क्या जान बचाने के लिए छोटा राजन ने खुद प्लान की गिरफ्तारी?

chota-rajan-1तहलका एक्सप्रेस
मुंबई। अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन (राजेंद्र सदाशिव निखलजे) को इंटरपोल ने इंडोनेशिया के बाली एयरपोर्ट से रविवार शाम अरेस्ट कर लिया। बताया जा रहा है कि छोटा राजन के बारे में इंडियन एजेंसी ने टिप दी थी। रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से करीब से जुड़े सूत्रों और बाकी इंटेलिजेंस एजेंसियों के सोर्सेस से मिली जानकारी इस सवाल की ओर इशारा करती है कि क्या छोटा राजन ने अपनी गिरफ्तारी खुद प्लान की थी? क्या दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गे छोटा शकील से अपनी जान को खतरा होने के चलते वह भारतीय एजेंसियों के जरिए सिक्युरिटी चाहता था?
किस पहचान के साथ इतने साल रहा राजन?
– राजन अपनी असल पहचान छुपाकर कुमार मोहन (उम्र 55 साल) के रूप में ऑस्ट्रेलिया में रह रहा था।
– उसका पासपोर्ट नंबर G 9273860 था।
– सूत्रों के मुताबिक राजन सिडनी में ही छुपा हुआ था। इस दौरान वह ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया के बीच आता-जाता रहता था। सिडनी-बाली के बीच हवाई सफर महज 3 घंटे का है।
क्या राजन ने खुद प्लान की अपनी गिरफ्तारी?
– सूत्रों का मानना है कि राजन ने अपनी गिरफ्तारी खुद प्लान की है। छोटा राजन दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील से बढ़ते खतरों के चलते सिक्युरिटी चाहता था। उसने खुद इस बारे में भारत की इंटेलिजेंस एजेंसियों से संपर्क भी किया। लेकिन भारतीय एजेंसियों ने उसे प्रोटेक्शन देने की बात नहीं मानी।
– इसके बाद राजन ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े टॉप सोर्स से बात की थी। उसने मुंबई में मौजूद अपने भरोसेमंद लोगों को अपनी ट्रैवेल डिटेल्स बताई। उसके सूत्र इन्हीं जानकारियों को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ शेयर कर रहे थे।
– इसी के बाद छोटा राजन के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया। ऑस्ट्रेलियन इंटेलिजेंस टीम और इंडोनेशिया की इंटरपोल टीम को इस बारे में बताया गया।
– बताया जा रहा है कि खुद को अरेस्ट कराए जाने के पीछे छोटा राजन का मकसद खुद को सेफ करना था। उसे पता था कि अरेस्ट के बाद डिपोर्ट कर इंडिया लेकर आया जाएगा। जहां वह पुलिस सुरक्षा में जेल में रहेगा।
क्या इसी ऑपरेशन के लिए इंडोनेशिया में हैं वीके सिंह?
क्या छोटा राजन की गिरफ्तारी की पहले से ही तैयारी कर ली गई थी? यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह कुछ दिनों पहले से ही इंडोनेशिया में मौजूद हैं। सोमवार को राजन की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने ट्वीट किया, ‘छोटा राजन गिरफ्तार हुआ। दो दिन पहले मैंने वीके सिंह को फोन किया था। तब मुझे पता चला कि वे इंडोनेशिया में हैं। क्या उन्होंने गिरफ्तारी के सिलसिले में कोई बातचीत की थी?’
राजन ने इंडियन इंटेलिजेंस से मांगी थी मदद
गौरतलब है कि छोटा राजन दो-तीन बार खुद पर हुए जानलेवा हमलों में बच चुका है। पांच महीने पहले भी डी कंपनी के शूटरों ने बदला लेने के लिए राजन को निशाना बनाया था। राजन गैंग के एक सूत्र के मुताबिक अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन खुद के देशभक्त होने का दावा करता है। सूत्र के मुताबिक उसने अपने सूत्रों के जरिए भारतीय एजेंसियों से सुरक्षा देने के लिए मदद मांगी थी। सेठ (राजन) को छोटा शकील और उसके साथियों से जान का खतरा था। ये लोग कई बार उसे जान से मारने की कोशिश कर चुके हैं।
राजन के खिलाफ 9 जुलाई 1995 को जारी हुआ था रेडकॉर्नर नोटिस
– 25 अक्टूबर, 2015 को इंटरपोल ने इंडोनेशिया के सहयोग से बाली के एगुराहारी एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन और पासपोर्ट चैकिंग के दौरान छोटा राजन को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि इंडोनेशिया इंटरपोल को कैनबरा इंटरपोल से रेडकॉर्नर नोटिस जारी किए गए छोटा राजन के खिलाफ जानकारी मिली थी।
– इसमें बताया गया कि वह पासपोर्ट नंबर G 9293860 से सुबह 10 बजे इंडोनेशिया की गरुडा एयरलाइंस की फ्लाइट नंबर GA715 से बाली के डेनपसार जाने वाला है। इसके बारे में 15 दिन पहले इंडोनेशिया इंटरपोल को बता दिया गया था।
– गौरतलब है कि छोटा राजन के खिलाफ भारत में 12 अक्टूबर 1994 को अरेस्ट वारंट और 9 जुलाई 1995 को No. A-360 / 7-1995 से रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। राजन पर भारत में 15-20 लोगों के मर्डर का आरोप है। इस वक्त छोटा राजन बाली एयरपोर्ट के इमिग्रेशन डिपार्टमेंट में क्रिमिनल पुलिस हवाले है जहां एडीजे नगुराहारी (बाली) उससे पूछताछ कर रहे हैं।
कैसे हुई थी छोटा राजन-दाऊद की दोस्ती?
-80 के दशक में मुंबई में अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान, करीम लाला और बड़ा राजन के गैंग एक्टिव थे।
-हाजी मस्तान की मौत के बाद उसकी कुर्सी संभालने वाले दाऊद की करीम लाला के वारिसों से गैंगवार छिड़ गई।
-बड़ा राजन ने दाऊद का साथ लेकर करीम लाला के वारिसों के खिलाफ गैंगवार छेड़ी तो बड़ा राजन को जान गंवानी पड़ी।
-इसके बाद बड़ा राजन के लिए काम करने वाले छोटा राजन ने उसका काम संभाला।
-छोटा राजन को एक भरोसेमंद और ताकतवर सहारे की तलाश थी जो उसे दाऊद के रूप में मिल गया।
-छोटा राजन की पत्नी सुजाता को दाऊद मुंहबोली बहन मानता था। सुजाता दाऊद को राखी भी बांधती थी। इस वजह से भी छोटा राजन और दाऊद करीब आए थे।
-जब 1988 में दाऊद को दुबई भागना पड़ा तो उसने मुंबई में अपने सारे कामों की जिम्मेदारी छोटा राजन को सौंप दी।
कैसे बनी दूरी? 
-कहा जाता है कि दुबई पहुंचने के बाद दाऊद ने मुंबई में अपना कंट्रोल बनाए रखने के लिए अपने ही लोगों को आपस में लड़ाना शुरू किया।
-आरोप है कि दाऊद ने मुंबई में शिवसेना पार्षद खीम बहादुर थापा का मर्डर करवा दिया। थापा छोटा राजन का करीबी था।
-कहा जाता है कि छोटा राजन को पता चला कि थापा की हत्या में दाऊद के नेपाल के शूटर सुनील सांवत का हाथ है। यहीं से दाऊद और छोटा राजन में दूरियां बढ़ने लगीं।
-1993 के मुंबई बम ब्लास्ट के समय दाऊद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के करीब हो गया। इससे दाऊद और छोटा राजन की दूरियां बढ़ गईं।
-दोनों के बीच दूरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सितंबर, 2000 में दाऊद ने बैंकॉक में छोटा राजन पर हमला कराया। हालांकि, राजन इस हमले में बच गया।
दाऊद ने कब-कब की राजन को मारने की कोशिश?
1. 2000 में भी हुई थी छोटा राजन को मारने की कोशिश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2000 में दाऊद के गुर्गों ने छोटा राजन पर बैंकाक (थाईलैंड) के एक मार्केट में हमला किया था। वह घायल हो गया था, लेकिन इसके बावजूद वहां से निकल भागने में कामयाब हो गया था।
2. दाऊद ने शकील को दिए थे ऑर्डर
इसी साल अप्रैल में इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसीज के हाथ अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का एक फ्रेश वॉइस टेप हाथ लगा था। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, इसमें दाऊद और शकील के बीच बातचीत को इंटरसेप्ट किया गया था। इस बातचीत में दाऊद छोटा शकील को छोटा राजन को मारने के ऑर्डर दे रहा था। पहले तो इंटेलिजेंस एजेंसीज को भरोसा नहीं हुआ कि यह दाऊद की ही आवाज है, लेकिन जब इसकी बारीकी से जांच की गई तो साफ हो गया कि शकील को ऑर्डर देने वाला और कोई नहीं, बल्कि दाऊद इब्राहिम ही है।
3. छोटा शकील ने दी थी धमकी 
इसी साल छोटा शकील ने राजन के खिलाफ साजिश रचने के दौरान उसके सहयोगी से कहा था, “राजन खुद को देश के प्रति वफादार बताता है। वह पिछली बार तो बच गया था, लेकिन इस बार हम ऐसा नहीं होने देंगे। हमारे पास ताकत है और वह भागता फिर रहा है। तुम हमारी मदद करोगे तो बहुत फायदे में रहोगे।” राजन के इस सहयोगी ने शकील को बता दिया कि वह ऑस्ट्रेलिया के न्यूकॉसल में रह रहा है। इसके बाद मिडल-ईस्ट के एक देश से कुछ शूटर्स ऑस्ट्रेलिया भेजे गए। शकील ने उन्हें साफ निर्देश दिए थे कि राजन को किसी भी कीमत पर ढेर किया जाना चाहिए।
4. दाऊद ने की थी हत्या की कोशिश, ऑस्ट्रेलिया से भागा था छोटा राजन 
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, इसी साल दाऊद के करीबी छोटा शकील ने राजन के एक सहयोगी से मदद लेकर उसे ऑस्ट्रेलिया में मारने की साजिश रची थी, लेकिन ऐन वक्त पर राजन को दाऊद के प्लान का पता लग गया और वह वहां से गायब हो गया। कभी दाऊद के करीबी रहे छोटा राजन को काफी वक्त तक उसकी टक्कर का गैंगस्टर माना गया। इस वजह से कुछ लोगों ने उसे दाऊद के जवाब के तौर पर ‘हिंदू डॉन’ का तमगा भी दे दिया।
दाऊद के खिलाफ भारत ने ली थी छोटा राजन की मदद?
भारत छोटा राजन की मदद से मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान में ही ठिकाना लगाने की तैयारी में था। लेकिन मुंबई पुलिस के कुछ अफसरों की वजह से पूरा ऑपरेशन चौपट हो गया। पूर्व होम सेक्रेटरी और बीजेपी लीडर आरके सिंह ने यह खुलासा किया था। सिंह ने दावा किया था कि अटलजी की सरकार के वक्त इस ऑपरेशन के लिए छोटा राजन गैंग के लोगों को ट्रेनिंग भी दी गई थी। उन्होंने कहा था- जब अटल बिहारी वाजपेयी पीएम थे तब भारत सरकार ने छोटा राजन गिरोह के कुछ लोगों को इस मिशन से जोड़ा और उन्हें सीक्रेट लोकेशन्स पर ट्रेनिंग देनी शुरू की। हालांकि, दाऊद से जुड़े मुंबई पुलिस के कुछ अफसर ट्रेनिंग कैंप पर इन लोगों को अरेस्ट करने पहुंच गए। सिंह ने कहा, ‘‘मुंबई पुलिस यह कहती पाई गई कि उसके पास तैयार किए जा रहे लोगों के खिलाफ वॉरंट है। हालांकि, मैं इस न्यूज को कन्फर्म नहीं कर सकता। मैंने यह सब सुना है और मेरे पास ठोस सबूत नहीं हैं।”
 

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