गोरखपुर में 63 बच्चों की मौत पर केंद्र ने मांगी रिपोर्ट, मंत्री को भेजा अस्पताल

लखनऊ/गोरखपुर। गोरखपुर में दिल दहला देने वाली घटना हुई है. गोरखपुर का सरकारी अस्पताल बच्चों के लिए कब्रिस्तान बन गया. यहां अस्पताल की लापरवाही ने कई बच्चों को मौत की नींद सुला दिया. एक-एक कर 33 मासूमों ने अस्पताल के अंदर दम तोड़ दिया.  ये घटना गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज की है, जहां मरने वालों में 13 बच्चे एनएनयू वार्ड और 17 इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती थे. बताया जा रहा है कि 69 लाख रुपये का भुगतान न होने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने ऑक्सीजन की सप्लाई गुरुवार की रात से ठप कर दी थी. खबरों के मुताबिक पिछले 5 दिनों में 63 बच्चों की मौत हो चुकी है. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी से इंकार किया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौके की गहन जांच कर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राज्य प्रशासन से इस घटना की रिपोर्ट मांगी है. इसके अलावा उन्होंने राज्य मंत्री (स्वास्थ्य) अनुप्रिया पटेल को तुरंत अस्पताल का दौरा करने का निर्देश दिया है.

दरअसल अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन तो गुरुवार से ही बंद थी और शुक्रवार को सारे सिलेंडर भी खत्म हो गए. इंसेफेलाइटिस वार्ड में मरीजों ने दो घंटे तक अम्बू बैग का सहारा लिया. हॉस्पिटल मैनेजमेंट की बड़ी लापरवाही के चलते  33 बच्चों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. अस्‍पताल में ऑक्सीज़न सप्‍लाई करने वाली फर्म का 69 लाख रुपये का भुगतान बकाया था.

ऑक्सीजन की आपूर्ति से निपटने के विभाग ने अधिकारियों को 3 और 10 अगस्त को कमी के बारे में सूचित किया था. पुष्पा सेल ने भुगतान नहीं होने पर आपूर्ति को बंद कर दिया था.

ANI UP 

@ANINewsUP

Dept handling oxygen supply wrote to authorities on 3&10 Aug to infrm of shortge as Pushpa Sales stoppd supply ovr pending paymnt 

मामले को तूल पकड़ने के बाद सरकार की ओर से इस मामले पर सफाई आई है. जारी बयान में कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी रोगी की मौत नहीं हुई है. मेडिकल कॉलेज में भर्ती 7 मरीजों की विभिन्न चिकित्सीय कारणों से 11 अगस्त को मृत्यु हुई. घटना की मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं. वहीं डीएम ने 5 सदस्यीय टीम गठिक की जो कि आज अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

वहीं बच्चों की मौत ने अब राजनीतिक रंग ले लिया हैं. विपक्ष ने मामले पर योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है कि गोरखपुर मे ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की दर्दनाक मौत, सरकार ज़िम्मेदार. कठोर कार्रवाई हो, 20-20 लाख का मुआवज़ा दे सरकार. वहीं राहुल गांधी का ट्वीट आया कि बीजेपी सरकार इसके लिए जिम्मेदार हैं. लापरवाही बरतने वालों को सजा मिलनी चाहिए. बीएसपी की ओर किए गए ट्वीट में लिखा गया कि योगी सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए और स्वास्थ मंत्री समेत हॉस्पिटल के स्टॉफ को जेल भेज देना चाहिए.

घटना की जानकारी होते ही जिलाधिकारी ने तत्काल मेडिकल कॉलेज पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया तथा निर्देश दिए कि चिकित्सा व्यवस्था में किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए. जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने मेडिकल कालेज के निरीक्षण के दौरान बताया कि बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन सिलेंडर की कमी नहीं है. मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा बताया गया है कि लगभग 175 आक्सीजन सिलेण्डर उपलब्ध हैं. निरीक्षण के दौरान सांसद कमलेश पासवान और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी गण उपस्थित रहे.

जिसके चलते गुरुवार शाम को फर्म ने अस्‍पताल में लिक्विड ऑक्‍सीजन की आपूर्ति ठप कर दी.  गुरुवार से ही मेडिकल कालेज में जम्‍बो सिलेंडरों से गैस की आपूर्ति की जा रही है. बीआरडी मेडिकल कालेज में दो साल पहले लिक्विड ऑक्‍सीजन का प्‍लांट लगाया गया था. इसके जरिए इंसेफेलाइटिस वार्ड सहित करीब तीन सौ मरीजों को पाइप के जरिए ऑक्‍सीजन दी जाती है.

शुक्रवार सुबह सात बजे ऑक्‍सीजन पूरी तरह खत्‍म हो जाने के चलते इंसेफेलाइटिस वार्ड में करीब दो घंटे तक मरीजों को अम्‍बू बैग के सहारे रहना पड़ा. 12 बजे कुछ सिलेंडर पहुंचे लेकिन इंसेफेलाइटिस इमरजेंसी वार्ड में अभी भी सिलेंडरों की क्राइसिस बनी हुई है. इंसेफेलाइटिस के वार्ड नंबर 100 में हर डेढ़ घंटे में 16 सिलेंडर खर्च हो रहे हैं, चारों तरफ अफरातफरी मची हुई है.

 

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