केजरीवाल की माफी पर बयान देकर फंस गए कुमार विश्वास?

नई दिल्ली। पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर पंजाब विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान दिए गए अपने बयान को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी के नेता आशीष खेतान ने माफी मांग ली है.

लिखित माफी के बाद आम आदमी पार्टी के भीतर घमासान मच गया है. पार्टी की पंजाब यूनिट दो फाड़ के कगार पर है, वहीं दिल्ली में पार्टी से नाराज नेता भी इस मौके का फायदा उठाकर हमले करने से नहीं चूक रहे.

पार्टी ने मेरा इस्तेमाल किया: कुमार

पहले ही राज्यसभा का टिकट काटे जाने से नाराज बैठे पार्टी नेता कुमार विश्वास ने भी इस मौके पर अपनी प्रतिक्रिया देने में कोई कसर नहीं छोड़ी. विश्वास ने इस माफीनामे को लेकर कई कटाक्ष किए जिसमें इशारों-इशारों में यहां तक लिख दिया कि कैसे पार्टी के नेतृत्व ने उनका इस्तेमाल किया.

कुमार अक्सर गाहे-बगाहे आम आदमी पार्टी और केजरीवाल समेत आप नेतृत्व पर चुटकी लेते रहते हैं. हालांकि, सोशल मीडिया पर दिए गए उनके एक बयान के चलते अब खुद विश्वास की किरकिरी हो रही है.

सोशल मीडिया पर कुमार ने साधा था निशाना

माफीनामे को लेकर कुमार विश्वास ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह उनके खिलाफ दाखिल मानहानि के मुकदमे को लड़ने के लिए अपने निजी शो रद्द करते रहे और उन तमाम मुकदमों को लड़ने के लिए उन्होंने आम आदमी पार्टी की ओर से कोई कानूनी मदद नहीं ली. विश्वास का कहना है कि उन मुकदमों में आगे की सुनवाई के लिए भी उन्होंने निजी वकील नियुक्त कर रखा है.

विश्वास पर भड़के केजरीवाल समर्थक

विश्वास के इस बयान पर केजरीवाल समर्थक भड़क गए. पार्टी के सोशल मीडिया हेड अंकित लाल ने पार्टी के लीगल टीम के प्रमुख और वकील ऋषिकेश कुमार का बयान वाला वीडियो सोशल मीडिया पर चिपका दिया. आम आदमी पार्टी के लीगल विंग के प्रमुख ऋषिकेश कुमार का कहना है कि विश्वास का यह कहना कि पार्टी ने उन्हें कानूनी मदद नहीं की यह सरासर गलत है.

ऋषिकेश ने पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आम आदमी पार्टी के तमाम नेताओं पर दाखिल मानहानि की याचिका से संबंधित वह कानूनी कागज दिखाया, जिसमें कुमार विश्वास भी आरोपी हैं. लेकिन अदालत में उनकी पैरवी आम आदमी पार्टी के कानूनी विंग के मुखिया ऋषिकेश कुमार कर रहे हैं.

केजरीवाल ने आखिर क्यों मांगी माफी?

इस वीडियो के बाद कुमार विश्वास अपने ही दिए गए बयान में फंसते नजर आए. वहीं, केजरीवाल के माफीनामे को लेकर उनके पुराने साथी प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने भी उनकी जमकर आलोचना की. आम आदमी पार्टी की ओर से सफाई दी गई है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का अदालत के पचड़ों में समय व्यर्थ ना हो इसलिए केस खत्म करने की एक पहल की गई. लेकिन इस माफीनामे से सबसे ज्यादा नुकसान केजरीवाल की छवि और उनकी विश्वसनीयता पर हुआ है.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button