झाबुआ ब्लास्ट: गैस सिलिंडर नहीं, जिलेटिन रॉड्स ने ली जानें

blast13झाबुआ। मध्यप्रदेश के झाबुआ में शनिवार को एक बिल्डिंग में हुएभीषण विस्फोट में मरने वालों की संख्या 89 बताई जा रही है जबकि इस विस्फोट में 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
विस्फोट इतना भीषण था कि लोगों के परखच्चे उड़कर बाहर खड़ी गाड़ियों तक पर गिरे जिससे उनमें भी आग लग गई थी। अस्पताल में भर्ती घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। बिल्डिंग में जिलेटिन रॉड्स, यूरिया और दूसरे विस्फोटक केमिकल्स का अवैध तरीके से भंडारण किया गया था जिसके चलते विस्फोट की तीव्रता बेहद बढ़ गई। बताया जा रहा है कि बिल्डिंग में ही बनी दूकान में स्थानीय कॉन्ट्रैक्टर राजेंद्र कासवा ऐग्रीकल्चर प्रॉडक्ट्स का कारोबार करता था। विस्फोट की खबर के बाद से ही अर्पण अपने चार भाइयों के साथ फरार है।

डिविजनल कमिश्नर संजय दुबे का कहना है कि ‘आरोपी कारोबारी के पास माइनिंग में इस्तेमाल होने वाले विस्फोटकों का लाइसेंस था लेकिन उसने इन विस्फोटकों का यहां अवैध रूप से भंडारण किया हुआ था। फिलहाल उसके खिलाफ मामला दर्ज कर पेटलावाद में उसकी पांच दूकानों और गोदाम को सील कर दिया गया है।’ वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि बिल्डिंग में रखी जिलेटिन रॉड्स में अपने आप विस्फोट नहीं हो सकता है, बल्कि इसके लिए डेटोनेटर की जरूरत होती है। ऐसे में माना जा रहा है कि सिलिंडर ब्लास्ट या शॉर्ट सर्किट इस भीषण विस्फोट का कारण बना हो। वहीं मरने वालों की इतनी अधिक संख्या का कारण विस्फोट का समय माना जा रहा है। उस दौरान बिल्डिंग में बने रेस्ट्रॉन्ट्स में बड़ी संख्या में लोग नाश्ता कर रहे थे।
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने विस्फोट से पहले एक छोटे विस्फोट की आवाज़ सुनी, इसके बाद धुएं का गुबार उठना शुरू हो गया था। पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर इस हादसे पर दुख जताते हुए कहा था कि, ‘झबुआ में हुए भीषण हादसे से मैं बेहद दुखी हूं। पीड़ितों के परिवारों के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूं।’ गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के परिजनों दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने का ऐलान किया है।
 

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