दिल्ली : “आप” का बयान चाय पर चर्चा कर किसानों का निवाला मत छीनो…

आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम वीडियो संदेश जारी किया है। कृषि बिल के खिलाफ मोर्चा खोल चुके संजय सिंह ने कहा, “देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि सुबह उपसभापति हमें धरने पर चाय पिलाने आए थे। प्रधानमंत्री जी, इतनी बड़ी लड़ाई को छोटा मत बनाइए।

ये चाय पीने और पिलाने की लड़ाई नहीं है। देश के करोड़ों किसानों के पेट और पीठ पर मारी गई लात और किसानों के छीने गए निवाले की लड़ाई है।”संजय सिंह ने कहा, “देश का अन्नदाता करोड़ों लोगों का पेट भरता है।

आप मुझे जिंदगी भर के लिए निलंबित कर दीजिए

आपका, हमारा सांसदों-मंत्रियों का पेट भरता है. किसान के महान योगदान के सामने चाय छोटी चीज है।” आगे कहा, “विपक्ष के मित्रों ने सदन का बहिष्कार किया है, हमें निलंबित करने मुद्दा नहीं है, आप मुझे जिंदगी भर के लिए निलंबित कर दीजिए।

काले कानून को वापस लेकर किसानों को राहत पहुंचाइए

पूरी जिंदगी निलंबित रहने को तैयार हूं, लेकिन प्रधानमंत्री (primeminister) आप किसान भाइयों का निवाला वापस कीजिए। किसानों के पेट और पीठ पर छुरा मारा गया है, ऐसे में काले कानून को वापस लेकर किसानों (formers) को राहत पहुंचाइए।”

आपको बता दें कि  संसद सत्र के दौरान संसदीय कार्य राज्य मंत्री  वी मुरलीधरन के प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए राज्यसभा के सभापति  वेंकैया नायडू ने राज्यसभा के 8 सदस्यों को 7 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था।

राज्यसभा सांसद  संजय सिंह ने जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया था

ज्ञात हो कि हाल ही में राज्यसभा में नरेंद्र सिंह तोमर के द्वारा लाए गए दो किसान विधेयकों को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया था । जबकि विपक्षी नेता इस विधेयक पर मत विभाजन वोटिंग की मांग कर रहे थे, पीठासीन उपसभापति ने विपक्ष की मांग को खारिज कर दोनों किसान को राज्यसभा से ध्वनि मत से पारित कर दिया। जिसके विरोध में राज्यसभा सांसद  संजय सिंह ने सदन के अंदर अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया था ।

निलंबित हुए सांसदों में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह (Rajya Sabha MP Sanjay Singh) के अलावा टीएमसी के तीन, कांग्रेस के दो तथा सीपीएम के दो सांसद हैं।
सदन के अंदर से ही एक वीडियो जारी कर सांसद  संजय सिंह ने कहा “हम लोग सदन के अंदर ही धरने पर बैठे हैं और तब तक बैठे रहेंगे जब तक सरकार यह है ना बता दे की कल क्यों बिना वोटिंग के नंबर ना होने के बावजूद लोकतंत्र और संविधान का गला घोट कर यह काला कानून पास किया गया” ।

 

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