गैस सब्सिडी की नकद हस्तांतरण से 12,700 बचने का आंकड़ा गलत, सिर्फ 143 करोड़ ही बचे

lpg2तहलका एक्सप्रेस

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों कहा था कि गैस सब्सिडी के सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर से सरकार को 12,700 करोड़ रुपये की बचत हुई है। लेकिन, उनके इस दावे पर इंटरनैशनल इंस्टि्यूट ऑफ सस्टेनैबल डिवेलपमेंट की एक रिपोर्ट में सवाल उठाए गए हैं।आईआईएसडी की रिपोर्ट के मुताबिक सब्सिडी के खातों में सीधे हस्तांतरण से होने वाली बचत का सरकार का अनुमान ओवरऐस्टीमेट जैसा है।

आईआईएसडी के मुताबिक 2014-15 में इस स्कीम के लागू होने के बाद सरकार का 12,700 करोड़ रुपये बचने का दावा गलत है और उसे इसके मुकाबले महज 1.12 पर्सेंट यानी 143 करोड़ रुपये की ही बचत हुई है। स्टडी के तीन लेखकों में से एक कीरेन क्लार्क ने बताया, ‘हमारी स्टडी से यह पता चला है कि पिछले साल सब्सिडी के नकद हस्तांतरण से होने वाली बचत का अनुमान बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया आंकड़ा है।’

सरकार की ओर से इस बचत के बारे में कोई आधिकारिक दस्तावेज जारी नहीं किया गया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन कई बार यह दोहरा चुके हैं। एनडीए सरकार ने नवंबर मध्य 2014 में देश के 54 जिलों में एलपीजी गैस सब्सिडी के नकद हस्तांतरण की योजना शुरू की थी। इसके बाद जनवरी 2015 में इसे देश के सभी जिलों में लागू किया गया। सबसे पहले यूपीए सरकार ने यह योजना शुरू की थी, लेकिन फरवरी 2014 में इस योजना को निलंबित कर दिया गया था।

आईआईएसडी ने इस योजना को दुनिया की सबसे बड़ी नकद सब्सिडी हस्तांतरण स्कीम बताया है। इस योजना को लेकर अरविंद सुब्रमण्यन से संपर्क किए जाने पर उन्होंने कहा कि 12,700 करोड़ की बचत 2014-15 के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि हम नहीं जानते कि इस साल कुल कितनी एलपीजी गैस का उपभोग होगा। उन्होंने कहा कि बचत कुल उपभोग की 24 पर्सेंट के आसपास रहेगी।

 

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