जिसे खतरा मानते थे, वही चीन बना रहा पटेल की मूर्ति

Patelतहलका एक्सप्रेस

गांधीनगर। अब इसे विडंबना नहीं तो और क्या कहेंगे। भारत में लगने जा रही विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति के तौर पर चर्चित स्टैचू ऑफ यूनिटी को चीन के नानचांग प्रांत में बनाया जा रहा है। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ परियोजना के उलट यह सरदार पटेल की मूर्ति भारत में न बनकर चीन में बनाई जा रही है।

182 मीटर ऊंची इस मूर्ति को सरदार सरोवर बांध के पास साधु बेट में स्थापित किया जाना है और इसे एक ‘राष्ट्रीय परियोजना’ का दर्जा दिया गया है। सरदार पटेल होते तो शायद उन्हें यह कभी रास नहीं आता। इसे कहने का आधार इतिहास में दर्ज है।

7 नवंबर 1950 को अपनी मृत्यु के एक महीने पहले सरदार पटेल ने एक गुप्त पत्र लिखा। इसके ऊपर उन्होंने ‘बेहद निजी’ लिखकर पीएम जवाहर लाल नेहरू को भेजा। इसमें उन्होंने नेहरू को चीन के लिए आगाह किया था। सरदार पटेल चीन की कूटनीति के घोर विरोधी और आलोचक थे। नेहरू को भेजे गए अपने पत्र में उन्होंने लिखा था, ‘भले ही हम (भारत) खुद को चीन के मित्र के तौर पर देखते हैं, चीन हमें अपने दोस्त के तौर पर नहीं देखता। वामपंथी विचारधारा ‘जो भी उनके साथ नहीं है वह उनके खिलाफ है’ के साथ यह एक महत्वपूर्ण संकेत है जिसका हमें खास ख्याल रखना चाहिए।’

सरदार पटेल ने यह बात चीन द्वारा तिब्बत के सिलसिले में अपनी एंग्लो-अमेरिकन कूटनीति के तहत भारत को ‘कठपुतली’ के तौर पर इस्तेमाल किए जाने और संयुक्त राष्ट्र में प्रवेश के लिए समर्थन जुटाए जाने के संदर्भ में किया था।

सरदार पटेल ने इस पत्र में आगे लिखा, ‘चीन हमें अब भी संदेह की नजर से देखता है और कम-से-कम जाहिरी तौर पर यह पूरा मनोविज्ञान अविश्वास से जुड़ा है।’ सरदार ने इसी पत्र में आगे नेहरू को चीन की सेना और खुफिया अभिमूल्यन के प्रति सावधान करते हुए लिखा है, ‘चीन भारत के लिए खतरा है। यह खतरा सीमा पर भी है और आंतरिक सुरक्षा में भी।’

यह पत्र भारतीय संविधान कमिटी के सदस्य के.एम.मुंशी द्वारा संकलित भारतीय संविधान के अहम दस्तावेजों का हिस्सा है।

इस मूर्ति को बनाने का काम L&T द्वारा चीन में स्थित विश्व के सबसे बड़े ढलाईघर को दिया गया है। भारत में 4,600 ढलाईघर हैं और इनमें लगभग 5 लाख लोग काम करते हैं। ढलाई के आंकड़ों के मुताबिक, ढलाईघरों की संख्या और इसमें काम करने वाले लोगों की तादाद में भारत का नंबर चीन के बाद विश्व में दूसरे स्थान पर है।

 

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