जिन्ना का जिन्न दोबारा बीजेपी के लिए बना मुसीबत, यूपी में मचा घमासान

लखनऊ। लालकृष्ण आडवाणी के पाकिस्तान दौरे और जिन्ना की मजार पर जाने के 13 साल बाद एक बार फिर जिन्ना का जिन उभरकर सामने आ गया है और बीजेपी के लिए मुसीबत का सबब बनता दिख रहा है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा जायज ठहराने को लेकर पार्टी में घमासान मच गया है. हाल ही में बीजेपी से राज्यसभा सांसद बने हरिनाथ यादव ने कहा है कि स्वामी प्रसाद को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए नहीं तो उन्हें पार्टी से बाहर निकाल देना चाहिए. वहीं स्वामी प्रसाद ने सफाई देने से इंकार कर दिया है.

हरिनाथ यादव ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिन्ना को लेकर गलतबयानी की है. इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें पार्टी से बाहर निकाला जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वैसे भी स्वामी प्रसाद मौर्य का बीजेपी से मोहभंग हो रहा है.

हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य जिन्ना वाले अपने बयान पर कायम हैं. इस मामले पर उन्होंने सफाई देने से इंकार कर दिया है.

बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान दिया था कि राष्ट्र निर्माण में जिन महापुरुषों का योगदान रहा है उनपर अंगुली उठाना घटिया बात है. उन्होंने कहा कि देश के बंटवारे से पहले इस देश में जिन्ना का भी योगदान है.

क्या है पूरा मामला

इससे पहले अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने AMU के कुलपति तारिक मंसूर को लिखे अपने पत्र में विश्वविद्यालय छात्रसंघ के कार्यालय की दीवारों पर पाकिस्तान के संस्थापक की तस्वीर लगे होने पर आपत्ति जताई थी. विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शाफे किदवई ने दशकों से लटकी जिन्ना की तस्वीर का बचाव किया और कहा कि जिन्ना विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्य थे और उन्हें छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी.

प्रवक्ता ने कहा, ‘जिन्ना को भी 1938 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी. वह 1920 में विश्वविद्यालय कोर्ट के संस्थापक सदस्य और एक दानदाता भी थे.’उन्होंने कहा कि जिन्ना को मुस्लिम लीग द्वारा पाकिस्तान की मांग किए जाने से पहले सदस्यता दी गई थी.

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भी किसी राष्ट्रीय नेता ने संबंधित तस्वीर पर आपत्ति नहीं जताई. इनमें महात्मा गांधी, मौलाना आजाद, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, सी राजगोपालाचारी, राजेंद प्रसाद और जवाहर लाल नेहरू शामिल हैं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्र की प्रसिद्ध हस्तियों को आजीवन सदस्यता देने की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ की लंबी परंपरा रही है.

 

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