जेडीयू को आशंका, बिहार में दंगे करवाना चाहते हैं तेजस्वी यादव

पटना। देश के बाकी राज्यों की तरह ही बिहार में भी सियासत जारी है. ये समय वो समय है जब विपक्ष के नेताओं की छटपटाहट बढ़ती जा रही है, सभी का एक ही मकसद है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ऐसा माहौल तैयार किया जाए जिस से बीजेपी को हराया जा सके। इसके लिए तमाम विपक्षी दल कोशिश कर रहे हैं। बिहार में तो मामला और गजब का है, जो कुछ समय पहले तक सत्ता की राहों में गलबहियां डाले घूमते थे, उनकी राहें जुदा हो गई हैं, कड़वाहट का बढ़ना लाजमि है, ऐसे ऐसे हमले हुए हैं कि पूछिए मत। और तो और सबसे बड़े खिलाड़ी लालू यादव भी जेल में हैं, कमान उनके बेटे तेजस्वी यादव ने संभाल रखी है, वो हाल ही में बक्सर के नंदन गांव पहुंचे, लोगों से मिलने के लिए।

बक्सर का नंदन गांव वही गांव है जहां पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर हमला हुआ था, पत्थरबाजी हुई थी, इसका आरोप लगा था नंदन गांव के महादलित परिवारों पर, इन्ही परिवारों से मिलने के लिए तेजस्वी यादव इस गांव में पहुंचे थे। मामला साफ है कि तेजस्वी इन लोगों से मिलकर नीतीश सरकार पर हमला करने के लिए मसाला लेने पहुंचे थे. जेडीयू ने इस को भांपते हुए पहले ही दांव चल दिया है, हालांकि आरजेडी भी तैयारी के साथ उतरी है, लालू की पार्टी का आरोप है कि नंदन गांव में महादलित परिवारों पर पुलिसिया अत्याचार किया जा रहा है, नीतीश के साथ हुई घटना का बदला इन परिवारों से लिया जा रहा है, तेजस्वी इन लोगों से मिलकर उनका दर्द बांटने के लिए गए थे।

तेजस्वी ने कथित तौर पर पीड़ित लोगों से मिलकर सरकार पर हमला किया तो जेडीयू की तरफ से फौरन पलटवार आया, कहा गया कि तेजस्वी यादव बिहार में उन्माद फैला रहे हैं, वो दंगा करवाने की फिराक में हैं, वो चाहते हैं कि प्रदेश में दंगा हो जिस से अशांति फैले और इसका फायदा वो उठा लें। ये कहना है कि जेडीयू के प्रवक्ता संजय सिंह का, कहते हैं कि तेजस्वी ने नंदन गांव का दौरा करके लोकतंत्र की सारी मर्यादाओं को तोड़ दिया है, जिन लगों ने मुख्यमंत्री पर पथराव किया उन लोगों से मिल कर तेजस्वी क्या साबित करना चाहते हैं, वो अपराधियों का साथ दे रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई को अत्याचार कह रहे हैं। तेजस्वी राजनीति में लगातार नीचे जा रहे हैं।

इसी के साथ संजय सिंह ने ये भी आरोप लगा दिया कि शायद मुख्यमंत्री पर पथराव की घटना तेजस्वी के इशारे पर ही हुई थी, बिहार की जनता ये जानना चाहती है कि इसके पीछे कौन है। संजय सिंह के आरोप तो गंभीर हैं, लेकिन इस तरह के आरोप अक्सर सियासी दल एक दूसरे पर लगाया करते हैं। सियासी फायदा उठाने के लिए किसी भी हद तक जाना राजनीति का ही एक नवीन सिद्धांत है। तेजस्वी तो हर बात पर नीतीश कुमार और जेडीयू पर हमला बोलते रहते हैं। पता लालू के चारा घोटाले में जेल जाने के बाद से वो थोड़े बौखलाए भी हैं। कोर्ट के फैसले को विरोधियों की साजिश कहते हैं। साक्ष्यों को षड़यंत्र कहते हैं, बिहार की जनता भी सब देख रही है, वो ये देख रही है कि सामाजिक न्याय के नाम पर किस तरह से नेता उनके साथ छल करते आ रहे हैं।

 

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