डोकलाम विवाद के बीच बीजिंग में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले NSA अजीत डोभाल

बीजिंग। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ब्रिक्स देशों के दूसरे शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिले. सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में चीन और भारत के बीच जारी तनातनी के बीच यह बैठक हुई.कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर दिन भर चले विचार विमर्श के बाद ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के एनएसए शी से मिले और बातचीत की.

चीन ने कल कहा था कि डोभाल और उनके चीनी समकक्ष यांग जीइची ब्रिक्स एनएसएस बैठक से इतर मिले और द्विपक्षीय संबंधों से जुड़ी ‘‘प्रमुख समस्याओं’’ पर चर्चा की. हालांकि चीन ने डोकलाम में जारी तनातनी का कोई उल्लेख नहीं किया.16 जून को तनातनी शुरू होने के बाद से चीन लगातार कहता आया है कि भारतीय सैनिकों की बिना किसी शर्त वापसी के बगैर कोई सार्थक बातचीत नहीं होगी.आज की बैठक में चीनी अधिकारियों तथा ब्रिक्स देशों के एनएसए ने मीडिया के सामने हाथ नहीं मिलाए.

डोभाल ने ब्रिक्स देशों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नेतृत्व दिखाने का किया आह्वान

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने ब्रिक्स देशों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई समेत क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर नेतृत्व दिखाने का आह्ववान किया. डोभाल ने ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में कहा, ‘‘हमें वैश्विक शांति और स्थिरता पर असर डालने वाले सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ब्रिक्स फोरम का आयोजन करना चाहिए.’’

उन्होंने कहा कि उभरते हुए देशों के पांच सदस्यीय समूह को ‘‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नेतृत्व दिखाने’’ की जरूरत है. चीन के स्टेट काउन्सलर यांग यिची की मेजबानी में हो रही बैठक में अपने संक्षिप्त भाषण में डोभाल ने कहा कि ब्रिक्स देशों को क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के कूटनीतिक मुद्दों पर नेतृत्व की भूमिका निभानी चाहिए, खासतौर से उन क्षेत्रों में जहां उनकी ‘‘आम राय’’ है.

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China: NSA Ajit Doval meets President Xi Jinping in Beijing, along with other BRICS High Representatives.

उन्होंने अपने भाषण में डोकलाम गतिरोध का कोई जिक्र नहीं किया. यांग और डोभाल भारत-चीन सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि हैं. दोनों ने द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कल अलग से बैठक की. माना जा रहा है कि इस बैठक में उन्होंने सिक्किम क्षेत्र के डोकालाम इलाके में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध पर चर्चा की. इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा मुद्दों के लिए ब्रिक्स के उच्च प्रतिनिधियों की सातवीं बैठक राजनीतिक सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग करने और चर्चा करने के वास्ते ब्रिक्स देशों के लिए अहम मंच है.

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि इस बैठक का उद्देश्य ब्रिक्स देशों के बीच रणनीतिक संचार, राजनीतिक परस्पर विश्वास और उनका अंतरराष्ट्रीय प्रभाव बढ़ाना है. इसने कहा था कि इस दौरान वैश्विक शासन, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, आंतरिक सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी. साथ ही बड़े अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्र के मुख्य मुद्दों पर बातचीत होगी.

 

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