दिल्ली सरकार को बड़ा झटका, दिल्ली हाई कोर्ट ने 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति रद्द की

kejariwal8नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका देते हुए 21 संसदीय सचिवों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि नियमों को ताक पर रख कर इन सचिवों की नियुक्तियां की गई हैं। कोर्ट ने संसदीय सचिव को ‘लाभ का पद’ मानते हुए इन नियुक्तियों पर सवाल उठाए। इस फैसले का सीधा असर केंद्रीय चुनाव आयोग में संसदीय सचिव नियुक्त किए गए इन 21 विधायकों पर चल रही जांच पर पड़ेगा।

दिल्ली सरकार के 21 संसदीय सचिवों की सदस्यता खत्म करने का मसला पिछले कुछ माह से चुनाव आयोग में चल रहा है। सरकार ने अपने 21 विधायकों को विभिन्न विभागों में जोड़ने के लिए उन्हें संसदीय सचिव का दर्जा दिया था, जिसके खिलाफ राष्ट्रपति को याचिका भेजी गई थी। राष्ट्रपति ने मामले की सुनवाई आयोग को दे दी थी और आयोग में यह सुनवाई अंतिम चरणों में है।

दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला सीधे तौर पर चुनाव आयोग में चल रही जांच को प्रभावित करेगा। इससे आम आदमी पार्टी के इन 21 विधायकों की सदस्यता खतरे में पड़ गई है। चुनाव आयोग ने कुछ दिन पहले ही दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रटरी के. के. शर्मा को एक पत्र लिखा है और उनसे इन 21 संसदीय सचिवों को दी गई सुविधाओं की जानकारी मांगी है।

सूत्र बताते हैं कि इनमें उन्हें दिए गए कार्यालयों और वहां दी गई सुविधाएं, टेलिफोन खर्च, वाहन की सुविधा, ड्राइवरों की बहाली और उन्हें दिए गए स्टाफ की डीटेल जानकारी भेजने को कहा गया था।

 

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