खड़गे का पीएम मोदी को जवाब, चायवाला पीएम बन सका, क्योंकि कांग्रेस ने लोकतंत्र को बनाए रखा

मुम्बई। महाराष्ट्र कांग्रेस मामलों के प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रहार किया और कहा कि एक ‘चायवाला’ देश का प्रधानमंत्री इसलिए बन सका, क्योंकि कांग्रेस ने लोकतंत्र अक्षुण्ण रखा. खड़गे ने कहा, ‘प्रधानमंत्री हर कार्यक्रम में पूछ रहे हैं कि कि कांग्रेस ने पिछले 70 साल में क्या किया. उनके जैसा कोई चायवाला देश का प्रधानमंत्री इसलिए बन सका, क्योंकि हमने लोकतंत्र अक्षुण्ण रखा.’

उन्होंने कहा, ‘इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी के चरित्र पर अनवरत हमले होते रहे हैं. यह भाजपा द्वारा जान-बूझकर किए जा रहे हमले हैं.’ खड़गे ने कहा, ‘मोदी आपातकाल की बात करते हैं जो 43 पहले हुआ, लेकिन पिछले चार साल के अघोषित आपातकाल का क्या? किसान आत्महत्या कर रहे हैं, कृषि योजनाएं विफल हो रही हैं, किसानों को नया ऋण नहीं मिला रहा है और व्यापार गिरावट पर है.’

कांग्रेस की ओर से पीएम मोदी के खिलाफ ये मोर्चा उनके हालिया बयानों के बाद खोला गया है. पीएम मोदी ने आपातकाल को निशाना बनाते हुए इसे कांग्रेस और इंदिरा गांधी की देन बताया था. पीएम मोदी ने कहा था कि सिर्फ एक परिवार को फायदा देने के लिए इमरजेंसी देश पर थोपी गई. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधाते हुए कहा था कि हमेशा सत्ता में बने रहने की भूख के कारण लोकतंत्र की हत्या की गई. देश के नेताओं को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया.

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा था कि भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की आलोचना करने के लिए काल दिवस नहीं मना रही है, बल्कि युवाओं को आपातकाल के दौरान क्या हुआ, यह बताने के लिए मना रही है.उन्होंने कहा, “भारत आपातकाल को काले दौर के रूप में याद करता है, जिस दौरान हर संस्थान को नष्ट कर दिया गया और डर का माहौल पैदा किया गया. सिर्फ लोगों को ही नहीं, बल्कि विचारों और कलात्मक स्वतंत्रता पर भी बंदिश लगाई गई. युवाओं को पता नहीं है कि तब क्या हुआ था और वे कल्पना नहीं कर सकते कि आजादी के बिना कैसे रहा गया.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button