तीन तलाक बिल पर जल्दबाजी कर रही है मोदी सरकारः सपा

नई दिल्ली। तीन तलाक देने पर सजा के प्रावधान को लेकर केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में बिल पेश किया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. सरकार महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिए इस बिल को ला रही है. RJD, BJD समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इस बिल का विरोध किया. विपक्षी पार्टियों ने बिल में सजा के प्रावधान को गलत बताया है. लोकसभा में इस मुद्दे पर बहस हुई.

लाइव अपडेट्स – (लगातार रिफ्रेश करते रहें)

06:10 PM: लोकसभा में तीन तलाक पर बोलते हुए सपा नेता धर्मेंद यादव ने कहा कि भारत सरकार इतने महत्वपूर्ण कानून को बनाने में बहुत जल्दबाजी दिखा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर स्टैंडिंग कमेटी से ही विचार-विमर्श कर लेना चाहिए, ताकि इस कानून को और बेहतर बनाया जा सके. इस दौरान उन्होंने तीन तलाक बिल के तहत तीन साल की सजा को लेकर भी सवाल उठाए.

06:00 PM: लोकसभा में बोलते हुए विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने कहा कि तीन तलाक बिल से इस्लाम खतरे में नहीं हैं, बल्कि मुसलमान मर्दों की जबरदस्ती खतरे में हैं. बाकी कुछ भी खतरे में नहीं है. शरीया को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि शरीया का मतलब कानून नहीं है, बल्कि रास्ता है. उन्होंने कहा कि शरीया का मतलब रास्ता दिखाना है.

06:00 PM: लोकसभा में बोलते हुए विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने मुस्लिम महिलाओं को मिलने वाले कम भरण-पोषण को लेकर भी सवाल किया. इसके लिए उन्होंने पहले की सरकारों पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि शाहबानो को सिर्फ 127 रुपये भरण-पोषण के रूप में दिया गया, जो उनके साथ मजाक था. इसके लिए देश भर में आंदोलन तक किया गया.

05:45 PM: लोकसभा में बोलते हुए विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि आखिर मु्स्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की विश्वसनीयता क्या है? आखिर इसको किसने बनाया है. क्या इस बोर्ड के सदस्य चुन के आते हैं? अगर वो चुनकर नहीं आते हैं, तो उनको मामले में शामिल क्यों किया जाए?

05:40 PM: विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने सदन से सवाल किया, ”मैं 40 साल से मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की आवाज सुन रहा हूं, लेकिन जानना चाहता हूं कि आखिर सही वक्त कब आएगा.” इस पर सदन तालियों से गूंजने लगा और लोगों ने कहा कि वो वक्त आ गया आ गया. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के समय में भी यह सही वक्त आ सकता था, क्योंकि वो महिला  थीं. उनके पास बहुमत भी था, लेकिन उनके समय सिर्फ एक संगठन बना, जिसका नाम है- ऑल  इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ.

05:29 PM: विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने पत्रकार ताया जिनकिंग की कहानी सुनाई. उन्होंने बताया कि ताया जिनकिंग एक पत्रकार थीं और उनके शौहर मोहरिस जिनकिंग ब्रिटिश राज के आखिरी वित्त सचिव थे. ताया जिनकिंग साल 1935 में भारत वापस आईं और एक दिन अपने मित्र व तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर नेहरू के घर गई थीं.

इस दौरान उन्होंने नेहरू से सवाल किया था कि उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है, तो उन्होंने कहा कि हिंदू कोड बिल उनकी सबसे बड़ी कामयाबी है. इस पर पत्रकार ताया जिनकिंग ने नेहरू से फौरन सवाल किया कि क्या सुधार मुसलमान औरत का हक नहीं था? क्या मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए सुधार नहीं होना चाहिए. इस पर नेहरू जवाब नहीं दे पाए थे. उन्होंने कहा था कि इसका वक्त सही नहीं है.

05:29 PM: विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है. इसकी वजह यह है कि ब्रिटेन की आबादी से ज्यादा यानी नौ करोड़ भारतवासी की तकदीर और तड़प का सवाल है.

05:20 PM: एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि सभी तीन तलाक के खिलाफ बिल का समर्थन करते हैं, लेकिन सभी पारिवारिक विवादों को अपराध की श्रेणी में नहीं लाया जा सकता है.

04:23 PM: मीनाक्षी ने कहा कि पीएम मोदी ने जो लालकिले से वादा किया था, वो इस सरकार ने निभाया है. जब तक मुस्लिम बहनों का भाई नरेंद्र मोदी जैसा हो तो उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने एक और शेर पढ़ा, ”माना कि सुनसान घड़ी सख्त बड़ी है, लेकिन मेरे दिल ये तो फक़्त बड़ी है, हिम्मत करो जीने की अभी उम्र पड़ी है.”

04:06 PM: मीनाक्षी ने कहा कि 1986 का कानून महिला को मिलने वाले भत्ते के खिलाफ था. आज जो भी इस बिल का विरोध कर रहे हैं, वो मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की भाषा बोल रहे हैं. कांग्रेस ने जो कानून पेश किया था, उसमें तीन तलाक के खिलाफ कोई नियम नहीं था. आज का दिन उनको समर्पित करती हूं, जिन्होंने शाहबानो के नाम पर इस्तीफा दिया था. 30 साल बाद देश में बहुमत की सरकार है, इसलिए मौका है इस फैसले को लिया जाए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया कोई भी फैसला एक कानून के समान ही है.

03:57 PM: बहस में बीजेपी की ओर से मीनाक्षी लेखी ने कहा कि 22 इस्लामिक देशों में तीन तलाक पर बैन है, लेकिन हमारा देश सेकुलर है फिर भी यहां नहीं हो पाया है. क्योंकि हमारे देश में सियासत के कारण इस पर रोक नहीं लग रही है. उन्होंने कहा कि शरीया क्या है आजकल इस मुद्दे पर कोई बहस नहीं हुई. इसमें तीन तलाक के बाद क्या हो कुछ नहीं लिखा है. तलाक-ए-बिद्दत का मज़हब से कोई लेना-देना नहीं है. इस सदन ने सती प्रथा को रोकने के लिए भी कानून बनाया था, उसमें मौत की सज़ा का प्रावधान था.

मीनाक्षी लेखी बोलीं कि जो मुल्ला-मौलवी तीन तलाक में हस्तक्षेप करते हैं, उनके खिलाफ भी कानून होना चाहिए. वो समाज को गुमराह करते हैं, उनके खिलाफ भी संसद को कानून बनाना चाहिए. 1955-56 से पहले हिंदू धर्म में भी कानूनी रूप से तलाक नहीं ले सकते थे. लेकिन बाद में बदलाव किया गया था, तो ये बदलाव क्यों नहीं हो सकता है. मीनाक्षी ने कहा कि देश में महिलाएं काफी अल्पसंख्यक हैं.

03:49PM: बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कांग्रेस के नेता कह रहे थे कि वो इस बिल में हमारे साथ हैं, इससे मुझे खुशी है. उन्होंने इस दौरान एक शेर भी पढ़ा, ”क्यों बनाते हैं हम ऐसे रिश्ते, जो पल दो पल में टूट जाते हैं.”, ”वादा तो करते हैं ताउम्र साथ निभाने का, लेकिन हल्की से आंधी में गुज़र जाते हैं ”.

उन्होंने कहा कि कुरान में तीन तलाक की इज़ाजत नहीं दी जाती है, लेकिन इसका ईजाद करने वाला कौन है. उन्होंने सुष्मिता देव के सवालों पर कहा कि अगर तीन तलाक हो ही गया तो दोनों पक्षों में समझौता कैसा. इस बिल से तलाक नहीं रुकेगा, लेकिन तलाक-ए-बिद्दत रुकेगा. बिल का मकसद ये ही है.

03:42 PM: बहस में सुष्मिता देव ने कहा कि दो गुटों में दुश्मनी बढ़ाना, दंगा करवाना, इन मामलों में तीन साल की जेल होती है. लेकिन तलाक देने पर भी तीन साल की जेल हो रही है क्या ये सही है. बिल में इस बात पर कोई प्रावधान नहीं है कि महिला को किस तरह पैसा दिया जाएगा, कितना हिस्सा दिया जाएगा और उसका प्रोसेस क्या होगा. सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करती है, तो क्या सरकार महिला आरक्षण बिल पास करवाना चाहेगी. सरकार मैरिटियल रेप को लेकर कानून बनाने पर राजी नहीं है, लेकिन इस बिल को महिला सशक्तिकरण के लिए बता रहे हैं.

03:36 PM: सुष्मिता देव ने कहा कि हम इस बिल का विरोध नहीं कर रहे हैं, जो कमियां हैं उसे सुधारा जाए. उसके लिए इसे स्टैंडिंग कमेटी में भेजना जरूरी है. उन्होंने कहा कि तलाक देने के बाद जब पति जेल चला जाएगा, और उसे बेल भी नहीं मिलेगी. तो क्या वो पत्नी को भत्ता देने पर राजी कैसे होगा. अगर कोर्ट में पति कहे कि मेरा तलाक देने का मकसद नहीं था, मैं बस गुस्से में था. तो महिला किस तरह प्रूफ करेगी कि जो तलाक हुआ है, वह सच्चा है.

03:31 PM: कांग्रेस की ओर से बहस में सुष्मिता देव ने बहस में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था, तब कांग्रेस ने फैसले का खुले तौर पर स्वागत किया था. उन्होंने कहा कि ये बिल काफी छोटा है, बिल में कुछ कमियां हैं. ये एक ऐतिहासिक बिल है, हम इसके साथ हैं लेकिन जो कमियां हैं उन्हें दूर किया जाए. इस बिल के आधार पर तलाक एक अपराध हो जाएगा, लेकिन ये सिविल मामला है.

03:27 PM: कांग्रेस की अपील पर रविशंकर ने कहा कि ये कानून देश के हित में है, विपक्ष जो भी सलाह देगा हम उसे लागू करने की कोशिश करेंगे. 

03:24 PM: कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस बिल में कुछ कमियां हैं, आपने इस बिल में किसी समूह की सलाह नहीं ली है. कभी-कभी हम सोचते हैं कि हम ही सही हैं, लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता. बिल में जो कमियां हैं, वो साथ में बैठकर दूर की जा सकती हैं. इसे हम स्टैंडिंग कमेटी में भेज सकते हैं, जहां सभी पार्टियां मिलकर इस पर बहस कर सकते हैं. इस मुद्दे पर जो सरकार का मत है, वैसा ही मत विपक्ष का भी है. हम इसे टालना नहीं चाहते हैं, लेकिन आम सहमित जरूरी है. इसलिए इसे स्टैंडिंग कमेटी में इस बिल को भेज दिया जाए.

03:17 PM: रविशंकर बोले कि हमने काफी छोटा बिल बनाया है, अगर आप कहेंगे तो जेल जाएंगे. आपको पत्नी के लिए गुजारा भत्ता देना ही होगा. ये सदन कानून बनाती है, लोकसभा हिंदुस्तान की सबसे बड़ी पंचायत है. बिल को सियासत की सलाखों से ना देखा जाए, दलों की दीवारों में बिल को ना बांधा जाए, बिल को मजहब के तराजू पर ना तौला जाए, वोटबैंक के खाते से ना परखा जाए. ये बिल मुस्लिम बहनों की गरिमा का बिल है.

03:13 PM: रविशंकर प्रसाद ने बांग्लादेश, पाकिस्तान में तीन तलाक को लेकर क्या कानून है, उसका जिक्र किया. इस्लामिक मुल्कों ने भी तीन तलाक को रेगुलेट किया है, हमारा देश तो सेकुलर है. सरकार किसी शरीया में दखल नहीं देना चाहती है, ये बिल सिर्फ तीन तलाक पर है. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी माना है.

About 100 cases of  have come to light after Supreme Court’s verdict: Union minister Ravi Shankar Prasad in Lok Sabha

03:10 PM: कानून मंत्री ने कहा कि 2017 में तीन सौ ट्रिपल तलाक हुए, जिसमें 100 सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुए हैं. बांग्लादेश, पाकिस्तान समेत कई देशों में तीन तलाक पर बैन है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में तलाक से पहले नोटिस देने का नियम है.

03:06 PM: रविशंकर प्रसाद ने बयान में सुप्रीम कोर्ट के जजों के बयान को पढ़ा और कहा कि इस फैसले के आधार पर ही हम बिल लेकर आए हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी सुप्रीम कोर्ट में केस में था. बोर्ड ने कहा था कि वह इस मुद्दे को हमारे ऊपर छोड़ दें, लेकिन कोर्ट ने कहा कि वह इस मुद्दे को ऐसे ही नहीं छोड़ेंगे.

03:05 PM: लोकसभा में तीन तलाक बिल पर बहस शुरू. बहस में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को ये फैसला सुनाया कि तीन तलाक गैर कानूनी है. आज ही रामपुर में एक महिला को इसलिए तलाक दिया गया क्योंकि वह देरी से उठी थी.

12:44 PM: विपक्ष की आपत्तियों पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है, ये सम्मान नारी का है.

This bill violates fundamental rights & lacks legal coherence: Asaduddin Owaisi in Lok Sabha 

12:39 PM: बीजेडी ने तीन तलाक बिल का विरोध किया.

12:37 PM: RJD ने तीन तलाक बिल में सजा के प्रावधान का विरोध किया.

12:35 PM: असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि ये बिल संविधान के मुताबिक नहीं है. ओवैसी ने कहा कि तलाक ए बिद्दत गैरकानूनी है, घरेलू हिंसा को लेकर भी कानून पहले से मौजूद है फिर इसी तरह के एक और कानून की जरूरत क्या है?

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Delhi: Inside visuals of BJP Parliamentary party meting underway at Parliament’s Library Building.

09:43 AM: सत्र से पहले बीजेपी संसदीय दल की बैठक, पीएम मोदी, राजनाथ सिंह पहुंचे.

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Delhi: PM Modi & HM Rajnath Singh arrive for BJP Parliamentary party meting at Parliament’s Library Building.

कांग्रेस ने किया समर्थन!

कांग्रेस पार्टी ने तीन तलाक पर इस बिल का समर्थन का ऐलान किया है. कांग्रेस बिल पर कोई संशोधन नहीं लाएगी. कांग्रेस की ओर से सरकार को सिर्फ सुझाव दिए जाएंगे, और सरकार का इस मुद्दे पर समर्थन किया जाएगा.

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि ये बिल संविधान के मुताबिक नहीं है. ओवैसी ने कहा कि तलाक ए बिद्दत गैरकानूनी है, घरेलू हिंसा को लेकर भी कानून पहले से मौजूद है फिर इसी तरह के एक और कानून की जरूरत क्या है?

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को सरकारी बिल नापसंद

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल को महिला विरोधी बताया है. बीते रविवार को लखनऊ में इस संबंध में पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक में तीन तलाक पर प्रस्तावित बिल को लेकर चर्चा की गई. कई घंटों चली बैठक के बाद बोर्ड ने इस बिल को खारिज करने का निर्णय लिया.

इतना ही नहीं ट्रिपल तलाक पर लाए जा रहे इस बिल को बोर्ड ने महिला विरोधी बताया है. साथ ही तीन साल की सजा देने वाले प्रस्तावित मसौदे को क्रिमिनल एक्ट करार दिया है. बोर्ड की मीटिंग में तीन तलाक पर कानून को महिलाओं की आजादी में दखल कहा गया है.

कैसा होगा बिल?

गौरतलब है कि सरकार ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से इस विधेयक को ला रही है. ये कानून सिर्फ तीन तलाक (INSTANT TALAQ, यानि तलाक-ए-बिद्दत) पर ही लागू होगा. इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा.

इसके बाद से किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक वह चाहें मौखिक हो, लिखित और या मैसेज में, वह अवैध होगा. जो भी तीन तलाक देगा, उसको तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है. यानि तीन तलाक देना गैर-जमानती और संज्ञेय ( Cognizable) अपराध होगा. इसमें मजिस्ट्रेट तय करेगा कि कितना जुर्माना होगा.

पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए एक मंत्री समूह बनाया था, जिसमें राजनाथ सिंह, अरुण जेटली,  सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल थे.

ऐसा है प्रस्तावित बिल

– एक साथ तीन बार तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) कहना गैरकानूनी होग

– ऐसा करने वाले पति को तीन साल के कारावास की सजा हो सकती है. यह गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध माना जाएगा.

– यह कानून सिर्फ ‘तलाक ए बिद्दत’ यानी एक साथ तीन बार तलाक बोलने पर लागू होगा.

– तलाक की पीड़िता अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांगने के लिए मजिस्ट्रेट से अपील कर सकेगी.

– पीड़ित महिला मजिस्ट्रेट से नाबालिग बच्चों के संरक्षण का भी अनुरोध कर सकती है. मजिस्ट्रेट इस मुद्दे पर अंतिम फैसला करेंगे.

– यह प्रस्तावित कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा है.

 

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