दुःखद : यूपी सरकार में मंत्री और पूर्व टेस्ट क्रिकेटर चेतन चौहान का निधन

Former test cricketer Chetan Chauhan dies : दुःखद : यूपी सरकार में मंत्री और पूर्व टेस्ट क्रिकेटर चेतन चौहान का निधन। चेतन चौहान गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे. कोरोना के बाद किडनी फेल हो गई थीं.

सांस लेने में दिक्कत होने के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में थे भर्ती. 11 जुलाई को कोरोना संक्रमित हुए थे चेतन चौहान। कल से वेंटिलेटर पर थे चेतन।

  • अमरोहा के नौगांव सीट से विधायक थे चेतन चौहान।
  • उनका जन्‍म 21 जुलाई 1947 को उत्‍तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था।
  • इनका पूरा नाम चेतेंद्र प्रताप सिंह चौहान है।
  • उनके पिता आर्मी ऑफिसर थे।
  • 1960 में उनके पिता की पोस्टिंग महाराष्‍ट्र के पुणे में हो गई और वह पुणे आ गए।
  • पुणे के वाडिया कॉलेज से उन्‍होंने स्‍नातक किया है।
  • उनकी पत्‍नी का नाम संगीता चौहान है।
  • भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 40 टेस्ट मैच खेल चुके चेतन चौहान को 1981 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्‍मानित किया गया।
  • क्रिकेट से संन्यास लेकर वह राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे.

क्रिकेट का सफर :-

  • 1969 में चेतन चौहान ने अपना पहला इंटरनेशनल टेस्‍ट मैच खेला था।
  • उन्होंने 1970 के दशक में ज्यादातर क्रिकेट मैच पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर के साथ पारी की शुरुआत करते हुए खेले हैं।
  • चेतन चौहान ने 1981 में अपने करियर का आखिरी टेस्ट मैच खेला।
  • उन्‍होंने 40 टेस्ट मैचों में 2084 रन बनाए थे।
  • चेतन चौहान ने एक भी टेस्ट शतक नहीं जड़ा है।
  • फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में उन्‍होंने 11 हजार रन बनाए हैं।
  • उनकी अपनी क्रिकेट अकादमी भी है।
  • जून 2016 में चेतन चौहान को निफ्ट (NIFT) का चेयरमैन भी बनाया गया था।

राजनीतिक करियर:-

2017 में उत्‍तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में उन्‍होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर अमरोहा जिले की नौगावां सादात विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

Former test cricketer Chetan Chauhan dies:-

  • उन्‍होंने यहां से समाजवादी पार्टी के पूर्व दर्जा प्राप्‍त राज्यमंत्री जावेद आब्दी को हराया था।
  • वह भाजपा के टिकट पर 1991 में अमरोहा से लोकसभा पहुंचे थे।
  • इसके बाद उन्‍होंने फिर 1996 में भाजपा के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
  • 1998 में चेतन चौहान यहां से एक बार फिर सांसद चुने गए।
  • साल 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में भी उन्‍होंने अपनी किस्‍मत आजमाई, लेकिन हार गए।

 

कोरोना के बढ़ते प्रकोप ने पिछले दो हफ्ते में यूपी सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों की जान ले ली है. 

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button