जीएसटी को वास्तविकता में बदलने के लिये परदे के पीछे रहकर कई अधिकारियों ने निभायी अहम भूमिका

नई दिल्ली । संसद के केंद्रीय कक्ष में करीब एक घंटे के कार्यक्रम के बाद भारत ने आजादी के बाद सबसे बड़े कर सुधार की दिशा में कदम बढ़ाया। देश में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की शुरुआत हो गई, इसके साथ ही भारत अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की यह व्यवस्था अपनाने वाले देशों में शामिल हो गया। लेकिन इस महत्वपूर्ण कर सुधार के पीछे कुछ ऐसे लोगों का बड़ा योगदान है, जिन्होंने आजादी के बाद के इस सबसे बड़े कर सुधार के लिये परदे के पीछे रहकर दिन-रात काम किया।

175 से ज्यादा बैठक
जीएसटी पर काम एक दशक से चल रहा था। इसके लिये संविधान में संशोधन किया गया और संसद तथा राज्य विधानसभाओं में इससे संबद्ध पांच कानून पारित किए गए। अगस्त 2016 में संविधान संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद से अधिकारियों की 175 बैठकें हुई। वहीं जीएसटी परिषद की 18 बैठकें हुई। कुल मिलाकर नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के सुचारु क्रियान्वयन के लिए 18,000 से ज्यादा घंटों तक चर्चा हुई।

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