……तो जेडीएस के विधायक इस तरह कांग्रेस के साथ नापाक गठबंधन के साथ नहीं जाते

नई दिल्ली। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कर्नाटक के मुद्दे पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा ‘अगर जेडीएस और कांग्रेस अपने विधायकों को रिजॉर्ट में छिपाकर नहीं रखते और उन्हें अपने क्षेत्र में जाने का मौका मिलता तो, नतीजा कुछ और होता.’

हालांकि इस बयान पर दोबारा सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसा वे सभी विधायक अपने क्षेत्र की जनता की भावना को देखते हुए करते. उनका इशारा था कि जेडीएस के विधायक इस तरह कांग्रेस के साथ नापाक गठबंधन के साथ नहीं जाते क्योंकि जनता की भावना कुछ और थी.

हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप हम पर और खुद कांग्रेस ने बेच दिया अस्तबल

अमित शाह ने कांग्रेस के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हम पर हॉर्स-ट्रेडिंग का आरोप लगाने वाली कांग्रेस ने पूरा का पूरा अस्तबल ही बेच दिया. उन्होंने फिर कहा कि अगर विधायकों को बंद नहीं किया जाता तो फिर जनता ही बता देती कि क्या करना है.

बीजेपी अध्यक्ष के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. उनके बयान में कर्नाटक में सरकार नहीं बना पाने का अफसोस दिख रहा है. बहुमत से महज आठ सीट दूर रहने वाली बीजेपी, दूसरे और तीसरे नंबर की पार्टी कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन को अपवित्र बता रही है.

अमित शाह बार-बार यह दिखाना चाह रहे हैं कि बीजेपी की हार नहीं है, बल्कि जनादेश कांग्रेस के खिलाफ है. 13 सीटों पर बीजेपी की हार नोटा को मिले मतों से भी कम अंतर से हुई है. मतलब महज आठ सीटों के अंतर को पाटना बहुत बड़ी बात नहीं थी.

अमित शाह कर्नाटक में येदियुरप्पा सरकार के ढाई दिनों के भीतर गिरने के बाद मीडिया से कर्नाटक के मुद्दे को लेकर हर सवालों का जवाब देने पहुंचे थे. लेकिन, कांग्रेस और जेडीएस को लेकर उनके तेवर बेहद कड़े थे.

कौन बनेगा कर्नाटक विधानसभा का स्पीकर

हालांकि आने वाले दिनों में कर्नाटक में विधानसभा स्पीकर के चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी उतारने के फैसले पर तो उन्होंने इसे प्रदेश की टीम का मसला बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की. स्पीकर के चुनाव के वक्त शक्ति परीक्षण की नौबत फिर आ सकती है. अगर बीजेपी स्पीकर उम्मीदवार उतारती है तो सदन के भीतर का माहौल कुछ उसी अंदाज में देखने को मिल सकता है.

KUMARSWAMY-RAHUL

लेकिन, बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी इतनी जल्दी जेडीएस और कांग्रेस के गठबंधन को पचाने के लिए तैयार नहीं है. सदन में कुमारस्वामी के नेतृत्व में सरकार ने बहुमत साबित कर भी लिया तो आने वाले दिनों में बीजेपी दोनों ही दलों के बीच खींचतान पर नजर गड़ाए बैठेगी.

सरकार बनाने की उम्मीद जारी रहेगी

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी नेता बी एस येदियुरप्पा आने वाले दिनों में प्रदेश भर में गठबंधन की सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते रहेंगे. उनकी कोशिश होगी 2019 के लोकसभा चुनाव तक पार्टी के पक्ष में माहौल बनाए रखने की. लेकिन, इस बीच संख्या बल साथ होने पर बीजेपी की तरफ से फिर से राज्य में सरकार बनाने की कोशिश की जा सकती है.

दरअसल बीजेपी की चिंता विधानसभा चुनाव से ज्यादा अगले लोकसभा चुनाव की है. अगर 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी के लिए ज्यादा परेशानी हो सकती है. ऐसे में बीजेपी दोनों ही दलों के बीच के बीच मतभेद का इंतजार करेगी.

बीजेपी के तेवर से साफ है कि पार्टी कांग्रेस और जेडीएस के उन विधायकों से संपर्क से गुरेज नहीं करेगी जो कि इस गठबंधन के पूरी तरह से खिलाफ हैं. अबतक ये सभी विधायक रिजॉर्ट में ही कैद हैं.

लेकिन, सदन में बहुमत साबित करने के बाद जब सरकार चलेगी तो आने वाले दिनों में इन विधायकों से संपर्क करना भी मुश्किल नहीं रहेगा. ऐसे में फिर से कर्नाटक के भीतर उठापटक और बदलते सियासी समीकरण की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.

 

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