ट्रिपल तलाक को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है सरकार, अगली कैबिनेट बैठक में हो सकता है फैसला

नई दिल्ली। संसद में ट्रिपल तलाक बिल के अटकने के लेकर केंद्र की मोदी सरकार बड़ा फैसला करने जा रही है. ऐसी खबर है कि सरकार ट्रिपल तलाक पर अध्यादेश ला सकती है और सरकार ने इसके लिए पूरी तैयारी भी कर ली है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में ट्रिपल तलाक को लेकर चर्चा की गई थी. आपको बता दें कि ट्रिपल तलाक बिल राज्यसभा में अटका हुआ है. यह बिल लोकसभा में पारित किया जा चुका है. मुस्लिम समाज में ट्रिपल तलाक की प्रथा को सुप्रीम कोर्ट ने भी असंवैधानिक करार दिया है. कोर्ट के फैसले और केंद्र सरकार द्वारा इस बिल को संसद में लाने का मुस्लिम महिलाओं ने स्वागत किया था.

बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद ऐसा माना जा रहा है कि कैबिनेट की अगली बैठक में ट्रिपल तलाक को लेकर सरकार अध्यादेश ला सकती है. ऐसी खबर है कि इस अध्यादेश में वही प्रावधान होंगे जो कि प्रस्तावित कानून और लोकसभा से पास हो चुके विधेयक में हैं.

शाही इमाम ने AIMPLB को निशाने पर लिया
दिल्ली में 4 अप्रैल को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रदर्शन के विरोध में दिल्ली के शाही इमाम, मौलाना सैयद अहमद बुखारी ने कहा था कि लॉ बोर्ड अपना जुर्म छिपाने के लिए मुस्लिम महिलाओं का गलत इस्तेमाल कर रहा है. महिलाओं के प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा कि इससे नई बिद्दत का जन्म हो रहा है. शाही इमाम के इस बयान को लेकर देवबंदी उलेमाओं ने कहा कि यह जगजाहिर है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और शाही इमाम के आपसी ताल्लुक ठीक नहीं है. महिलाओं के प्रदर्शन का सुन्नत और बिद्दत से कोई लेना-देना नहीं है. देवबंदी उलेमाओं ने कहा कि इस तरह मुस्लिम महिलाओं का सड़कों पर उतरना इस्लामिक इतिहास में अब तक नहीं हुआ है.

सरकार पर शरियत में हस्तक्षेत्र का आरोप
बता दें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार तलाक-ए-बिद्दत को लेकर कानून लेकर आ रही है. ट्रिपल तलाक विधेयक को लोकसभा से मंजूरी भी मिल चुकी है. हालांकि, अभी तक इसे उच्च सदन (राज्यसभा) से मंजूरी नहीं मिली है. इस कानून को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का आरोप है कि सरकार कानून के नाम पर शरियत में हस्तक्षेप कर रही है. पर्सनल लॉ बोर्ड का यह भी आरोप है कि सरकार का मकसद कॉमन सिविल कोड थोपने की है, तीन तलाक पर कानून तो महज दिखावा है. तमाम विपक्षी दल भी तीन तलाक पर कानून के विरोध में है.

सुप्रीम कोर्ट ने तलाक-ए-बिद्दत को माना अपराध
सुप्रीम कोर्ट ने तलाक-ए-बिद्दत, मतलब एक साथ तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में रखा है. कोर्ट ने एक साथ तीन तलाक को गैर कानूनी माना और कानून बनाने की अपील की. तीन तलाक को लेकर जिस विधेयक को लोकसभा से मंजूरी मिली है, उसके मुताबिक एक बार में तीन तलाक देना गैर-कानूनी और अमान्य होगा. आरोप साबित होने के बाद पति को तीन साल तक की सजा हो सकती है. इसके अलावा तलाक-ए-बिद्दत को गैर जमानती अपराध की श्रेणी में रखा गया है.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button