क्राइम ब्रांच ने बरेली के ‘नीरव मोदी’ को किया गिरफ्तार, निवेशकों को लगाया था 300 करोड़ रुपए का चूना

बरेली। बरेली क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता मिली है. क्राइम ब्रांच ने बरेली के नीरव मोदी को गिरफ्तार किया है. श्री गंगा इंफ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड के एमडी राजेश मौर्य को क्राइम ब्रांच ने गाज़ियाबाद से गिरफ्तार किया है. पुलिस को कई दिनों से राजेश मौर्य की तलाश थी. एसएसपी समेत तमाम आला अधिकारी राजेश मौर्य से पूछताछ करने में जुटे हुए हैं.

क्रिप्टो करेंसी और प्रोपर्टी में हजारों निवेशकों ने लगाया था करोड़ो रुपया

राजेश मौर्य बड़ा ही शातिर था उसने अपनी बातों की जाल में लोगों को ऐसा फसाया की बरेली के कई नामचीन व्यापारी, सफेदपोश, विधायकों और पुलिस वालों ने करोड़ों रुपए श्री गंगा इंफ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में निवेश कर दिए. कंपनी का भांडाफोड़ होने पर बारादरी थाने में मुकदमों का अंबार लग गया. हजारों निवेशक थाने पहुंचने लगे. जिसके बाद पुलिस ने एक एफआईआर में सभी के नाम बढ़ा दिए. पुलिस मामले की तफ्तीश में लगी हुई है.

राजेश मौर्य की करोड़ो की संपत्ति पुलिस करेगी जब्त

राजेश मौर्य ने जिस प्रॉपर्टी में लोगों का पैसा लगवाया था पुलिस अब उस प्रॉपर्टी को जब्त करेगी. इसके अलावा पुलिस ने राजेश मौर्य के सभी एकाउंट फ्रीज करवा दिए हैं. हालांकि उसके एकाउंट में ज्यादा रुपए नहीं मिले. करीब 6 महीने पहले ही राजेश सारा पैसा बैंकों से निकाल चुका था.

निवेशक परेशान, थाने से लेकर पुलिस अफसरों के लगा रहे हैं चक्कर

हजारों निवेशकों का 300 करोड़ से अधिक डकारने वाला मास्टर माइंड राजेश मौर्य भले गिरफ्तार हो गया हो लेकिन निवेशक अभी भी परेशान हैं. क्योंकि जो पैसा उन्होंने कंपनी में लगाया था वो अभी तक नहीं मिला है और लोगों को उसकी उम्मीद भी कम नजर आ रही है.

बारादरी थाने में राजेश मौर्य सहित उसके परिवार के लोगो और एजेंट पर दर्ज है मुकदमा

बारादरी थाना क्षेत्र के ग्रीन पार्क स्थित कंपनी के कार्यालय पर 7 जुलाई को निवेशकों ने हंगामा किया था. ठगी के मामले में थाना बारादरी में चंद्रगुप्तपुरम कॉलोनी निवासी राजेश मौर्य, उसके भाई मनोज मौर्य और दिनेश मौर्य, एजेंट अजय मौर्य, सिविल लाइंस में वसुंधरा होटल के पीछे रहने वाले विश्वनाथ मौर्य, कृष्णनाथ मौर्य, शिवनाथ मौर्य और संदीप सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. पुलिस राजेश के पिता रामदेव मौर्य, चचेरे भाई राम किशोर, भाभी संजोली और शिवनाथ मौर्य को जेल भेज चुकी हैं. पुलिस को राजेश की सरगर्मी से तलाश थी. एफआईआर लिखने से पहले ही राजेश दो गाड़ियों से अपने परिवार के साथ भाग गया था. लेकिन पुलिस ने उसे गाज़ियाबाद से धर दबोचा.

160 फ्रेंचाइजी खोल रखी थी ठग ने

ठग राजेश मौर्या ने शहर भर में 160 फ्रेंचाइजी खोल रखी थी. एक फ्रेंचाइजी के लिए 2 लाख रुपए लेता था और फिर उसे हर महीने 10 हजार रुपए और ऑफिस का खर्च देता था. लोगों को राजेश पर बहुत विश्वास था और लोग आंख बंद करके अपनी जमा पूंजी लगा रहे थे. बारादरी में सतीपुर इलाके की चंद्रगुप्तपुरम कालोनी के रहने वाले राजेश मौर्य ने ग्रीन पार्क के सामने अरमान हाईटस बिल्डिंग में गंगा ग्रुप आफ कंपनीज के नाम से ऑफिस खोला था. रियल इस्टेट कारोबार बताकर कंपनी ने लोगों के लाखों-करोड़ो रुपए निवेश कराए. उन्हें डेढ़ साल में रुपए दो गुने करने का झांसा दिया. इसके अलावा हर महीने ब्याज देने की भी स्कीम चलाई. आरोपी राजेश मौर्य और उसके साथी एजेंट लोगों को डेढ़ साल और ढाई साल के निवेश की गई रकम की दोगुनी रकम के चेक काटकर देते थे.कई लोगों को उन्होंने प्लाट की भी रजिस्ट्री कराई. पिछले कई महीनों से कंपनी के चेक बाउंस हो रहे थे. लोग उनके आफिस में जाकर हंगामा कर रहे थे.

ग्राहकों को फांसने के लिये अपने सुपर एजेंटों को दे रखीं थीं लग्जरी गाड़ियां

गंगा ग्रुप आफ कंपनीज ने अमीर ग्राहकों को फांसने के लिए अपने सुपर एजेंटों को लग्जरी गाड़िया दे रखीं थीं. ग्रुप में सभी 8 लोगों के पास लग्जरी गाड़िया थी. अन्य लोगों को बाइक दी गई थी. लग्जरी गाड़ियों से जब लोग जाते थे तो बड़े-बड़े लोग कंपनी में पैसा निवेश करते थे. सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला है कि कई विधायकों ने भी करोड़ो रुपया कंपनी में निवेश किया है.

राजेश मौर्य बीसलपुर रोड पर काट रहा है कॉलोनी

गंगा ग्रुप आफ कंपनीज के एमडी राजेश मौर्य ने 6 साल पहले रियल इस्टेट का काम शुरू किया था. बीसलपुर रोड पर उसने काफी लैंड बैंक बना रखा है. उसी में वह कॉलोनी काट रहा था. निवेशकों का रुपया वहीं कॉलोनी में लगाया जा रहा था. रुपए के बदले वह प्लॉट की रजिस्ट्री करवा रहा था. इसके अलावा वह निवेशकों को अतिरिक्त ब्याज का तोहफा भी दे रहा था.

ये हैं वो लुभावनी स्कीमें जिसमे झांसे में फंसे लोग

– डेढ़ साल में एक लाख के दो लाख, चेक एडवांस

– एक लाख रुपए जमा करने पर हर महीने छह हजार रुपए ब्याज

– दो से पांच और दस लाख देने पर प्लाट की रजिस्ट्री, ब्याज अतिरिक्त

– चेक भुगतान की तारीख आने से पहले खाते में रुपए ट्रांसफर

– चेक बाउंस होने पर कंपनी की ओर अतिरिक्त ब्याज

 

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