नए तेवर की नई रणनीति: मानसरोवर से पहले डोकलाम जा रहे हैं राहुल

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी डोकलाम इलाके का जायजा लेने जा रहे हैं. ऐसा राहुल गांधी विदेश मंत्रालय की संसदीय समिति के सदस्य के नाते कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी संसदीय समिति के दौरे पर सिक्कम और अरुणाचल समेत उन इलाकों का दौरा करेंगे, जहां से डोकलाम का इलाका काफी करीब है.

विदेश मंत्रालय की संसदीय समिति के अध्यक्ष शशि थरूर हैं. उनकी अगुआई में संसदीय समिति डोकलाम से सटे सीमावर्ती इलाकों का दौरा करने वाली है. सूत्रों के मुताबिक यह दौरा इसी महीने में हो सकता है. इस दौरे में राहुल गांधी और दूसरे सदस्य हेलीकॉप्टर का भी इस्तेमाल कर इलाके का जायजा ले सकते हैं. जबकि, पिछले साल जून में चीन के साथ हुई तनातनी और उसके बाद आज के हालात को लेकर सेना के अधिकारियों से भी कुछ जानकारी लेंगे.

पिछले साल 16 जून को भारत-भूटान और चीन की सीमा के बीच स्थित डोकलाम इलाके में चीनी सेना को सड़क बनाने से भारतीय सेना ने रोक दिया था. उसके बाद वहां 73 दिनों तक दोनों ही देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी रही थीं.

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धीरे-धीरे दोनों पक्षों में तनातनी के बावजूद सहमति बनी और पहले की तरह दोनों देशों की सेनाएं एक कदम पीछे हट गईं थीं. भारतीय सेना के इस कदम और उस वक्त मोदी सरकारी के कड़े तेवर को लेकर देश-विदेश में काफी चर्चा हुई थी. चीन के सामने आंख से आंख मिलाकर बात करने की मोदी सरकार की रणनीति और उसके बाद कूटनीति को लेकर देश के भीतर भी काफी तारीफ हुई थी. बीजेपी ने इसे अपनी सरकार की सफल नीति और चीन से सामने नहीं झुकने की नीति को खूब प्रचारित भी किया था.

कांग्रेस ने पीएम को डोकलाम पर लगातार घेरा था

लेकिन, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने लगातार भारत सरकार पर चीन को लेकर रणनीति में चूक का आरोप लगाना शुरू कर दिया. कांग्रेस लगातार आरोप लगाती रही है कि भारत सरकार की तरफ से डोकलाम मुद्दे पर अपने कदम पीछे खींच लिए गए थे, उसके बावजूद चीन का डोकलाम इलाके में सड़क बनाने का काम जारी है. यहां तक कि चीन ने डोकलाम से सटे इलाके में कई स्थाई निर्माण भी कर लिया है.

सूत्रों के मुताबिक, संसदीय समिति के सदस्यों के साथ विचार-विमर्श के दौरान राहुल गांधी ने डोकलाम इलाके को लेकर ऐसा विवाद होने के पीछे चीन के मकसद के बारे में भी जानने की कोशिश की थी. इसके अलावा डोकलाम इलाके में चीन की तरफ से बनाए गए निर्माण कार्य का भी जिक्र किया था. लेकिन, भारतीय अधिकारियों ने इस मुद्दे पर कहा था कि चीन का निर्माण-कार्य भारतीय इलाके में बिल्कुल नहीं है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में दिल्ली में जनाक्रोश रैली के दौरान चीन को लेकर भारत की नीति को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला. राहुल ने कहा था कि बिना किसी एजेंडे के मोदी चीन के दौरे पर गए हैं. राहुल ने ट्वीट कर कहा था, ‘प्रिय प्रधानमंत्री, मैंने आपकी ‘बिना एजेंडा वाली’ चीन यात्रा की लाइव टीवी फीड देखी है. आप तनाव में लग रहे थे’. ‘आपको मैं कुछ याद दिलाता हूं. पहला मुद्दा डोकलाम का है और दूसरा सीईपीसी का है. सीपीईसी पीओके से गुजर रहा है जो भारत का हिस्सा है.’

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि ‘भारत आपको इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुनना चाहता है, हमारा समर्थन आपके साथ है.’ राहुल गांधी के इस ट्वीट में मोदी के चीन दौरे के दौरान डोकलाम और चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरीडोर पर सवाल पूछा गया था.

Photo Source: News-18

राहुल का दौरा नई सियासत को हवा देगा

राहुल गांधी की तरफ से डोकलाम के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जा रहा है. कांग्रेस भी लगातार डोकलाम में सरकार के कदम पीछे खींचने का आरोप लगाती रही है. ऐसे में संसदीय समिति के दौरे और डोकलाम के हालात का जायजा लेने वाली समिति में कांग्रेस अध्यक्ष का सीमावर्ती इलाके में जाना आने वाले दिनों में एक नई सियासत को ही हवा देगा.

सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी इसके पहले विदेश मंत्रालय की संसदीय समिति के दौरे में बहुत कम ही नजर आए हैं. लेकिन, कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, ऐसा बतौर पार्टी अध्यक्ष या अध्यक्ष बनने से पहले बतौर कांग्रेस उपाध्यक्ष अपनी व्यस्तता के चलते वो हर दौरे में नहीं जा पाते हैं.

लेकिन, अब राहुल गांधी का डोकलाम मामले की तहकीकात करने जाने वाली संसदीय समिति के सदस्य के तौर पर उस इलाके में जाने की खबर एक बार फिर से डोकलाम को लेकर सियासत को फिर से नया रंग दे सकती है.

हालांकि राहुल गांधी ने कर्नाटक चुनाव के बाद कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने का ऐलान कर दिया है, बाबा भोले के दर पर लगातार माथा टेक रहे राहुल कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने का ऐलान कर चुके हैं. यह यात्रा इस साल 8 जून से शुरू हो रही है. यानी इसके पहले राहुल गांधी डोकलाम के दौरे से वापस आ चुके होंगे. गौरतलब है कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए चीन की सीमा से होते हुए गुजरना होता है. लेकिन, उसके पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का डोकलाम से लौटकर चीन को लेकर दिया गया बयान गौर करने लायक होगा.

 

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