जैन नहीं चाहते थे अल्पसंख्यक दर्जा: गुजरात बीजेपी अध्यक्ष

27 gujratwww.tahalkaexpress.com अहमदाबाद। राज्य के परिवहन मंत्री और गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष विजय रूपानी ने कहा, ‘भारत में जैन समुदाय अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं चाहता था लेकिन कांग्रेस ने 2014 लोकसभा चुनावों को देखते हुए चुनावों से ऐन पहले यह दर्जा दे दिया।’ रूपानी (जो कि जैन हैं) ने यह बयान शनिवार को अल्पसंख्यक विकास ट्रस्ट द्वारा आयोजित ‘साथ-साथ’ नामक कार्यशाला में दिया। कार्यशाला अल्पसंख्यक दर्जे के लाभों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित की गई थी।
रूपानी ने कहा, ‘कुछ हिंदू विरोधी दल हिंदुओं को बांटना चाहते हैं। हम खुद पर लगे अल्पसंख्यक ठप्पे का विरोध करते हैं। जैन समुदाय हिंदु समुदाय का ही एक हिस्सा है। यह दर्जा कांग्रेस द्वारा जैन वोटों को भुनाने के लिए दिया गया था।’ रूपानी ने आगे कहा कि राज्य में कुछ लोगों ने जैन समुदाय के प्रतिनिधियों के रूप में इस दर्जे की मांग की थी।

उस समय सरकार पटेल आंदोलन के ठंडा पड़ने का इंतजार कर रही थी क्योंकि इससे चीजें और बिगड़ सकती थीं। राज्य सरकार ने 8 मई 2016 को अधिसूचना जारी करके जैन समुदाय को अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा दिया था। रूपानी ने सरकार की युवा स्वावलंबन जैसी योजनाओं पर भी बात की। उन्होनें जैन समुदाय के लोगों से समुदाय के पिछड़े लोगों की मदद करने के लिए कहा। कार्यशाला में लोगों ने कई सरकारी योजनाओं और प्रक्रियाओं की जानकारी मांगी।

कार्यशाला में आई एक सहभागी निशा मेहता ने सरकार से विभिन्न स्कॉलरशिप स्कीम्स के लिए पात्रता निर्धारित करने के दौरान फीस स्ट्रक्चर को भी ध्यान रखने की गुहार लगाते हुए कहा, ‘मेरे परिवार की वार्षिक आय 4.7 लाख रुपये है। इस तरह से मैं स्कॉलरशिप के लिए योग्य नहीं हूं, क्योंकि इसकी अधिकतम सीमा 1 लाख रुपये प्रति वर्ष है। अब मुझे फीस के तौर पर 4.5 लाख रुपये देने होंगे। अगर मुझे स्कॉलरशिप नहीं मिलती है तो मुझे खाना छोड़ना पड़ेगा या मेरे बेटे को मेडिकल की पढ़ाई छुड़वानी पड़ेगी।

 

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