जमानत पर बाहर चिदंबरम चीन को पैसे लौटाने की बात कर रहे: JP नड्डा ने PMNRF को लेकर कॉन्ग्रेस पर साधा निशाना

नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कॉन्ग्रेस और गाँधी परिवार पर भारत-चीन तनाव पर बयान और राजीव गाँधी फाउंडेशन के चीन से चन्दा लेने पर करारा वॉर किया है। जेपी नड्डा ने कहा कि सोनिया गाँधी कोरोना के कारण या चीन की स्थिति के कारण मूल प्रश्नों से बचने का प्रयास न करें। उन्होंने आश्वस्त किया कि भारत की सेना देश की और हमारी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश सुरक्षित है।

बकौल जेपी नड्डा, 130 करोड़ देशवासी जानना चाहते हैं कि कॉन्ग्रेस ने सत्ता में रहते हुए क्या-क्या काम किया और किस तरह से आपने देश के भरोसे के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने बताया कि भाजपा ने कुछ दिन पहले ट्वीट करके राजीव गांधी फाउंडेशन पर प्रश्न उठाए थे, आज पी चिदंबरम कहते हैं कि फाउंडेशन पैसे लौटा देगा। देश के पूर्व वित्त मंत्री जो खुद बेल पर हों, उसके द्वारा ये स्वीकारना होगा कि देश के अहित में फाउंडेशन ने नियम की अवहेलना करते हुए फंड लिया।

जेपी नड्डा ने इस दौरान कॉन्ग्रेस को 10 सवालों का पुलिंदा भी सौंपा। उन्होंने कहा कि ठाकुर वैद्यनाथन एंड अय्यर कंपनी पीएमएनआरएफ ऑडिटर थी। रामेश्वर ठाकुर इसके फाउंडर थे। वो राज्य सभा के सांसद थे और 4 राज्यों के राज्यपाल रहे। कई दशकों तक उसके ऑडिटर रहे। उन्होंने कहा कि देश जानना चाहता है कि ऐसे लोगों को ऑडिटर बनाकर क्या सरकार करना चाह रही थी। पीएम नेशनल रिलीफ फंड में एक ट्रस्टी कॉन्ग्रेस पार्टी का अध्यक्ष भी है।

नड्डा ने सवाल पूछते हुए कहा कि पीएम नेशनल रिलीफ फंड जिन लोगों की सेवा और उनको राहत पहुँचाने के लिए है, उससे 2005-08 तक राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा क्यों गया? बता दें कि राजीव गाँधी फाउंडेशन को पंजाब नेशनल बैंक में हज़ारों करोड़ रुपए के घोटाले के अभियुक्त मेहुल चोकसी से भी दान मिला था। उसने 2014-15 में सोनिया गाँधी के नेतृत्व वाले इस फाउंडेशन में अघोषित दान किया था।

दान नवराज एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड (Naviraj Estates Private Limited) के नाम से किया गया था और मेहुल चोकसी इस कंपनी के निदेशकों में से एक है। ज्ञात हो कि पीएनबी घोटाले के तहत नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर 13 हज़ार करोड़ रुपए के ग़बन का आरोप है। ये मामला 2018 में सामने आया था। चोकसी देश छोड़कर भाग चुका है। चीन सरकार की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) द्वारा फंडेड चीन एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल फ्रेंडली कॉन्टैक्ट (CAIFC) ने भी राजीव गाँधी फाउंडेशन को ‘वित्तीय सहायता’ दी थी।

CAIFC संयुक्त राज्य अमेरिका के एफबीआई के रडार पर भी था और यूएस-चीन इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन की एक रिपोर्ट में अमेरिकी कॉन्ग्रेस में कहा गया था कि वह विदेशों में जासूसी गतिविधियों में शामिल था। गाँधी परिवार के स्वामित्व वाले राजीव गाँधी फाउंडेशन (RGF) को चीन की कम्युनिस्ट सरकार से लेकर PMNRF से दान मिलने के कई साक्ष्य सामने आए हैं। एक समय भारत के वित्त मंत्री रहे मनमोहन सिंह ने देश के सरकारी बजट से इस फाउंडेशन के लिए अलग से धन आवंटन की माँग तक की थी।

 

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