चीन से निपटने के लिए S-400 मिसाइल खरीदने की तैयारी में भारत
नई दिल्ली। एस 400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम से संबंधित 40 हजार करोड़ की डील आने वाले कुछ दिनों में पूरी हो सकती है. दरअसल रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण आने वाले कुछ दिनों में रुस दौरे पर जाने वाली है. इसी दौरान वो इस डील को निपटाने की कोशिश करेंगी.
40,000 करोड़ रुपए की यह डील मुख्य रूप से कीमत को लेकर अटकी हुई है. सूत्रों के अनुसार भारत चाहेगा कि रक्षा मंत्री निर्मला की यात्रा में इसे निपटा लिया जाए.
आसमान में लक्ष्यों को भेदने वाले एस-400 ट्रायंफ मिसाइल की मारक क्षमता 400 किलोमीटर है. इसे रूस की अब तक की सबसे समुन्न्त प्रणाली माना जा रहा है.
चीन से जुड़ी करीब 4000 किलोमीटर लंबी सीमा पर अपनी सैन्य तैयारियों को मजबूत करने की कवायदों के बीच भारत अपनी वायु सीमाओं की रक्षा के लिए इसे लेना चाहता है.
चीन भी खरीद रहा है एस-400
चीन ने इस प्रणाली के लिए रूस से 2014 में एक खरीद समझौता किया था और उसे इसकी आपूर्ति शुरू भी हो गई है. पर यह पता नहीं है कि वह कितने मिसाइल खरीद रहा है.
यह मिसाइल रूस की अलमाझ-एंटे कंपनी बनाती है और यह 2007 से रूसी सेना में शामिल है.
भारत इसके बारे में डेढ़ साल से अधिक समय से बात कर रहा है और कम से कम पांच प्रणालियां खरीदना चाहता है. यह प्रणाली तीन अलग अलग प्रकार के मिसाइल दाग सकती है. इस तरह यह वायु सुरक्षा की एक अलग-अलग परत तैयार करती है.
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