डोनल्ड ट्रम्प को लगा मोदी का चस्का, रचा चीन के लिए चक्रव्यूह…अब वर्ल्ड वॉर !

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इस बीच बताया जा रहा है कि अमेरिका के राष्ट्रति ट्रम्प ने ताइवान की प्रेसिडेंट साइ इंग वेन से फोन पर बातचीत की है। खास बात ये है कि 37 साल में ये पहला मौका जब अमेरिका के किसी राष्ट्रपति ने ताइवान के किसी राष्ट्रपति से इस तरह सीधे फोन पर बातचीत की हो। बताया जा रहा है कि ट्रम्प के इस कदम से चीन बेहद नाराज हो गया है। 1979 में अमेरिका और ताइवान के रिश्तों में दरार आई थी। आखिरकार अब जाकर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने ताइवान की राष्ट्रपति से सीधे बातचीत की है। इस बीच पगलाया हुआ चीन कह रहा है कि अमेरिका और चीन के रिश्तों में खटास डालने के लिए ये ताइवान की छोटी चाल है। इसके बाद चीन का कहना है कि इस हरकत से अमेरिका और चीन के रिश्तों पर फर्क नहीं पड़ेगा।

इसके बाद तो चीन ने ट्रम्प को धमकी भरे लहजे में कहा है कि वो नहीं चाहते कि अमेरिका और चीन के रिश्तों में कुछ खटास आए इसलिए सियासत का इस्तेमाल ना ही किया जाए तो बेहतर होगा। चीन का कहना है कि ट्रम्प की इस पहल से चीन नाराज भी है और इस बात को गंभीरता से लिया जा रहा है। इस बीच माना जा रहा है कि ट्रम्प को चीन का ये अंदाज बिल्कुल भी पसंद नहीं आया है। उनका अगला निशाना चीन हो सकता है। दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क यानी अमेरिका के राष्ट्रपति को इस तरह की धमकी देना ये बता रहा है कि चीन किस कदर बौखलाया हुआ है। इस बीच आपको ये भी बता दें कि दक्षिण चीन सागर पर लगातार ड्रैगन अपना कब्जा जमाता जा रहा है और दुनियाभर के मुल्क इस बात का विरोध कर रहे हैं, जिनमें भारत भी शामिल है।

दरअसल डोनल्ड ट्रम्प ने जिस ताइवान की राष्ट्रपति से फोन पर बात की है, इसे चीन ताकत के बल पर अपना हिस्सा मानता रहा है। इसके अलावा अपनी ताकत के बल पर चीन ताइवान को हासिल करने की कोशिश करता रहता है। इस बीच अमेरिका का कहना है कि ताइवान एक स्वतंत्र देश है। 1949 की सिविल वॉर के बाद ताइवान चीन से पूरी तरह अलग हो गया था। अब अमेरिकी राष्ट्रपति का ताइवान की राष्ट्रपति से बात करना चीन को बिल्कुल भी नहीं जम रहा है। आपको बता दें कि इससे पहले भारत भी लगातार चीन की नीतियों का विरोध कर चुका है। चीन पर पाकिस्तान को अवैध हथियारों की मदद करने का भी आरोप लगा है। इस बीच सुनने में आ रहा है कि चीन अमेरिका को वर्ल्ड वॉर की भी धमकी दे रहा है।

 

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