नगालैंड में बिगड़े हालात थोड़े काबू में आए, असम राइफल्स की तैनाती की गई

कोहिमा। नगालैंड में स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के विरोध में पिछले कुछ दिनों से चल रहा प्रदर्शन गुरुवार को हिंसक हो गया है. उग्र प्रदर्शनकारियों ने राजधानी कोहिमा में नगर निगम और डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर समेत कई सरकारी दफ़्तरों में आग लगा दी. कुछ मंत्रियों के रिश्तेदारों के घरों को भी निशाना बनाए जाने की ख़बर है. कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया है. राज्य में बिगड़ते हालात को देखते हुए असम राइफ़ल्स की 5 टुकड़ियों की तैनाती की गई है और सेना को तैयार रहने के लिए कहा गया है. मोबाइल इंटरनेट को बैन कर दिया गया है और कुछ इलाक़ों में धारा 144 लगा दी गई है. कोहिमा और दीमापुर अभी भी बंद है.

आज हालात थोड़े काबू में आए हैं लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. मंगलवार को दीमापुर और लोंगलेंग ज़िलों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प में दो लोगों की मौत के बाद प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग और उनकी कैबिनेट का इस्तीफ़ा मांग रहे हैं. साथ ही फ़ायरिंग में शामिल सभी पुलिसवालों के तत्काल निलंबन और मारे गए दोनों लोगों को नगा शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. हालांकि फ़ायरिंग के लिए ज़िम्मेदार पुलिसकर्मियों और दीमापुर के पुलिस कमिश्नर का तबादला कर दिया गया है.
इस पर बात करते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि “नगालैंड के डीजीपी एलएल दंगेल ने पैरमिलिट्री, यानी सुरक्षा टुकड़ियों की मांग की थी, लेकिन चुनाव होने के कारण सब व्यस्त हैं इसीलिए असम राइफल्स को तैनात किया जा रहा है.”  वैसे तो असम राइफल्स की नगालैंड में मौजूदगी रहती है क्योंकि वहां आईजी नॉर्थ बैठते हैं लेकिन मामला कानून व्यवस्था से जुड़ा है इसलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी जरूरी थी.

मंत्रालय के मुताबिक नगालैंड के डीजीपी ने जो रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी है उसके मुताबिक वहां हालात खराब हो रहे हैं.  किरेन रिजीजू  ने असम राइफल्स के डीजीपी शोकीन चौहान से बात भी की. उन्होंने बताया कि “राज्य के मुख्यमंत्री को भी खतरा हो रहा है इसलिए खास निर्देश उनके घर की सुरक्षा को लेकर दिए गए हैं.” नगालैंड के मुख्यमंत्री के ठिकानों को दीमापुर में भी टारगेट किया गया है.

नगालैंड ट्राइब्स एक्शन कमेटी (एनटीएसी ) ने युवकों की मौत को लेकर सीएम टीआर जेलियांग और उनकी कैबिनेट से गुरुवार चार बजे तक इस्तीफा मांगा था. एनटीएसी ने गवर्नर पीबी आचार्य को एक मेमोरेंडम में कहा कि चीफ मिनिस्टर और उनकी कैबिनेट ने अर्बन लोकल बॉडीज के इलेक्शन टालने की मांग के खिलाफ जाने का फैसला किया, इसकी वजह से हिंसा के हालात बने.

फायरिंग के दौरान मारे गए लोगों के नाम खरिएसाविजो अवीजो मेहता और बेंदंगनुंगसांग बताए जा रहे हैं. इन्हें नगा शहीदों का दर्जा दिया गया है. एनटीएसी के प्रवक्ता ने कहा कि इन लोगों ने नगा अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी जान दी. एनटीएसी ने उन पुलिस अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड करने की मांग की है जो इस फायरिंग के दौरान मौजूद थे.

 

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