कोई ताकत जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग नहीं कर सकतीः राजनाथ

rajnath-singhनई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कश्मीर में हिंसा और अशांति के लिए बुधवार को सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पड़ोसी देश के साथ अब सिर्फ पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर ही बात होगी। घाटी में जो भी हो रहा है, सब पाकिस्तान प्रायोजित है। साथ ही, इस मुद्दे पर पाकिस्तान से वार्ता का सुझाव भी खारिज कर दिया।

कोई ताकत जम्मू-कश्मीर को अलग नहीं कर सकती
राज्यसभा में कश्मीर के हालात पर चर्चा के जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान से अब कोई बात नहीं होगी। उन्होंने कहा, दुनिया की कोई ताकत जम्मू-कश्मीर को हमसे अलग नहीं कर सकती। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख को पत्र लिखकर जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने की मांग की है। पाक को यह नहीं भूलना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर का और कहीं से हल निकल सकता है।

देश में पाकिस्तान जिंदाबाद नहीं चलेगा
गृहमंत्री ने कश्मीर में आईएसआईएस का झंडा लहराने और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने की घटनाओं पर भी सख्त ऐतराज जताया। उन्होंने राज्य के युवाओं से कहा कि भारत की धरती पर यह नहीं चलेगा। आईएस इस्लाम में यकीन रखने वालों का ही सर कलम कर रहा है, जबकि इस्लाम इसकी कभी इजाजत नहीं देता।

घाटी में शांति बहाली की प्रक्रिया जारी
चर्चा के दौरान कांग्रेस समेत कुछ दलों द्वारा घाटी में शांति बहाली के लिए राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल भेजने के सुझाव पर गृहमंत्री ने कहा कि बातचीत की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि वह 23-24 जुलाई को श्रीनगर और अनंतनाग गए थे। वहां विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत की थी। जहां तक राज्य में राजनीतिक दलों का प्रतिनिधिमंडल भेजकर चर्चा कराने की बात है, उसके लिए जमीनी स्तर पर तैयारी करनी पड़ेगी। इस बाबत वह राज्य की मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे।

12 अगस्त को सर्वदलीय बैठक
राजनाथ ने कहा, जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर 12 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाग लेंगे। उच्च सदन में कश्मीर मसले पर चर्चा के बाद एक संकल्प भी सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसमें घाटी में अशांति, हिंसा और कर्फ्यू के प्रति गंभीर चिंता जताने के साथ घटनाओं में मारे गए और घायल लोगों के प्रति संवेदना जताई गई है। साथ ही, राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करने की प्रतिबद्धता भी जताई गई है।

 

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