‘जिस जेल में 3 महीने रह गए, फिर तो उस जेल में हमारी सत्ता होती है’, मुन्ना बजरंगी के हत्यारोपी का दावा

लखनऊ। ‘जिस जेल में 90 दिन रह गए, 91वें दिन वहां हमारी सत्ता होती है।’ यह किसी फिल्म का डायलॉग नहीं, बल्कि जेल में बंद कुख्यात अपराधी सुनील राठी का दावा है। जेल कर्मियों व अधिकारियों के सामने किए गए इस दावे के बाद अब कुख्यात अपराधियों की जेल नियमित रूप से बदलने की कवायद शुरू की जा रही है।

बागपत जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या का मुख्य आरोपी सुनील राठी इस समय फतेहगढ़ जेल में बंद है। यहां आने के बाद किए गए उसके इस दावे के बाद पुलिस कर्मियों ने इसकी सूचना आला अफसरों को दी है। इस पर अब जेल प्रशासन ऐसे कैदियों की जेल नियमित रूप से बदलने की कार्ययोजना बना रहा है।

जेल के ही एक अधिकारी ने नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि इस तरह के कुख्यात अपराधी जेल में अपना साम्राज्य स्थापित करने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाते हैं। वे जब किसी जेल में पहुंचते हैं तो वहां के अधिकारियों व कर्मचारियों के बारे में जानकारी हासिल करते हैं।

फिर, यह देखते हैं कि किस अधिकारी या कर्मी को किस चीज से खरीदा जा सकता है या किस चीज से डराया जा सकता है। ये कुख्यात अपराधी इसके लिए 90 दिन पर्याप्त मानते हैं। इसके बाद, वे अपनी सत्ता चलाना शुरू कर देते हैं।

लागू हुई व्यवस्था तो बदली जाएगी जेल
जेल विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लगी तो उन सभी बड़े अपराधियों की जेल बदली जाएगी जो छह महीने या उससे अधिक समय से लगातार किसी जेल में बंद हैं। इसमें बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी, वाराणसी जेल में बंद बृजेश सिंह, ज्ञानपुर जेल में बंद उदयभान सिंह, देवरिया में बंद अतीक अहमद, फतेहगढ़ में बंद सुभाष ठाकुर के अलावा सुंदर भाटी,  संजीव जीवा, ऊधम सिंह समेत दो दर्जन से अधिक ऐसे अपराधी हैं, जो लंबे समय से एक ही जेल में बंद हैं। व्यवस्था लागू हुई तो इन अपराधियों की जेलों को सबसे पहले बदला जाएगा।

 

 

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