ठीक उसी जगह रुका अखिलेश का समाजवादी रथ जहां गैंगरेप के बाद हुई थी RLB स्‍टूडेंट की हत्‍या

cm-house-rlbलखनऊ। सीएम अखिलेश का समाजवादी रथ आज ठीक उसी जगह पर रुका जहां 15 फरवरी को आरएलबी स्टूडेंट का शव मिला था। इसके बाद सोशल मीडिया पर एक बार फिर यह घटना ताजा हो गई है। सीएम अखिलेश के हाईटेक रथ को हटाने के लिए क्रेन तक मंगवाई गई, लेकिन रथ टस से मस नहीं हुआ।

इसको लेकर तरह तरह की अजीबोगरीब अफवाहों का बाजार गर्म है। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे् को लेकर जहां सीएम का मजाक उड़ाया जा रहा है, वहीं कई लोग इसे अपशकुन मानते हुए सीएम आवास के पास हुए इस सनसनीखेज क्राइम से जोड़कर देख रहे हैं।

रथ वहीं रुका, जहां हुई वारदात
सीएम अखिलेश यादव ने शुक्रवार को ला मार्टीनियर ग्राउंड से रथ यात्रा की शुरूआत की। सीएम की योजना के मुताबिक वह मर्सडीज बेंज कंपनी दवारा 5 करोड की लागत से तैयार रथ से यात्रा करके लखनऊ में कई स्‍थानों से होते हुए उन्‍नाव तक जाने वाले थे। ला मार्टीनियर ग्राउंड में भव्‍य उद्घाटन के बाद सीएम ने रथ यात्रा शुरू की। इसके बाद महज 500 मीटर दूर चलकर सीएम के इस हाईटेक रथ के चारों पहिए सीज हो गए। काफी मशक्‍कत के बाद भी कोई भी इस रथ की तकनीकी खराबी को दूर नहीं कर पाया। जहां रथ खराब हुआ, वहीं पर चंद महीने पहले 15 फरवरी को सिटी के जानकीपुरम इलाके से गायब नाबालिग का पेड़ से लटकता शव बरामद हुआ था। जांच में सामने आया कि नाबालिग की रेप केे बाद बेरहमी से हत्‍या की गई थी। इसी को लेकर ट्वीटर पर खूब ट्वीट आ रहे हैं।

रेेप के बाद की गई थी नाबालिग की हत्‍या
सोशल मीडिया पर वायरल टवीट में रथयात्रा का उस जगह खराब होना अपशकुन माना जा रहा है। फरवरी 2016 में सीएम आवास सेे महज 500 मीटर दूर इसी जगह पर बने शिव मंदिर केे पास पेड़ पर नाबालिग छात्रा का शव लटकता हुआ पाया गया था। नाबालिग की पहचान राजधानी के जानकीपुरम में रहने वाली 12 वीं की छात्रा के रूप में हुई थी। इस केस की जांच में नाबालिग के साथ बेरहमी से दुष्‍कर्म और हत्‍या की बात सामने आई थी। इतना ही नहीं गिरफतार किए गए आरोपी रिक्‍शाचालकों ने नाबालिग के शव के साथ भी दुष्‍कर्म की बात कबूली थी। हालांकि इस केस में पुलिस केे खुलासे को लेकर तमाम सवालिया निशान खड़े हुए थे। सोशल मीडिया पर अफवाह है कि लडकी को इंसाफ नहीं मिल पाया था, और अब यहीं रथ खराब हुआ, क्‍या ये महज संयोग है या कुछ और।

इन सवालों के नहीं मिले अब तक जवाब
इस सनसनीखेज क्राइम के खुलासे में पुलिस ने आरोपी रिक्‍शाचालकों और दो कैडियों को दोषी मानते हुए खुलासा किया था। पर पुलिस यह नहींं बता पाई थी कि नाबालिग छात्रा वारदात की जगह पर जानकीपुरम से क्‍या करने आई थी। छात्रा की साईकिल और उसका स्‍कूल बैग पुलिस बरामद नहीं कर सकी थी। छात्रा के मोबाइल से कुछ भी आपत्तिजनक कारण नहीं पता लगा था। ऐसे में एक नाबालिग स्‍कूली छात्रा का वारदात की सुनसान जगह अपने आप आने की पुलिसिया कहानी किसी के गले नहीं उतर पाई थी। रिक्‍शाचालकों और कैडी के मुताबिक उन्‍होंने छात्रा के शव से दुष्‍कर्म किया, तो आखिर नाबालिग की हत्‍या किसने की।

क्रेन भी नहीं हटा पाई समाजवादी रथ, हटाते समय क्षतिग्रस्‍त हुआ रथ
सीएम की रथ यात्रा के दौरान जब हाईटेक रथ खराब हुआ ताे सीएम अपनी लैंडरोवर गाडी से काफिले समेत आगे बढ गए। उनकी रथ यात्रा एक रोड शो में तब्‍दील हो गई। इसके बाद जब लोहिया पथ पर खराब हाईटेक रथ को क्रेन की मदद से हटाने की कोशिश की गई, तो रथ टस से मस नहीं हुआ। इस कोशिश में 5 करोड की रथ यात्रा से तैयार रथ का एक हिस्‍सा डैमेज भी हो गया।

मर्सडीज बेंज ने बनाया था रथ, करोडो की लागत से हुआ था तैयार
इस रथ को समाजवादी पार्टी के झंडे के रंग (लाल, हरा) के हिसाब से बनाया गया है।अखिलेश के रथ का निर्माण ‘मर्सडीज़ बेंज’ ने किया है। सीएम की सुरक्षा को देखते हुए इसे बहुत ही हाईटेक और आकर्षक तरीके से डिजाइन किया गया है। रथ में हाइड्रोलिक लिफ्ट लगी है जिससे सीएम अखिलेश छत तक पहुंचकर जनता को संबोधित करेंगे।

रथ में विश्राम, कांफ्रेंस और आफिशियल वर्क निपटाने की व्‍यवस्‍था

सीएम के इस हाईटेक रथ में विश्राम, कांफ्रेंस और कार्यालय की भी व्यवस्था की गई है। कार्यालय को ऐसे बनाया गया है कि जिसमें सीएम सरकारी कामकाज भी निपटा सकें। दस पहिये के इस रथ में छोटा किचन, वाॅशरूम, टॉयलेट भी है।
कांफ्रेंस रूम समेत पूरे रथ की क्षमता 15 लोगों के बैठने की है।

बुलेटप्रूफ है सीएम का हाईटेक रथ

बिलकुल नए ढांचे पर खड़े इस बुलेटप्रूफ रथ के निर्माण में करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसमें जैमर और बार कैमरे भी लगे हैं। इस कैमरे के जरिए सीएम कुछ दूर पहले से भीड़ और काफिले को देख सकेंगे। बस में बड़ी सी एलईडी स्क्रीन पर सीएम अखिलेश की फोटो भी होगी। इस बस को इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे अखिलेश यादव को जनता आसानी से देख सके। बस में इंटरनेट कनेक्टिविटी, वाई-फाई जैसी सुविधाएं भी हैं। रथ में लगी बड़ी एलईडी पर प्रदेश सरकार की योजनाओं का भी जिक्र होगा। पर यह हाईटेक रथ महज 500 मीटर की दूरी पर ही सीज हो गया। इसे एक बडा अपशकुन माना जा रहा है।

 

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