जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की सफाई में रोड़ा बन रहा है चोटी कांड

श्रीनगर।  जम्मू-कश्मीर में लगातार चोटी कटने की घटनाएं सामने आ रही है. इससे लोगों में गुस्सा है और लगो सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर कर रहे हैं. कई इलाकों में हिंसा फैली है. पुलिस ने रविवार को अफवाह फैलाने के आरोप में 12 लोगों को गिरफ्तार किया है, हालांकि इस दौरान किसी की चोटी कटने की घटना सामने नहीं आईं.

क्या चोटीकांड के बहाने आतंकी रच रहे हैं कोई साजिश?

जम्मू-कश्मीर में अबतक कुल चोटी कटने के 148 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. चोटीकांड एक साजिश भी हो सकती है, क्योंकि जब से जम्मू-कश्मीर में चोटी कटने की अफवाहें फैली हैं, घाटी में सुरक्षाबलों और पुलिस से मारपीट की घटनाएं बढ़ी हैं और आतंकियों के सफाई के लिए चल रहे ऑपेरशन में कमी आई है.

चोटीकांड से आतंकियों के खिलाफ ऑपेरशन को नुकसान

इस साल घाटी में अबतक 176 आतंकियों का सफाया हुआ है. चोटीकांड के बाद घाटी में सिर्फ 16 आतंकी मारे गए हैं. श्रीनगर से पचास किलोमीटर पुलवामा के पास एक छोटे से गांव में एक महिला के मुताबिक 6 दिन पहले किसी ने उसकी चोटी काट दी, जिससे वो दहशत में है. इस घटना के बाद इस परिवार के साथ-साथ उनके आसपास के लोग दहशत में हैं और शाम पांच बजे के बाद कोई भी महिला घर से बाहर नहीं निकल रही है.

दिल्ली समेत 11 राज्यों में फैली थी अफवाहें

जम्मू-कश्मीर में चोटी कटने की घटनाओं से पहले ऐसी ही अफवाहें राजधानी दिल्ली समेत 11 राज्यों में फैली थी, जिनकी पड़ताल में जो नतीजे सामने आए थे उसके मुताबिक, चोटी कटने की घटनाएं सिर्फ अफवाहें थी.  पुलिस को किसी भी केस में चोटी काटने वाला नहीं मिला था. वहीं मनोवैज्ञानिक के मुताबिक ज्यादातर केस में महिलाओं ने खुद अपनी चोटी काटी थी, जिन्हें नींद में इसका पता नहीं चलता था.

 

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