क्या इन तीन बड़े हत्याकांड के दोषियों की सजा होगी माफ? SRB आज कर सकता है फैसला

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (04 अक्टूबर) कई अहम मामलों पर सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के साथ देश को सन्न कर देने वाले जेसिका लालनैना साहनी और प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड के दोषियों की पर सजा समीक्षा बोर्ड विचार कर सकता है, जिसकी वजह से आज देश के लोगों की नजर इन तीन बड़े मामले पर भी रहेगी. सूत्रों के मुताबिक, सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) की गुरुवार को बैठक होगी, जिसमें वो इन बड़े मामलों पर फैसला कर सकता है. इन सभी दोषियों की याचिका पर विचार सकारात्मक रहा तो तीनों को जल्द जेल से रिहाई मिल सकती है.

SRB may be take decision for the culprits of jessica lal naina sahni and priyadarshini mattoo murdercase
मॉडल जेसिका लाल हत्याकांड का दोषी मनु शर्मा.

सजा समीक्षा बोर्ड प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड के दोषी संतोष सिंह, जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा, नैना साहनी हत्याकांड के दोषी सुशील शर्मा सहित तकरीबन 200 से ज्यादा कैदियों के भविष्य पर फैसला लिया जा सकता है. इससे पहले 24 जून को हुई एसआरबी की बैठक हुई थी, जिसमें प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड, जेसिका लाल हत्याकांड के दोषियों के नामों की चर्चा हुई थी, लेकिन बोर्ड ने इन नामों पर विचार अगली सुनवाई तक के लिए टाल दिया था. इसलिए ये अनुमान लगाया जा रहा है कि गुरुवार (04 अक्टूबर) को इस बैठक में दोषियों की पर सजा समीक्षा बोर्ड विचार कर सकता है.

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नैना साहनी हत्याकांड का दोषी सुशील शर्मा.

तीनों दोषी काट रहे हैं उम्रकैद की सजा
प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड के दोषी संतोष सिंह 2006 से जेल में बंद है. उसे दिल्ली हाईकोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद 2010 में हाईकोर्ट ने उसकी सजा को उम्रकैद में बदल दिया था. वहीं मॉडल जेसिका लाल हत्याकांड में 2006 में दोषी ठहराए गए मनु शर्म को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. नैना साहनी तंदूर मर्डर केस में कोर्ट में सुनील शर्मा को 2006 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. ये सभी दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं.

तीन बड़े हत्याकांड के दोषियों की क्या सजा होगी माफ, SRB आज कर सकता है फैसला
प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड का दोषी संतोष सिंह.

सजा समीक्षा बोर्ड में कौन-कौन होता है शामिल
दिल्ली के गृह मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति में प्रमुख सचिव (गृह), प्रमुख सचिव (विधि), महानिदेशक (जेल), संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), मुख्य परिवीक्षा अधिकारी और एक जिला सदस्य, सदस्य के तौर पर शामिल होते हैं.

 

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