देवरिया शेल्टर हाउस केस: सेक्स रैकेट के खुलासे के बाद सील हुआ बालिका गृह

देवरिया। देवरिया में बालिका गृह की आड़ में चल रहे सेक्स रैकेट के खुलासे के बाद संस्था को सील कर दिया गया है. ज़िले के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में मां विंध्यवासिनी संस्था के बालिका गृह के दस्तावेज़ों को प्रशासन ने अपने कब्जे में लेकर उसे सील कर दिया है. इन दस्तावेज़ों के आधार पर आगे की जांच की जाएगी. बालिका गृह की रेलवे स्टेशन के पास वाली इमारत में करीब ढाई घंटे तक छानबीन के बाद सील किया गया. इस मौके पर भारी संख्या में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे.

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ANI UP

@ANINewsUP

Shelter home that was running illegally in Deoria has been sealed. 24 girls were rescued from the shelter home last night & its managers were arrested. UP CM has constituted a two-member high-level committee for investigation in the incident.

विपक्षी दलों का सरकार पर निशाना

सपा और कांग्रेस ने मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह ने इस घटना को लेकर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की बेटियां डर-डर के जीने को मजबूर हैं.

कांग्रेस नेता अशोक सिंह ने भी घटना की सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि नारी के सम्मान की बात करके सत्ता में आयी भाजपा के शासन में ऐसी वारदात बेहद शर्मनाक हैं.

ये है मामला

देवरिया के इस बालिका गृह में 42 लड़किया थीं जिनमें से 24 लड़कियों को बरामद कर लिया गया है जबकि 18 लड़कियां अभी भी गायब हैं. पुलिस इन लड़कियों की तलाश में जुटी है. मामला तब खुला जब एक लड़की यहां से निकल भागी और पुलिस के पास पहुंची.

डीएम सुजीत कुमार को हटाया गया

प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर देवरिया के जिलाधिकारी सुजीत कुमार को हटा दिया गया है. वह एक वर्ष से वहां जिलाधिकारी के रूप में तैनात थे. उन्हें उस संरक्षण गृह को बंद करने के लिये कई बार पत्र लिखे गये लेकिन उन्होंने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. जांच रिपोर्ट आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

उन्होंने बताया कि संरक्षण गृह को बंद करने का आदेश दिये जाने से छह महीने बाद तक देवरिया के डीपीओ रहे अभिषेक पाण्डेय को निलम्बित कर दिया गया है. उनके बाद दो अधिकारियों नीरज कुमार और अनूप सिंह को उनके विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. इन दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.

सपा के महिला संगठन ने निकाला कैंडल मार्च

बालिका गृह में लड़कियों के साथ घिनौनी हरकत उजागर होने के बाद हर तरफ प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है. इसी कड़ी में सोमवार शाम सपा की महिला संगठन और अनेक संगठन मिल कर एक कैंडिल मार्च निकला. यह कैंडिल मार्च डीएम आवास से चल कर हजरतगंज गांधी प्रतिमा पर समाप्त हुआ. प्रदर्शनकरियों का कहना था की मामले की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए.

समाजवादी पार्टी के तमाम नेता,कार्यकर्ता, महिला सभा और संगठन के लोग ने कहा कि यह एक सांकेतिक प्रदर्शन है. इस प्रदर्शन के माध्यम से समाजवादी मांग करती है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. समाजवादी यूथ ब्रिगेट के प्रदेश अध्यक्ष जावेद ने कहा कि गोरखपुर के अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हुआ था तब भी उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया. प्रदेश सरकार को मासूम और लोगों की जान से खिलवाड़ करने का कोई हक नहीं है. लोगों की आबरू से भी खेलने का हक नहीं है.

जावेद ने कहा आज हम लोग और तमाम युवा संगठन यह मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए और साथ ही इस केस की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए. नहीं तो हम लोग एक बड़ा आंदोलन करेंगे, क्योंकि सरकार पूरी से पूरी तरह से विफल है. सरकार ने जनता को दूसरे मुद्दे पर गुमराह करने का काम किया है. नौजवानों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. किसानों को उनकी उपज का मूल्य नहीं मिल पा रहा है. महिलाओं की सुरक्षा करने में यह सरकार फेल है.

 

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