खुलासे के करीब बुराड़ी फांसीकांड, हिरासत में महिला तांत्रिक गीता

नई दिल्ली । बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की रहस्‍यमय तरीके से फांसी लगाने के मामले में पुलिस जांच में रोज हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं। इस बीच शुक्रवार को क्राइम ब्रांच ने एक महिला तांत्रिक गीता माता को पकड़ा है। महिला तांत्रिक को बुराड़ी इलाके के करीब हरित विहार से क्राइम ब्रांच ने हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि तांत्रिक गीता माता के घर में किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद सामने आया था कि वह न केवल पूरे कांड के तथाकथित मास्टरमाइंड ललित को जानती थी, बल्कि ललित का उसके पास आना-जाना भी था। स्टिंग ऑपरेशन में गीता ने यह दावा किया था कि ललित शनिवार (30 जून) को उनसे मिलने के लिए आने वाला था।

इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद शुक्रवार दोपहर दिल्ली पुलिस हरित विहार स्थित गीता के घर पर पहुंची और उन्हें पूछताछ के लिए अपने साथ थाने ले कर गई है। इस मामले में गीता ऐसी पहली पात्र है जो सामने आया है। जानकारी सामने आ रही है कि गीता माता को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।

इससे पहले शुक्रवार सुबह से ही घटना वाले इलाके में क्राइम ब्रांच ने अपना डेरा डाला हुआ था। टीम में शामिल जांचकर्ताओं ने सबूत जुटाने की कड़ी में लोगों से पूछताछ भी की, वहीं इसके बाद फांसी लगाने के दौरान इस्तेमाल स्टूल को भी सबूत के तौर पर अपने साथ ले गई।

 आरोप है कि 30 जून और 1 जुलाई की रात को 11 लोगों ने मोक्ष पाने के लिए फांसी लगा ली थी और सुबह उनके शव पाए गए थे। इससे पहले पुलिस को जांच में पता चला है कि बुराड़ी के संत नगर में फंदा लगाने में इस्तेमाल दुपंट्टा भी ललित के परिजन बाजार से खरीदकर लाए थे। क्राइम ब्रांच को इस बात की जानकारी मिली है। साथ ही घर से मिले रजिस्टर में भी इस बात का जिक्र है कि विशेष साधना के सातवें दिन 30 जून की आधी रात बरगद की जटाओं की तरह फंदे पर लटकने के लिए नए कपड़े का इस्तेमाल किया जाए।

पुलिस के अनुसार जो 10 लोग फंदे से लटके हुए मिले थे उनमें से अधिकतर ने अलग-अलग रंग के नए दुपंट्टे व कुछ ने टेलीफोन के तार का इस्तेमाल किया था। ऐसे में क्राइम ब्रांच यह मान रही है कि ये दुपंट्टे घर के आसपास के किसी कपड़े की दुकान से खरीदे गए।

फंदे पर लटकने के लिए सभी ने मिलकर जुटाई थे सामान

बृहस्पतिवार को क्राइम ब्रांच की टीम सुबह से शाम तक कपड़े की दुकान ढूंढ़ने की काशिश की, लेकिन पता नहीं लग पाया। इससे पहले बुधवार को क्राइम ब्रांच को संत नगर के गली नंबर 2 में लगे तीन सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मिलने से यह साफ हो गया कि किसी ने घर में घुसकर 11 लोगों की हत्या नहीं की, बल्कि ललित के अंधविश्वास में पड़कर परिवार के सदस्यों ने खुद फंदे पर लटककर जान दी थी। फंदे पर लटकने के लिए सभी ने मिल जुलकर सामान जुटाए थे।

फांसी लगाने के लिए खरीदे गए थे चार प्लास्टिक के स्टूल

30 जून की शाम से लेकर एक जुलाई की सुबह तक की सीसीटीवी फुटेज देखने पर पता चला कि भुवनेश की पत्नी श्वेता व उसकी छोटी बेटी नीतू घटना वाली रात 10.20 बजे उसी गली के अंतिम छोर पर स्थित फर्नीचर की दुकान से चार प्लास्टिक के स्टूल खरीदकर घर ले जा रही है। दूसरी फुटेज में ललित का बेटा शिवम दुकान के पास से ही टेलीफोन का तार निकालकर घर ले जा रहा है और तीसरे में दोनों भाई भुवनेश व ललित अपनी-अपनी दुकानें बंद कर टेलीफोन के तार व सुतली लेकर घर जाते दिखे।

घटना की रात से रात पहले पूरा परिवार जुटा था सामान जुटाने में

क्राइम ब्रांच का कहना है कि हो सकता है घटना वाले दिन सुबह से ही ललित व उसके परिजन फंदे पर लटकने व पूजा की क्रियाओं में इस्तेमाल सामान जुटाने लगे थे। घटना वाली रात 10:57 बजे ललित पालतू टॉमी को घुमाने पहली मंजिल से नीचे आया था। एक जुलाई को सुबह 5:35 बजे एक डिलीवरी वैन आई थी, जिससे दूध, ब्रेड व अन्य सामान ललित की दुकान के बाहर उतारने के बाद चला गया था। उसके 7 मिनट बाद सामने रहने वाले गुरवचन सिंह जब दुकान के पास आए तो उन्होंने देखा कि कई लोग सामान लेने दुकान के पास खड़े थे। 6:15 बजे जब वह पहली मंजिल पर ललित को बुलाने गए तो 10 लोगों को फंदे पर लटके हुए देखकर उनके होश उड़ गए। वह तुरंत चिल्लाते हुए वापस नीचे आए और लोगों को घटना से अवगत कराया।

 

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