हुआ था। किसान बाढ़ से हुई फसलों की बर्बादी के लिए 5000 रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजे और कर्ज माफी की मांग कर रहे थे। उस वक्त राज्य में कांग्रेस सरकार थी।
 

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