गोंडा में घाघरा और सरयू का कहर, टापू बन गया है शहर

गोंडा। गोंडा में घाघरा और सरयू ने अपना कहर ढाना शुरू कर दिया है. घाघरा नदी पर बने एल्गिन चरसड़ी तटबंध में मरम्मत कार्य ना होने और उस पर बने अस्थाई रिंग बांध में कटान हो जाने के कारण कर्नलगंज तहसील के कई गांव बाढ़ की जद में आ गए हैं. वहीं तरबगंज तहसील के कई गांव बांध ना होने के कारण प्रभावित हुए हैं.

हजारों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. सैकड़ों लोगों ने पलायन कर ऊंचे स्थानों पर अपना घर बना लिया है. बाढ़ का कहर झेल रहे लोगों के दृश्य दिल दहला देने वाले हैं, जिला प्रशासन और सरकार की अनदेखी के कारण बाढ़ की विभीषिका झेल रहे ग्रामीणों के अंदर रोष व्याप्त है. जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि हम बचाव और राहत कार्य में जुटे हुए हैं और हर आदमी तक बचाव और राहत कार्य पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं ग्रामीणों ने जिला प्रशासन की बातों का खंडन किया है. उन लोगों ने अभी तक किसी भी तरह के बचाव और राहत कार्य के किए जाने की बात को एक सिरे से नकार दिया है.

चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. घर में पानी, दुकान में पानी, रोड पर पानी, सब तरफ पानी ही पानी है. किसी समुद्र तट जैसा लगने वाला ये नजारा एक गांव है, जहां पर लोग रहते थे और कुछ लोग अभी भी रह रहे हैं. कुछ मचान बनाकर, कुछ घरों की छतों पर और कुछ तखत को ऊंचा रखकर उस पर अपनी जिंदगी काटने को मजबूर हैं.

गोंडा के कुल 9 गांवों के 10000 लोग प्रभावित हैं. इनके बचाव और राहत कार्य के लिए जिला प्रशासन में बाढ़ चौकी एक्टिवेट की है. जिला प्रशासन के अनुसार लोगों के आवागमन के लिए नावें लगाई गई हैं और लोगों में राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है. बाढ़ पीड़ितों के पास ना ही रहने को घर रह गया है, ना ही खाने को अनाज का एक दाना.अब ऊपरवाला ही इनका रखवाला है.

 

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