डी एम हरदोई ‎का कारनामा : डीजल दौरा और विकास, हरदोई जिलाधिकारी हैं खास‬

 टेबलेट पी सी की और ग्राम स्वछता समितियों में नियम विरुद्ध केंद्रीकृत खरीद कराने वाले हरदोई के जिलाधिकारी का मनरेगा प्रशासनिक मद से किये गये डीजल व्यय का एक और जी तोड़ मेहनत का कारनामा।

तहलका एक्सप्रेस,लखनऊ/हरदोई। 358486 रूपये का डीजल,7169 km का दिन रात दौरा करने बाद भी डी एम साहब मनरेगा योजना में न मजदूरी दिला पाए न विकास करा पाए। साथियों आज कुछ भ्रामक एवं अपूर्ण सूचनाएं कार्यालय उपायुक्त श्रम रोजगार/संयुक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक,हरदोई द्वार अपने पत्रांक 1923/लेखा-मनरेगा/जन.सू.पत्रा/2015-16 के माध्यम से मनरेगा प्रशासनिक मद के सन्दर्भ में दी गयीं।जिसका मूल्याँकन करने से कुछ तथ्य निकले हरदोई जिलाधिकारी के डीजल खर्च के बारे में। आप भी जाने हमारे शायराना डी एम साहब का डीजल दौरा और विकास मिशन-
जिलाधिकारी के पास तीन गाड़ियाँ हैं UP30G0117 जिसमें 62178 रुपये,UP30G0106 जिसमें 109714 एवं UP32BG 3266 जिसमें 186594 रुपये कुल मिलाकर 358486 रूपये का डीजल मनरेगा प्रशासनिक मद से 1/1/2014 से 22/3/15 यानि पन्द्रह महीनों में डाला गया। यानि 477 लीटर डीजल प्रति माह खर्च किया डी एम साहब ने।365 कार्यदिवस के हिसाब से रोजाना प्रतिदिन पन्द्रह लिटर डीजल खर्च करके औसतन डी एम साहब 150 km क्षेत्र भ्रमण करके मनरेगा कार्यों का भौतिक सत्यापन करते रहे। जबकि 10-12am उन्हें जनता दरबार में शिकायत सुनना होता है,हर माह चार तहसील दिवस,मीडिया के माध्यम से उनके फोटो सेशन प्रेम के चलते यह भी प्रमाणित होता है हफ्तों तो डी एम महोदय मुख्यालय ही नहीं छोड़ते हैं।
इतना ही इंदिरा आवास योजना प्रशासनिक मद,लोहिया आवास प्रशासनिक मद,पोषण मिशन प्रशासनिक मद से भी इन गाड़ियों में इन्ही पन्द्रह माह में डीजल भुगतान होता रहा है। जिसे छिपाने के लिए उपलब्ध करायी गयी सूचना में न किलोमीटर बताये गये न निरिक्षण का स्थान ही बताये गये। इसी क्रम में cdo हरदोई ने 7/12/2013 से 30/6/2014 तक अपनी गाड़ी संख्या UP30G0030,UP30G0196,UP30BTC2872 में क्रमशः117613,111176,17515 यानि कुल मिलाकर 246304 रु एवं उपायुक्त मनरेगा ने अपनी गाड़ी संख्या UP30G0114 में 5/1/2014 से13/3/2015 तक 176574रु का डीजल खर्च किया।मगर प्रशासन की इस तिकड़ी को योजनाओं हेतु न पात्र मिलते हैं न लाभार्थी न ही इन्हीं के गोद लिए गावों का विकास हो पाता है न मनरेगा सम्विदाकर्मियों को महीनों मानदेय का भुगतान किया जाता है। डीजल नहीं साहब ये काजू पिस्ता बादाम एयर कंडीशनर और अन्य भौतिक सुविधाओं का अधिकारिक फण्ड है ।जनता की गाढ़ी कमाई पर प्रशासनिक मौज का किटी पार्टी फण्ड।

 

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