तो अब “पवन पांडेय” बनेगे “अखिलेश बनाम मुलायम” जंग का आधार, बर्खास्तगी न करके सीधा अखिलेश ने दी हैं “मुलायम” को “चुनौती”

akhilesh-mulayam-iwatchलखनऊ। समाजवादी पार्टी से छह साल के लिए निकाले जाने के 48 घंटे बाद भी यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंत्री पवन पांडे को अपने मंत्रिमंडल से नहीं निकाला है. दिलचस्प बात यह है कि पवन पांडे अब पार्टी में नहीं है, इसके बावजूद भी अखिलेश ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में बरकरार रखा है. संवैधानिक दृष्टि से देखें तो यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि वह किसी को भी छह महीने के लिए अपने मंत्रिमंडल में रख सकते हैं. चाहे वह पार्टी में हो या न हों. भले ही किसी भी दल का हो. वे चाहे विधायक या एमएलसी हो या न हो।

ऐसा आमतौर पर देखने को नहीं मिलता. जब पार्टी से किसी को निष्कासित किया जाता है तो उसे मंत्रिमंडल से भी बाहर कर दिया जाता है. लेकिन अखिलेश ने यहां पवन पांडे को न निकाल कर सीधे-सीधे संगठन को चुनौती दी है. परोक्ष रूप से अखिलेश ने एक प्रकार से मुलायम सिंह को सीधे चुनौती दी है।

इससे साफ साबित होता है कि अखिलेश ने कहीं न कहीं दिखाना चाहते हैं कि वे सपा सुप्रीमो के हर फैसले को मानने के लिए बाध्य नहीं हैं।

समाजवादी पार्टी पर करीबी से नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकर वीरेन्द्र सिंह के मुताबिक, यह बात आने वाले दिनों में एक नया तूफ़ान खड़ा कर सकती है।

उन्होंने कहा कि यही वजह है कि यश भारती सम्मान समारोह में मुलायम नहीं पहुंचे, जबकि वे अब तक के सभी सम्मान समारोह के साक्षी रहे हैं. उनका नाम भी कार्ड पर लिखा था, लेकिन वे नहीं पहुंचे. बता दें कि मुख्यमंत्री खुद उन्हें आमंत्रित करने भी गए थे. आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री को पवन पांडे को हटाना ही पड़ेगा।

दूसरी तरफ यूपी की राजनीति को करीब से देखने वाले रामदत्त त्रिपाठी ने इसे राजनैतिक नूरा कुश्ती करार दिया. उन्होंने कहा कि आशु मालिक को पीटने के आरोप में मुलायम ने पांडे को बर्खास्त कर मुसलमानों को खुश कर दिया तो वहीं अखिलेश ने उन्हें मंत्रिमंडल में बरक़रार रख अयोध्या के पंडितों को. राजनीति में यह सब चलता रहता है. इसका कोई और मायने नहीं निकालने चाहिए।

गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को बड़ा पलटवार करते हुए अखिलेश के करीबी मंत्री पवन पांडे को एमएलसी आशु मलिक के साथ मारपीट करने के आरोपों में समाजवादी पार्टी से 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया था।

सोमवार को पार्टी ऑफिस में छीनाझपटी के बाद आशु मलिक ने आरोप लगाया था कि 5 केडी मुख्यमंत्री आवास पर मंत्री पवन पांडे और भदौरिया ने उन्हें पीटा था. इसकी शिकायत उन्होंने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह से भी की थी।

हालांकि, मंत्री पवन पांडे ने आशु मलिक के आरोपों को खारिज करते हुए उन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था. पवन पांडे ने कहा था कि आशु झूठ बोल रहे हैं. यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है. पांडे ने सवाल पूछा था कि क्या कोई मुख्यमंत्री आवास में किसी को मार सकता है, जहां इतनी सुरक्षा होती है।

उन्होंने कहा मुख्यमंत्री आवास पर हर वक्त सुरक्षाकर्मी मौजूद होते हैं. हर कोने में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. बिना उन्हें देखे और सुरक्षा अधिकारियों से बात किए मेरे खिलाफ कार्रवाई की गई. अगर जांच की गई होती तो अच्छा था. ये एकतरफा निर्णय है, लेकिन मुझे कोई अफसोस नहीं है।

पवन पांडे समाजवादी पार्टी के युवा नेता हैं. उन्होंने 2012 विधान सभा चुनावों में पांच बार के बीजेपी विधायक लल्लू सिंह को हराकर समाजवादी पार्टी को जीत दिलाई थी। 1991 के बाद पहली बार सपा यहां जीत सकी थी। इसी का इनाम अखिलेश यादव ने उन्हें मंत्री बनाकर दिया था।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button