दिल्लीवाले धरने की राजनीति समझते हैं, वो बेवकूफ नहीं: शीला
नई दिल्ली। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने रविवार को कहा कि दिल्ली सरकार को नियम और कानूनों के तहत काम करना चाहिए. सरकार अपनी मनमानी नहीं कर सकती.
इससे पहले शनिवार को शीला ने कहा था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पहले संविधान पढ़ना चाहिए और उसके बाद दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने के लिए प्रधानमंत्री और संसद से संपर्क करना चाहिए. उन्होंने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) और मुख्यमंत्री के काम संविधान में साफ-साफ बताए गए हैं.
उन्होंने इस बात पर हैरत जताई कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी सोमवार से एलजी अनिल बैजल के कार्यालय में क्यों धरना दिए हुए हैं.
लगातार 3 बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी शीला दीक्षित ने कहा, ‘इसके पीछे उनकी (केजरीवाल) क्या मंशा है?’ उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर शर्मिंदा हैं कि एलजी कार्यालय में धरने की तस्वीरों को एक मुख्यमंत्री इंटरनेट पर जारी कर रहे हैं. अपनी और आम आदमी पार्टी सरकार की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि वह जब 1998 में मुख्यमंत्री बनी थीं तो केंद्र में बीजेपी की सरकार थी और उनके बीच कोई टकराव नहीं हुआ.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भी दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य की मांग की थी पर कभी इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया. शीला ने कहा कि केजरीवाल को यह बात समझनी चाहिए कि दिल्ली एक केंद्र शासित क्षेत्र है. अगर वह यह सोचते हैं कि वह हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसा शासन मॉडल चला सकते हैं तो वह गलत समझ रहे हैं., कांग्रेस नेता ने कहा, ‘पहले उन्हें संविधान पढ़ना चाहिए. यदि उन्हें लगता है कि संविधान में संशोधन की जरूरत है तो उन्हें मोदी जी और संसद से संपर्क करना चाहिए.’
बहरहाल उन्होंने यह भी कहा कि लोग धरने के पीछे की राजनीति समझते हैं क्योंकि ‘वो बेवकूफ नहीं हैं.’
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