टिकट नहीं मिला तो 200 अखिलेश समर्थक निर्दलीय लड़ेंगे?

collag_mulayamलखनऊ।  समाजवादी पार्टी में यादव परिवार के भीतर फिर से झगड़े की आशंका तभी से जताई जा रही थी जबकि पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने किसी तरह से पिछले झगड़े को दबा दिया था। उसी वक्त से आशंका जताई जा रही थी कि इस परिवार में जिस तरह से महत्वाकांक्षाएं हैं उसमें शांति ज्यादा दिन नहीं चल सकती, टिकटों के बंटवारे के मामले पर तो घमासान तय माना जा रहा और अब हो भी वैसा ही रहा है। समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने 175 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी रविवार को मुलायम सिंह यादव से मुलाकात करके 403 उम्मीदवारों की एक अपनी लिस्ट उन्हें सौंप दी। ऐसे में चाचा-भतीजा एकबार फिर से आमने-सामने खड़े हो गए हैं।

बताया जा रहा है कि मुलायम को जो लिस्ट अखिलेश यादव ने सौंपी है, उसमें खराब इमेज वाले या दागी नेताओं के नाम नहीं हैं। चर्चा ये भी है कि इस लिस्‍ट में गायत्री प्रसाद प्रजापति तक का नाम नहीं है, जिन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पिछले दिनों मंत्रालय में हटाने और वापस लेने को लेकर काफी विवाद हुआ था। बताया जा रहा है कि अखिलेश ने मुलायम को जो लिस्‍ट सौंपी है, उसमें बाहुबली अंसारी बंधु और अतीक अहमद, पत्नी की हत्या के आरोपी अमनमणि त्रिपाठी का नाम नहीं है। इसके अलावा अखिलेश ने अपने उन करीबियों को लिस्‍ट में शामिल किया है, जिनका टिकट शिवपाल यादव ने काट दिया था। अखिलेश ने मौजूदा 35 से 40 मंत्री-विधायकों के टिकट भी काट दिए हैं।

सूत्रों की मानें तो अखिलेश और उनके समर्थक इस बार किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं और अगर नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश वाली लिस्ट को मंजूर नहीं किया तो टीम अखिलेश के करीब 200 से ज्‍यादा विधायक बगावत के लिए भी तैयार हैं। अखिलेश समर्थक अपना टिकट काटे जाने पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। ऐसी स्थिति में एक ही विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के घोषित उम्मीदवार और अखिलेश समर्थक उम्मीदवार के बीच ही मुकाबला हो सकता है, लेकिन ऐसी स्थति में ये भी साफ है कि इसका फायदा तीसरे को मिल जाएगा।

अखिलेश यादव खेमे का हौसला इसलिए भी बढ़ा हुआ है कि क्योंकि सूत्रों की मानें तो कांग्रेस-आरएलडी-जेडीयू चाहते हैं कि गठबंधन होने पर वो अखिलेश यादव के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ें। इन पार्टियों को लगता है कि अगर अखिलेश को सीएम फेस बनाया जाता है तो चुनाव में गठबंधन को फायदा हो सकता है।  लेकिन ये विवाद की एक वजह भी बन गया है क्योंकि मुलायम और शिवपाल इसके लिए तैयार नहीं हैं। वो चाहते हैं कि चुनाव किसी व्‍यक्ति विशेष पर नहीं, बल्कि पार्टी के आधार पर लड़ा जाए, एकजुट गठबंधन पर चुनाव लड़ा जाए, इस राय के पक्ष में अमर सिंह भी बताए जा रहे हैं। अमर सिंह ने शनिवार को लखनऊ में मुलायम सिंह और शिवपाल यादव से मुलाकात की थी। चर्चा थी कि इस मुलाकात में अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की बात को रखा।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button