गौ हत्‍या पर प्रतिबंध को लेकर एएमयू छात्रसंघ ने किया भाजपा का समर्थन, फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की भी मांग की

अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के स्टूडेंट यूनियन अध्यक्ष ने पूरे देश में गौ-हत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि हम हिंदू भाईयों की भावना को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में उठाए गए किसी भी कदम का समर्थन करेंगे। सरकार के इस फैसले से दोनों समुदायों में पनप रहा रोज रोज का विवाद भी थम जाएगा। सरकार को इस फैसले पर जल्‍द अमल करना चाहिए, जिससे देश में दोनों समुदायों के बीच सौहार्द बना रह सके।

एएमयू छात्रसंघ के द्वारा जिला कलेक्ट्रेट पर आयोजित रैली में यूनियन अध्यक्ष हसन ने कहा,  ‘पूरे देश भर में हिंदू भाईयों की भावना को ध्यान में रखते हुए हम गौ-हत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं। इसके साथ ही हम गाय और भैंसों के मांस का आयात-निर्यात करने वाले सभी बूचड़खानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की भी मांग करते हैं। इस वजह से देश में विभिन्न समुदायों के बीच आंतरिक तनाव बढ़ रहा है। पूर्ण रूप से इस पर बैन लगने के बाद इस तनाव की वजह ही समाप्‍त हो जाएगी।

हसन ने कहा गो-रक्षा के नाम पर हिंसा के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की मांग करते हुए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के नाम एक ज्ञापन लिखा है, जिसे अडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘देश के विभिन्न भागों में हाईवे पर कथित गो-रक्षकों ने जब से कानून को अपने हाथ में लेना शुरू किया है,  तब से भैसों को बूचड़खानों में ले जाना सांप्रदायिक तनाव का कारण बनता जा रहा है।यह अपील अगर मुस्लिम समुदाय से की गई है तो उस से ज़्यादा ज़रूरी ईसाई और दलितों को समझाने की है। भारत का मुसलमान गाय का मांस नहीं खाता और ना ही खाना चाहिए। हमे ना सिर्फ अपने देश बल्कि देशवासियों से भी मुहब्बत है और इस मुहब्बत का तक़ाज़ा यही है ऐसा कोई भी काम जायज़ नहीं जिस से किसी की आस्था को चोट पहुंचे।

राष्ट्रपति के नाम दिए ज्ञापन में कहा,  देश को आतंक फैला रहे लोगों के खिलाफ अर्जेंट नोटिस लेने की जरुरत है। इससे गौ-रक्षा के नाम पर शांति और सुरक्षा को खतरा भी हो रहा है। इसमें अल्पसंख्यक मुस्लिमों और अन्य कमजोर वर्ग के लोगों के खिलाफ बर्बरता रोकने के लिए कानून बनाने की मांग भी की गई।

 

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