गोरखपुर में मौतों के आंकड़े को लेकर भ्रम की स्थिति, सरकार चुप, कल रात से थी ऑक्सीजन सप्लाई बंद

गोरखपुर। शहर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में लिक्विड आक्सीजन की सप्पलाई करने वाली कम्पनी ने बकाया 63 लाख रूपये न मिलने के कारण ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी. जिसके कारण कई मरीजों की जान खतरे में पड़ गई. मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक, करीब 30 बच्चों की मौत भी हो गई है. हालांकि गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला ने 7 मौतों की पुष्टि की है, जिलाधिकारी का कहना है कि ऑक्सीजन सप्लाई के कारण नहीं बल्कि बीमारी के चलते ये मौतें हुईं है. वहीँ इस मीडिया में मृत मरीजों की संख्या को लेकर अलग-अलग ख़बरें आ रही हैं.

इस घटना के बाद इलाके में कोहराम मच गया है. यह घटना गुरुवार रात की है. रात के करीब साढ़े 11 बजे से शुरू हुआ ये संकट आज सुबह तक जारी रहा. बताया जा रहा है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई रोके जाने के बाद एसएसबी के जवानों ने मरीजों की मदद के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था की थी. बता दें कि मेडिकल कॉलेज में पुष्पा सेल्स नाम की कंपनी लिक्विड आक्सीजन मुहैया कराती है. कम्पनी ने मेडिकल कालेज में लिक्विड आक्सीजन का प्लांट स्थापित किया है जिससे मेडिकल कालेज के नेहरू चिकित्सालय में आक्सीजन सप्लाई की जाती है. यहीं से टामा सेंटर, वार्ड नम्बर 100, 12, 10, 14 व अन्य वार्डों में भर्ती मरीजों को आक्सीजन दी जाती है. जबकि इन वार्डों में से तीन ऐसे वार्ड ऐसे हैं जिसमें इंसेफेलाइटिस के मरीज भर्ती किए जाते हैं.

बता दें कि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को कंपनी ने 1 अगस्त को ही पत्र लिखकर कह दिया था कि कंपनी का 63.65 लाख रुपया मेडिकल कॉलेज पर बकाया है जोकि भुगतान नही किया जा रहा है. साथ ही कंपनी ने साफ़ चेतावनी दी थी कि यदि बकाया भुगतान नहीं किया गया तो ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी जाएगी. लेकिन इसके बाद भी कंपनी को भुगतान नही किया गया और कम्पनी द्वारा ऑक्सीजन रोक दी गई और कई मरीजों की जान खतरे में पड़ गई. 

 

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