खूनी लुटेरे के पास से 4.74 लाख बरामद, पहचान न सके इसलिए की सेविंग

लखनऊ।  हजरतगंज के हाई सिक्योरिटी इलाके में प्रदेश के कानून मंत्री के आवास के सामने गनमैन की हत्या कर कैशवैन से रुपये लूटकर फरार होने वाले खूनी हत्यारे को शनिवार आधी रात के बाद रायबरेली के लालगंज में दबोचा गया।

उसके पास से लूटे गए 4.74 लाख रुपये बरामद हुए, जबकि लूट 6.44 लाख रुपये की थी। खूनी लुटेरे ने अकेले ही वारदात अंजाम दी थी, लेकिन उसकी फरारी में बहनोई मददगार बना था। उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस महानिरीक्षक ने लुटेरे की तलाश में जुटे पुलिसकर्मियों की सराहना के साथ उन्हें एक लाख रुपये नगद इनाम देने की घोषणा की है।

पुलिस महानिरीक्षक सुजीत कुमार पांडेय ने बताया कि कृष्णानगर के इंद्रपुरी भोला खेड़ा में विनीत तिवारी के किराए के मकान पर छापामारी में वारदात में इस्तेमाल बाइक, पिस्टल की मैग्जीन व अन्य वस्तुएं बरामद होने से तस्वीर स्पष्ट हो गई थी।

इसके बाद पुलिस टीम ने उसकी मां राजकुमारी और बहन पूनम पांडेय से विनीत तिवारी और उसकी पत्नी सोनी के मोबाइल नंबर लेकर सर्विलांस पर लगाया। इसके बाद लोकेशन ट्रेस करना शुरू किया।

पुलिस की टीम रायबरेली में कोतवाली सदर के गांव नकदिलपुर अमरनगर में विनीत के मूलनिवास पर पहुंची। पता चला कि वह काफी समय से घर नहीं गया था। देर रात उसका लोकेशन लालगंज थाना क्षेत्र में ट्रेस हुई।

पुलिस ने लालगंज के भोलापुर गांव के पास घेराबंदी की और आधी रात के बाद कंधे पर बैग टांगकर जा रहे विनीत को धरदबोचा। उसके बैग से 4,73,400 रुपये, वारदात में इस्तेमाल तमंचा, जूते व सफेद रुमाल बरामद हुआ।

पूछताछ में राज उगलवा कर पुलिस टीम ने रविवार तड़के भोला खेड़ा में विनीत की निशानदेही पर उसके किराए के मकान के पास खाली प्लॉट से कैशवैन से लूटा बैग बरामद किया। उसमें वारदात के दौरान बाइक पर लगाई दोनों फर्जी नंबर प्लेट थीं।

फरारी में मददगार बहनोई को पकड़ा

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि वारदात अंजाम देने के बाद विनीत हरदोई के मल्लावां थाने के गांव भावल निवासी बहनोई कवींद्र पांडेय को पता चल गया। वह विनीत के फरार होने में मददगार बना था। कॉल डिटेल से दोनों की बातचीत की पुष्टि हुई। इसके चलते कवींद्र को भी गिरफ्तार किया गया है।

चालक की चूक पड़ी भारी

रिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि वारदात के चश्मदीद कैशवैन चालक रामसेवक के पेट पर मामूली चोट व उसके बातचीत के अंदाज से पुलिस को बदमाश से उसकी साठगांठ का संदेह हुआ था। इसके चलते रामसेवक के मोबाइल का कॉल डिटेल खंगालने के साथ उसके करीबी लोगों के बारे में छानबीन की जा रही थी। विनीत तिवारी ने कुबूला कि वह कृष्णानगर के एक कारोबारी की कई दिन से रेकी कर रहा था। वह राजभवन के पास एक्सिस बैंक में मोटी रकम जमा करने जाता था। उसका बैग लूटकर भागने की तैयारी से सोमवार सुबह 11 बजे बैंक के पास पहुंचा। तीन घंटे इंतजार किया। इस दौरान बारिश होने पर सड़क के दूसरी तरफ पेड़ के नीचे खड़ा हुआ। वहां कैशवैन चालक रामसेवक भी था। बारिश तेज होने पर रामसेवक कैशवैन की तरफ बढ़ा। उसने विनीत को सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह देते हुए कहा कि वैन में लाखों रुपये न होते तो उसे भी साथ बैठा लेता।

कैशवैन में लाखों रुपये सुनकर बदला टॉरगेट

विनीत ने कुबूला कि कैशवैन में लाखों रुपये होने की बात कहकर रामसेवक गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर जा बैठा। विनीत कुछ दूर स्थित दूसरे पेड़ के नीचे खड़े होकर कैशवैन लूटने की साजिश रच डाली। ड्राइविंग सीट के बगल में बैठे गनमैन इंद्रमोहन पर पिस्टल तानकर नोटों से भरे बैग लूटने चाहे, लेकिन उसने बंदूक से फायर कर दिया। विनीत ने पिस्टल से ताबड़तोड़ दो गोली मारी। रामसेवक  गाड़ी से उतर कर सड़क की तरफ भागा। विनीत ने दो बैग लूटे और सड़क की तरफ दौड़ पड़ा। रास्ते में कस्टोडियन उमेश वर्मा से भिड़ंत होने पर विनीत ने पिस्टल से फायर किया। कारतूस फंस जाने पर पिस्टल के साथ नोटों से भरा एक बैग सड़क पर फेंककर तमंचा निकाला और उमेश को गोली मारकर कर फरार हो गया था।

बाइक की नंबर प्लेट खोली और क्लीन शेव हुआ

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वारदात अंजाम देने के बाद विनीत तिवारी ने बंदरिया बाग चौराहे की तरफ बाइक दौड़ाई। वहां से सर्विस लेन से गोल्फ क्लब चौराहा पहुंचा। फिर सिविल अस्पताल, नरही, नवलकिशोर रोड, कैथड्रिल स्कूल के पास की गली, मेफेयर चौराहा, लालबाग, खंदारी बाजार, लालकुआं, छितवापुर, महाराणा प्रताप चौराहा, केकेसी, छत्ता पुल होते हुए रेलवे कॉलोनी पहुंचा। वहां से चारबाग स्टेशन के  पीछे के रास्ते से आलमबाग थाने के पास से वर्कशॉप कॉलोनी होते हुए आरडीएसओ, मानकनगर, सूर्यनगर होते हुए बाराबिरवां से पहले फ्लाईओवर के पास से सर्विस लेन होते हुए रेलवे लाइन के किनारे से भोलाखेड़ा में अपने ठिकाने पर पहुंचा था। बाइक घर के अंदर आंगन में खड़ी की। उसकी नंबर प्लेट खोली और हजामत बनवाकर क्लीन शेव हुआ, ताकि कोई पहचान न सके।
 

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