नवजोत सिंह सिद्धू एक्शन मोड में, 500 करोड़ के घोटाले के मामले में 4 परिंटेंडेंट इंजीनियर को किया सस्पेंड

नई दिल्ली। मंत्री बनने के बाद एक भी दिन ऑफिस न पहुँचने पर आलोचकों के निशाने पर आए पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अचानक एक्शन मोड में आ गए हैं। कुल पाँच सौ करोड़ के टैंकर घोटाले में चार सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर( एसई) को सस्पेंड कर दिया है।  माना जा रहा है कि यह सख्त एक्शन सिद्धू ने डैमेज कंट्रोल के लिहाज़ से किया, क्योंकि ख़बरों में कहा जा रहा था कि कपिल के लॉफ्टर चैलेंज शो के अलावा उन्हें न दफ़्तर में बैठने की फ़ुर्सत है और न ही विभागीय कामकाज देखने की। और इसी नाते उन्होंने यह कार्रवाई कर आरोपों से बचने की कोशिश की है

कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद एक साल के दौरान अर्बन डेवलपमेंट के लिए जारी हुए टेंडरों की जांच की है। बड़ी गिनती में टेंडर सिंगल एप्लीकेंट्स को दिए गए हैं। टेंडर तभी अलॉट किया जाता है, जब कम से कम तीन लोगों ने भरा हो। कांग्रेस जनवरी 2016 के बाद से अलॉट हुए टेंडरों की जांच करवा चुकी है। जालंधर में 650 सड़कों के निर्माण के लिए जारी टेंडर में 200 से ज्यादा टेंडर ऐसे हैं, जिसके लिए सिर्फ एक ही बिड आई थी और टेंडर अलॉट कर दिया गया।

सस्पेंड एसई कुलविंदर सिंह को 30 मई को लुधियाना ट्रांसफर किया गया था। वह करीब 20 साल से जालंधर में विभिन्न पदों पर तैनात थे। एक बार उन्हें चुनाव के कारण जालंधर से बदला गया लेकिन तीन-चार महीने में ही वापस आ गए। 2007 से एसई पद पर काम कर रहे कुलविंदर सिंह जालंधर में टिके रहने के कारण कांग्रेस के निशाने पर रहे। कांग्रेस ने अकाली-भाजपा शासन में कुलविंदर सिंह पर सड़कों के निर्माण में गड़बड़ी के आरोप भी लगाए थे। एसई कुलविंदर सिंह और धर्म सिंह पर आरोप है कि सिंगल टैंडर पर करोड़ों रुपए का ठेका देकर ठेकेदार को फायदा पहुंचाया है।

पंजाब सरकार के लोकल बॉडी डिपार्टमेंट ने 22 फरवरी, 2011 को निगमों को लेटर भेजा था कि ई-टेंडर से आने वाली बिड पर विचार किया जाए। 2010 में 10 लाख से ज्यादा के टेंडर की ई-टेंडर से घोषणा की गई। यह भी कहा कि ई-टेंडर से ठेकेदारों के पूल करने की आशंका खत्म हो जाएगी। ई-टेंडर में यदि एक ही बिड आती है और कांट्रेक्टर निगम के एस्टीमेट से कम राशि पर काम करने को तैयार है तो टेंडर दिया जा सकता है।

 

अकाली-भाजपा गठबंधन ने चुनाव में डेवलपमेंट के लिए सभी नियमों को तोड़ते हुए कई जगह छूट दी थी। साल 2012 के चुनाव से पहले फरवरी 2011 में सिंगल टेंडर की मंजूरी दी गई थी। 2017 के चुनाव में भी छूट जारी रही। शहर में 272 करोड़ रुपये से सड़कों के टेंडर जारी किए गए। काम पीआईडीबी की ग्रांट से करवाया और गठित की गई अर्बन डेवलपमेंट कमेटी का चेयरमैन डीसी को बनाया गया था।

मेयर सुनील ज्योति का कहना है कि शहर में डेवलपमेंट के कामों के जो टेंडर लगाए गए हैं, वे पीआईडीबी एक्ट के तहत लगे हैं। डिप्टी कमिश्नर के चेयरमैनशिप वाली कमेटी के प्रस्ताव पारित करने के बाद ही काम हो रहा है। इस मामले में निगम अधिकारी  अपना कोई फैसला नहीं ले रहे हैं।

स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया कि जालंधर नगर निगम के एसई कुलविंदर सिंह, लुधियाना नगर निगम के एसई धर्म सिंह, पवन शर्मा और पीके गोयल को तत्काल प्रभाव से सस्पैंड कर दिया गया है। इन चारों एसई ने पिछली अकाली-भाजपा सरकार में सिंगल टैंडर पर कम अमांउट वाले टैंडर को पास कर सरकारी खजाने को चपत लगाई है।

 

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