जाधव मामले से पाकिस्तान में मची खलबली, शरीफ और बाजवा ने घंटों की चर्चा

नई दिल्ली/ लाहोर। भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को अगवा कर उसे जासूसी के झूठे आरोप में मौत की सजा सुनाने को लेकर पाकिस्तान पर दबाव बढ़ता जा रहा है। भारत ने इस पर बहुत ही सख्त रवैया अपनाया है तो इससे पाकिस्तान में भी खलबली मची हुई है। जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के दो दिन बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने बुधवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की। जनरल बाजवा द्वारा सेना प्रमुख का पद संभालने के बाद पहली बार सेना प्रमुख और प्रधानमंत्री की सीधी मुलाकात हुई। रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, जनरल बाजवा और शरीफ ने सेना की व्यावसायिक तैयारियों, मौजूदा सुरक्षा और सीमा की स्थिति पर इस्लामाबाद में हुई बैठक में चर्चा की, लेकिन इस बैठक में असल चर्चा कुलभूषण जाधव को सजा सुनाए जाने के बाद पैदा हालात पर ही हुई।

बताया जा रहा है कि इस बैठक में नवाज शरीफ और सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इस बात पर सहमति जताई कि वे भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में किसी भी तरह के दबाव में नहीं आएंगे। पाकिस्तान के शमा टीवी की खबर के मुताबिक सेना प्रमुख जनरल बाजवा शरीफ से मिले और जाधव के मामले को लेकर प्रधानमंत्री को भरोसे में लिया। इस चैनल ने ज्यादा ब्यौरा दिए बिना ही कहा कि जाधव के मुद्दे पर ‘‘दोनों किसी भी तरह के दबाव में ना आने पर सहमत हुए’’इससे अलग रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार-दोनों ने इस्लामाबाद में हुई अपनी बैठक में सेना की पेशेवर तैयारी, सुरक्षा एवं सीमा की मौजूदा स्थिति से जुड़े विषयों पर चर्चा की। सेना प्रमुख ने शरीफ को आतंकवाद के खिलाफ सेना द्वारा शुरू किए गए अभियान रद्द उल फसाद में हुई प्रगति की भी जानकारी दी।

बताते चलें कि जाधव को सैन्य अदालत से मिली मौत की सजा की पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान सरकार को चेतावनी दी है कि जाधव को फांसी देने पर द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा। पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को कथित रूप से ‘जासूसी एवं विध्वंसकारी गतिविधियों’ के लिए मौत की सजा सुनाई है, लेकिन उसके पास इस बारे में कोई भी सबूत नहीं है। पाकिस्तान का कहना है कि जाधव ने खुद जासूसी की बात कबूल की है, लेकिन ये बात हर कोई जानता है कि हिरासत में पाकिस्तान किसी भी कैदी पर इतने जुल्म ढाता है कि उसके पास किसी बात को जबरन मानने के अलावा कोई और चारा नहीं होगा। बहुत संभव है कि जाधव के साथ भी यही हरकत की गई होगी।

जाधव के मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद के दोनों सदनों में दिए गए बयान में कहा था कि भारत जाधव के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए ‘कुछ भी करेगा’ जो एक ‘निर्दोष अपहृत भारतीय’ हैं। उन्होंने कहा था कि जाधव की फांसी को भारत ‘सुनियोजित हत्या’ मानेगा और पाकिस्तान इस पर आगे बढ़ने से पहले द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ने वाले इसके असर पर विचार करे। उन्होंने कहा था कि जाधव के मामले में पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए बड़े से बड़ा वकील तो मुहैया कराया ही जाएगा, साथ ही सरकार इस मामले में ‘आउट ऑफ द वे’ जाकर कदम उठाने से भी नहीं चूकेगी। मामला एक निर्दोष पूर्व भारतीय नौसैनिक का है जिसे पाकिस्तान बिना किसी सबूत मौत की सजा देने पर आमादा है।

 

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