ट्रॉमा सेंटर की जमीन है JINXED, चौथी बार भी PM नहीं तोड़ पाएं मिथ

traumaतहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, लखनऊ/वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जुलाई को अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर आने वाले थे। उन्हें बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन करना था, लेकिन बुधवार की शाम से हो रही जोरदार बारिश से इस बार भी उनका कार्यक्रम रद्द हो गया। वहीं, इस कार्यक्रम के लिए मोदी के मंच को फूल से सजा रहे मजदूर की गुरुवार की सुबह करंट लगने से मौत हो गई। मालूम हो कि इससे पहले पांच बार किसी न किसी कारण से ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन कार्यक्रम कैंसिल करना पड़ा है। इससे एक मिथ बन गया है कि वह जमीन मनहूस (jinxed) है। नरेंद्र मोदी खुद इससे पहले तीन बार इसका उद्घाटन करने का प्रयास कर चुके हैं। लोगों का कहना है कि जिस जमीन पर ट्रॉमा सेंटर बना है, उसमें वास्‍तु दोष है। बीएचयू के संस्थापक महामना मदन मोहन मालवीय चाहकर भी वहां यूनिवर्सिटी नहीं बनवा पाए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले अब तक तीन बार ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन करने में असफल रहे। पहले 14 अक्टूबर 2014 को उन्हें इसका उद्घाटन करना था, लेकिन चक्रवाती तूफान हुदहुद की वजह से उनका प्रोग्राम कैंसिल हो गया था। इसके बाद 25 दिसंबर 2014 को महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती पर भी ट्रॉमा सेंटर के उद्घाटन का प्रस्ताव था, लेकिन वहां जरूरी तैयारी नहीं होने की वजह से प्रधानमंत्री ने इसका उद्घाटन नहीं किया। इसके बाद अब बीते 28 जून 2015 को बारिश के कारण कार्यक्रम स्‍थल पर पानी भर गया जि‍सकी वजह से उन्‍हें उद्घाटन कार्यक्रम कैंसल करना पड़ा था।
बीएचयू में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र ने बताया कि अबतक पांच बार , बीएचयू ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन नहीं हो सका है। इसके पहले पूर्व कुलपति लालजी सिंह के समय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इसके उद्घाटन के लिए टाइम मांगा गया था, जो नहीं मिल पाया था। इसके बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी इसका उद्घाटन करना था, लेकिन वह भी नहीं आ सके थे।
स्थापना स्थल पर बना है ट्रॉमा सेंटर
बीएचयू के प्रोफेसर अरविंद जोशी ने बताया कि जिस जगह ट्रॉमा सेंटर बना है, वहीं महामना भी यूनिवर्सिटी बनाना चाहते थे। इसके साथ ही जमीन पर कई और काम करने की उन्होंने तैयारी भी कर ली थी, लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। इस जमीन पर यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग बनाने की तैयारी महामना ने की ही थी कि बाढ़ आ गई और ये जमीन पानी में डूब गई। इसके बाद यहां पर चांदमारी बनाई गई और बाद में खेती भी होने लगी।
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2004 में रखी गई थी नींव
साल 2004 में प्रधानमंत्री स्वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना के तहत ट्रॉमा सेंटर को बनाने का निर्णय लिया गया था। इसी के तहत बीएचयू के स्थापना स्थल पर ट्रॉमा सेंटर का निर्माण हुआ। इस सेंटर का उद्घाटन करने के लिए नरेंद्र मोदी एक महीने पहले ही आने वाले थे, लेकिन किन्हीं कारणों से कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था।
 बिजली सुधार के लिए करेंगे योजनाओं का शुभारंभ
 पीएम मोदी ट्रॉमा सेंटर के उद्घाटन के साथ ही डीरेका में बिजली सुधार के लिए 571 करोड़ रुपए की योजना का शुभारंभ करेंगे। योजना के तहत पुरानी काशी यानि गंगा के 84 घाटों से शहर की ओर दो किमी के दायरे में आने वाले क्षेत्र में हाइटेंशन और लो-टेंशन तार समेत सभी उपकरण भूमिगत किए जाएंगे। चौक और कज्जाकपुरा में 33 केवी के दो नए उपकेंद्र भी बनाए जाएंगे। इसी योजना के तहत सौर ऊर्जा को भी बढ़ावा दिया जाएगा। 33 केवी उपकेंद्रों पर सौर ऊर्जा के सिस्टम लगाए जाएंगे, ताकि बिजली कटौती के दौरान अंधेरा न हो।
जानिए ट्रॉमा सेंटर के किस फ्लोर पर होंगी क्‍या सुविधाएं
 ग्राउंड फ्लोर- ओपीडी, रजीस्ट्रेशन, सिटी स्कैन, रेडियोलॉजी, रिसेप्शन, एनाउंसमेंट केबिन
फर्स्ट फ्लोर- ओटी (ऑपरेशन थियेटर)
सेकेंड फ्लोर- आईसीयू
थर्ड और फ़ोर्थ फ्लोर- वार्ड
फिफ्थ फ्लोर- विशेष अधिकारी केबिन, कॉन्फ्रेंस रूम
सिक्‍थ फ्लोर- इमरजेंसी वार्ड
टेंथ फ्लोर- मॉडुलर ऑपरेशन थियेटर
एडवांस मॉडुलर ऑपरेशन थियेटर- 3
एडवांस इमरजेंसी ऑपरेशन थियेटर- 1
आईसीयू- 50
कुल बेड- 334
इमरजेंसी- 50
ट्रॉमा सेंटर की खास सुविधाएं
 हर फ्लोर पर मेडिकल गैस लाइन पाइप लाइन सिस्टम
एनेस्थीसिया गैस सप्लाई सिस्टम
ऑटो ऑपरेटेड फायर फाइटिंग सिस्टम
2500 KVA डीजल जेनरेटर इमरजेंसी पावर बैकअप
250 KVA यूपीएस अनकट बिजली सप्लाई, ओटी, आईसीयू और इमरजेंसी
डिजास्टर मैनेजमेंट फैसिलिटी और एडवांस एंबुलेंस
रोबोटिक सर्जरी की सुविधाएं
परिसर में सीसीटीवी कैमरे
 571 करोड़ की योजना का करेंगे शुभारंभ
पीएम मोदी ट्रॉमा सेंटर के उद्घाटन के साथ ही डीरेका में बिजली सुधार के लिए 571 करोड़ रुपए की योजना का शुभारंभ करेंगे। योजना के तहत पुरानी काशी यानि गंगा के 84 घाटों से शहर की ओर दो किमी के दायरे में आने वाले क्षेत्र में हाइटेंशन और लो-टेंशन तार समेत सभी उपकरण भूमिगत किए जाएंगे। चौक और कज्जाकपुरा में 33 केवी के दो नए उपकेंद्र भी बनाए जाएंगे। इसी योजना के तहत सौर ऊर्जा को भी बढ़ावा दिया जाएगा। 33 केवी उपकेंद्रों पर सौर ऊर्जा के सिस्टम लगाए जाएंगे, ताकि बिजली कटौती के दौरान अंधेरा न हो।
ट्रॉमा सेंटर के खास विभाग
नर्सिंग स्टाफ के लिए हर फ्लोर पर अलग स्थान
एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम अलग अलग विभागों की- 44
पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ- 480
मुख्य विभाग- न्यूरो सर्जरी, जनरल सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, आर्थोपेडिक्स, इमरजेंसी
पांच मंजिली पूरी इमारत एयरकंडीशन होगी
तीन बेड पर दो नर्स और आईसीयू में एक बेड पर एक नर्स रहेगी।
 सोशल नेटवर्किंग से जुड़ेंगे एंबुलेंस
खास बात यह होगी कि ट्रॉमा सेंटर में मोबाइल एंबुलेंस होंगे, जो सोशल नेटवर्किंग साइट से भी जुड़े रहेंगे। सोशल नेटवर्किंग पर मरीज की कंडीशन पता चलने के बाद एंबुलेंस को तत्‍काल वहां भेजा जाएगा। इसके साथ ही फर्स्‍ट एड की भी जानकारी दी जाएगी। वहीं, ट्रॉमा सेंटर में मरीजों के लिए फाउंटेन पार्क बनाया जाएगा। इसके अलावा रॉक गार्डन की भी प्लानिंग है। बीएचयू अस्‍पताल से भविष्य में अंडर ग्राउंड रोड बनाने की योजना भी है।
 

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